सुखबीर सिंह बादल
सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री हैं और शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष हैं (Sukhbir Singh Badal President of Shiromani Akali Dal). वह फिरोजपुर से संसद सदस्य हैं. उन्होंने 2009 से 2017 तक पंजाब के उपमुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया है. वह प्रकाश सिंह बादल के बेटे हैं, जो कई बार पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.
2 दिसंबर 2024 को पंजाब के सुखबीर सिंह बादल ने स्वीकार किया कि अकाली सरकार के दौरान डेरा प्रमुख राम रहीम को माफी दिलाने में उन्होंने भूमिका निभाई थी. सुखबीर बादल के मामले को लेकर अकाल तख्त में पांच सिंह साहिबानों की बैठक हुई, जिसमें उन्हें और शिरोमणि अकाली दल सरकार के दौरान अन्य कैबिनेट सदस्यों को धार्मिक दुराचार के आरोपों के लिए सजा सुनाई गई. इस मामले में सुखबीर बादल को अकाल तख्त ने सुनाई सजा, गोल्डन टेंपल में वॉशरूम-जूठे बर्तन साफ करने का आदेश दिया.
अक्टूबर 2024 में भी सुखबीर सिंह बादल को अकाल तख्त ने 'तनखैया' (धार्मिक दुराचार का दोषी) घोषित किया था.
सुखबीर बादल का जन्म 9 जुलाई 1962 को फरीदकोट में हुआ था (Sukhbir Singh Badal Age). उनकी मां का नाम सुरिंदर कौर है. उन्होंने द लॉरेंस स्कूल, सनावर से स्कूली शिक्षा प्राप्त की. इसके बाद, उन्होंने 1980 से 1984 तक पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से अर्थशास्त्र में एमए ऑनर्स किया और कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी, लॉस एंजिल्स से एमबीए पूरा किया (Sukhbir Singh Badal Education). उन्होंने 21 नवंबर 1991 को हरसिमरत कौर बादल से शादी की है (Married to Harsimrat Kaur Badal). वह 2009 से बठिंडा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से संसद सदस्य हैं.
सुखबीर सिंह बादल फरीदकोट का प्रतिनिधित्व करते हुए 11वीं और 12वीं लोकसभा के सदस्य थे. वह 1998 से 1999 के दौरान प्रधानमंत्री वाजपेयी के मंत्रिमंडल में उद्योग राज्य मंत्री थे. वे 2001 से 2004 के दौरान राज्यसभा के सदस्य भी थे. 2004 में, उन्हें 14वीं लोकसभा के लिए फरीदकोट से फिर से चुना गया. वह जनवरी 2008 में अकाली दल के अध्यक्ष बने. एक साल बाद जनवरी 2009 में, उन्होंने पंजाब के उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. 2012 के पंजाब चुनावों में अकाली दल-भाजपा ने संयुक्त रूप से जीत हासिल की और सुखबीर उपमुख्यमंत्री बने रहे. बादल 2019 में फिरोजपुर लोकसभा क्षेत्र के सदस्य संसद के रूप में चुने गए (Sukhbir Singh Badal Political Career).
अप्रैल 2015 में, मोगा जिले के गिल गांव के पास एक किशोर लड़की और उसकी मां को चलती बस से फेंक दिया गया जिसमें लड़की की मौत हो गई और उसकी मां गंभीर रूप से घायल हो गई. बस का संचालन ऑर्बिट एविएशन कंपनी द्वारा किया जाता था, जिसमें बादल का भी शेयर था, लिहाजा वे बड़े विवाद में फंस गए. बाद में, खबर आई कि पंजाब के मुख्यमंत्री ने लड़कियों के पिता को मुआवजे के रूप में ₹30 लाख दिए (Sukhbir Singh Badal Controversies).
उनका ऑफिशियल ट्विटर हैंडल @officeofssbadal है. उनके फेसबुक पेज का नाम Sukhbir Singh Badal है. वे इंस्टाग्राम पर sukhbir_singh_badal यूजरनेम से एक्टिव हैं.
रेलवे राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने अकाली नेता सुखबीर बादल पर हमले के आरोपी नारायण सिंह चौरा को 'कौम दे हीरे' की उपाधि देने की अपील की है, जिससे अकाली नेता भड़क गए हैं। बिट्टू ने चौरा के कृत्य को धार्मिक भावना से प्रेरित बताया, जबकि अकाली नेता बिक्रम मजीठिया ने उन्हें मानसिक रूप से अस्थिर करार दिया। इस बयान पर राजनीतिक हलकों में तकरार बढ़ गई है।
बीजेपी का विरोध करके सुखबीर बादल यह दिखाना चाहते हैं कि उनका दल अब केंद्र सरकार की नीतियों के अधीन नहीं है. वे पंजाब के किसानों और सिख समुदाय के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैंं. पर पंजाब की जनता क्य उन पर भरोसा करने वाली है?
