श्रीहरिकोटा
श्रीहरिकोटा (Sriharikota) बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) पर स्थित एक बाधा द्वीप है. यह भारत के आंध्र प्रदेश में तिरुपति जिले की शार परियोजना बस्ती में स्थित है. इसमें सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (Satish Dhawan Space Centre) है, जो भारत के दो उपग्रह प्रक्षेपण केंद्रों में से एक है. दूसरा थुम्बा भूमध्यरेखीय रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन, तिरुवनंतपुरम में है.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने श्रीहरिकोटा से पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल और जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल जैसे मल्टीस्टेज रॉकेट का उपयोग करके उपग्रहों को लॉन्च किया.
श्रीहरिकोटा आंशिक रूप से सुल्लुरपेटा मंडल में स्थित है और आंशिक रूप से आंध्र प्रदेश में तिरुपति जिले के टाडा मंडल में स्थित है. पुलिकट झील को बंगाल की खाड़ी से अलग करता है. निकटतम शहर और रेलवे स्टेशन सुल्लुरपेटा है जो श्रीहरिकोटा से 16 किमी पश्चिम में है और तिरुपति सबसे नजदीक शहर है जो 16 किमी की एलिवेटेड रोड श्रीहरिकोटा को मुख्य भूमि से जोड़ती है. यह चेन्नई शहर से लगभग 70 किमी उत्तर में है. इसकी ऊंचाई 1 मीटर है (Location of Sriharikota).
ISRO श्रीहरिकोटा से 100वें लॉन्च का 27 घंटे का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. 29 जनवरी 2025 सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से NVS-02 मिशन की लॉन्चिंग होगी. नाविक सैटेलाइट सीरीज का दूसरा उपग्रह है. इसे GSLV-F15 रॉकेट से छोड़ा जाएगा.
ISRO श्रीहरिकोटा से 100वां लॉन्च करने जा रहा है. यह लॉन्च 29 जनवरी 2025 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से होगा. यह नाविक सैटेलाइट सीरीज का दूसरा उपग्रह है. इसे GSLV-F15 रॉकेट से छोड़ा जाएगा.
केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को बजट 2025 से पहले ही बड़ी खुशखबरी दी है. दरअसल, मोदी सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन (8th pay Commission) के लिए मंज़ूरी दी. इसके साथ ही एक और बड़ा फैसला भी लिया गया. श्रीहरिकोटा में तीसरे लॉन्च पैड के निर्माण को स्वीकृति दी गई है. वर्तमान में वहां दो लॉन्च पैड हैं.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने हाल ही में अपने स्पैडेक्स मिशन की सफल लॉन्चिंग की है, जो भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है। यह लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी रॉकेट के माध्यम से की गई है। इसरो के अनुसार, स्पैडेक्स मिशन स्पेस डॉकिंग में सफलता की ओर बढ़ने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है। सेटेलाइट प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुरेंद्रन ने इस महत्वपूर्ण लॉन्चिंग पर अपने विचार साझा किए हैं। इसरो की यह पहल भारत के विज्ञान और तकनीकी क्षमता को और ऊंचाई पर ले जाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
माना जा रहा है कि इसरो के Spadex मिशन की सफलता ही भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) के बनने और चंद्रयान-4 मिशन की सफलता को तय करेगा. यही वजह है कि इस लॉन्चिंग को बेहद अहम माना जा रहा है.
ISRO ने बताया कि यह तकनीक तब जरूरी होती है जब एक ही मिशन के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए कई रॉकेट लॉन्च की जरूरत पड़ती है. अगर यह मिशन सफल होता है, तो भारत दुनिया का चौथा देश बन जाएगा, जो इस तकनीक को हासिल कर चुका है. अबतक अमेरिका, चीन और रूस के पास ही ये तकनीक है.
ISRO 30 दिसंबर 2024 की रात 9 बजकर 58 मिनट पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर के पहले लॉन्च पैड से SpaDeX मिशन की लॉन्चिंग करेगा. लॉन्चिंग PSLV-C60 रॉकेट से होगी. इस मिशन से इसरो की इज्जत और देश का मान दोनों जुड़ा है. इस मिशन में एक साथ 24 सैटेलाइट्स जा रहे हैं. जानिए क्यों खास है ये मिशन ...
ISRO बड़े मिशन की तैयारी कर चुका है. लॉन्च पैड पर रॉकेट पहुंच चुका है. उसकी ऊपरी नाक में SpaDeX सैटेलाइट लगा दिए गए हैं. इस बार रॉकेट की नाक नुकीली नहीं थोड़ी चपटी है. लॉन्चिंग संभवतः 30 दिसंबर या उससे पहले हो सकती है. इसरो ने फिलहाल तारीख नहीं बताई है. आप यहां देखिए इसरो की बेहतरीन तस्वीरें...
ISRO के भविष्य के सारे मिशन इस इकलौते लॉन्च पर टिके हैं. ये ही तय करेगा कि भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन कैसे बनेगा और चंद्रयान-4 कैसे जाएगा. इस महीने के अंत में इसरो अपना सबसे बड़ा प्रयोग करने जा रहा है. संभावना है कि 30 दिसंबर को SPADEX की लॉन्चिंग हो. लॉन्चिंग PSLV-C60 रॉकेट से की जा सकती है.
ISRO ने यूरोपियन स्पेस एजेंसी के PROBA-03 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया. एक तकनीकी खराबी के बाद 4 दिसंबर 2024 की लॉन्चिंग को टाल दिया गया था. ये मिशन सूरज के कोरोना और उसकी वजह से बदलने वाले अंतरिक्ष के मौसम की स्टडी करेगा.
Proba-3 मिशन में कोई गड़बड़ी दिखने के बाद ISRO ने अब लॉन्चिंग टाल दी है. अब यह पांच दिसंबर 2024 की शाम 4 बजकर 12 मिनट पर होगी. PSLV रॉकेट सैटेलाइट को लेकर लॉन्च के लिए लॉन्च पैड एक पर खड़ा है. जानिए इस मिशन के बारे में सबकुछ.
ISRO 4 दिसंबर 2024 की शाम 4 बजकर 8 मिनट पर यूरोपियन स्पेस एजेंसी का Proba-3 मिशन लॉन्च करने जा रहा है. PSLV-XL रॉकेट इस सैटेलाइट को अपने माथे पर रखकर लॉन्चपैड एक पर तैयार खड़ा है. जानिए इस मिशन के बारे में सबकुछ. एक Video से समझिए पूरी कहानी और कहां देख सकते हैं लाइव...
ISRO 4 दिसंबर 2024 की शाम 04:08 बजे यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) की सैटेलाइट Proba-03 को लॉन्च करेगा. लॉन्चिंग PSLV-XL रॉकेट से की जाएगी. इस मिशन के दो मुख्य उद्देश्य हैं. पहला सूरज के कोरोना की स्टडी करना. दूसरा एकसाथ मल्टी-सैटेलाइट मिशन से संबंधित तकनीक की काबिलियत को दिखाना.
ISRO तैयार है. Chandrayaan-4 अगले चार साल में लॉन्च करने की प्लानिंग है. इस बार ये मिशन कई जटिल तकनीकी घटनाओं का मिश्रण होगा. इस मिशन में कई कमाल की चीजें होंगी. चांद से मिट्टी-पत्थर का सैंपल धरती पर लाया जाएगा. अंतरिक्ष में डॉकिंग-अनडॉकिंग होगी.
ISRO एक बेहद बड़े प्रयोग की तैयारी में जुटा है. भारतीय स्पेस एजेंसी अंतरिक्ष में दो अलग-अलग स्पेसक्राफ्ट को जोड़कर दिखाएगा. दिसंबर के मध्य में इस मिशन की लॉन्चिंग होने की संभावना है. आइए जानते हैं इस मिशन के बारे में...
ISRO के श्रीहरिकोटा स्पेसपोर्ट में अभी दो लॉन्च पैड हैं. लेकिन वह तीसरे लॉन्च पैड को बनाने की तैयारी कर चुका है. इस लॉन्च पैड से वो रॉकेट छोड़े जाएंगे जो दूसरे ग्रहों और ह्यूमन स्पेसफ्लाइट की लिए जरूरी होंगे. जैसे- NGLV रॉकेट. इससे कई तरह के मिशन होंगे. ये रॉकेट लॉन्च पैड पर ही लिटाकर असेंबल किया जाएगा.
साल 2017 में एकसाथ 104 सैटेलाइट लॉन्च करने वाला इसरो का रॉकेट सात साल बाद अब धरती पर वापस लौटा है. सैटेलाइट 6 अक्टूबर 2024 को अटलांटिक महासागर में गिरा. अंतरिक्ष का कचरा फैलने नहीं पाया. 2017 में इस रॉकेट की लॉन्चिंग के साथ ही ISRO का नाम पूरी दुनिया में और ऊंचा हो गया था.
Gaganyaan मिशन की पहली लॉन्चिंग खाली नहीं होगी. उस कैप्सूल में मक्खियां भी भेजी जाएंगी. ताकि लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने पर एस्ट्रोनॉट्स को होने वाली किडनी स्टोन की दिक्कत की स्टडी की जा सके. अंतरिक्ष में कुछ समय बिताने के बाद इन मक्खियों पर क्या असर पड़ा, इसी आधार पर वैज्ञानिक किडनी स्टोन की स्टडी करेंगे.
ISRO प्रमुख डॉ. एस. सोमनाथ ने कहा कि Chandrayaan-4 और 5 की डिजाइन तैयार है. साथ ही अगले पांच साल में 70 सैटेलाइट लॉन्च करने की प्लानिंग है. अगले चंद्रयान मिशन का अप्रूवल सरकार के पास पेंडिंग है. जैसे ही अप्रूवल मिलेगा, चंद्रयान का अगला मिशन तैयार कर दिया जाएगा.
ISRO ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से SSLV-D3 रॉकेट की सफल लॉन्चिंग की. इस रॉकेट की मदद से नया अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट EOS-8 छोड़ा गया है. देखें वीडियो.
ISRO ने सफलतापूर्वक अपने SSLV-D3 रॉकेट की लॉन्चिंग कर ली है. इसी के साथ देश को नया ऑपरेशनल रॉकेट मिल गया है. इसके साथ अंतरिक्ष EOS-8 अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट गया है, जो आपदाओ का अलर्ट देगा. इस मिशन की उम्र एक साल है. आइए जानते हैं इसके बारे में...