सुखबीर सिंह बादल को फिर से शिरोमणि अकाली दल (शिअद) का अध्यक्ष चुना गया है. इस चुनाव में 524 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया, जिसमें से 467 पंजाब से थे. सुखबीर सिंह, 22वें अध्यक्ष, पहली बार 2008 में चुने गए थे जब प्रकाश सिंह बादल ने इस्तीफा दिया था. पार्टी विवादों के कारण उन्होंने पिछले साल अस्थायी रूप से इस्तीफा दिया था, लेकिन इस बार निर्विरोध चुने गए.
उत्तर प्रदेश के आगरा में आज शनिवार को करणी सेना की प्रस्तावित 'स्वाभिमान रैली' को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. राणा सांगा जयंती पर आयोजित यह जनसभा एतमादपुर क्षेत्र के गढ़ी रामी गांव में हो रही है. वक्फ (संशोधन) कानून के विरोध में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में शनिवार को भी हिंसा हुई, मुर्शिदाबाद में आज 2 लोगों की हत्या कर दी गई.
सुखबीर बादल को पहली बार 2008 में प्रकाश सिंह बादल के बाद शिअद का अध्यक्ष चुना गया था, तब से 2024 तक वह पार्टी प्रमुख के पद पर रहे. उन्होंने पिछले साल धार्मिक सजा 'तंखवा' का पालन करने के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
शिरोमणि अकाली दल (SAD) की वर्किंग कमेटी ने एक बार फिर सुखबीर सिंह बादल के नाम पर मुहर लगा दी है. 12 अप्रैल को अमृतसर में होने वाली प्रतिनिधियों की बैठक में नए अध्यक्ष का चुनाव होगा, जिसमें 117 विधानसभा क्षेत्रों से आए 567 प्रतिनिधि मतदान करेंगे. पार्टी ने 23 अप्रैल को बठिंडा के तलवंडी साबो में एक बड़ा राजनीतिक सम्मेलन बुलाया है, जहां नवनिर्वाचित अध्यक्ष जनता को संबोधित करेंगे.
श्री अकाल तख्त साहिब के फरमान के बाद चंडीगढ़ में शिरोमणि अकाली दल की कोर कमेटी की बैठक हुई. जिसमें सुखबीर बादल के इस्तीफे पर चर्चा की गई. साथ ही पंजाब में अकाली विरोधी ताकतों से निपटने की भी रणनीति बनाई गई. कोर कमेटी की मीटिंग के बाद अकाली नेताओं की तरफ से क्या कुछ कहा गया? देखें पंजाब आजतक.
देश में ऐसे भी नेता हैं जिन्हें लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों में बहुत बड़ी उम्मीद दिखाई पड़ी, लेकिन उसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में लगा जैसे दुनिया ही उजड़ गई हो.
SAD चीफ सुखबीर बादल ने अपनी धार्मिक सजा पूरी कर ली है. इस दौरान, सुखबीर बादल ने सेवादारी की, पहरेदारी की और गुरुद्वारे में बर्तन भी धोए. भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सुखबीर बादल ने कीर्तन सुना. सुखबीर बादल शुक्रवार को अकाल तख्त में माथा टेकेंगे.
अमृतसर के गोल्डन टेंपल के बाहर शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाने वाले नारायण सिंह चौड़ा की पुलिस रिमांड 3 दिन के लिए बढ़ा दी गई है. स्थानीय अदालत ने रविवार को नारायण सिंह चौड़ा की पुलिस हिरासत 11 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दी है.
पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल पर हुई जानलेवा हमले की घटना को लेकर केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि अकाल तख्त के बाहर जो घटना हुई वो निंदनीय घटना थी.
रवनीत बिट्टू ने कहा कि पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह को मारा गया था, तब अकाली दल कहता था कि बलवंत राजोआना ने इमोशन में आकर बेअंत सिंह को मारा, तो हम अब यही कहते हैं कि अकाली दल अगर बलवंत राजोआना को गले लगा सकता है, तो अब भी बड़ा दिल दिखाए. नारायण सिंह चौड़ा कौम के हीरे हैं. उन्हें सम्मानित करना चाहिए. उनकी तस्वीर म्यूजियम में लगाए.
पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने अपनी जान बचाने वाले दो पुलिस अधिकारियों को गुरुवार को गले लगा लिया. उन्होंने इस मामले में एक भावुक पोस्ट भी सोशल मीडिया पर शेयर की.
Sukhbir Badal: अमृतसर के गोल्डन टेंपल के गेट पर बुधवार को बादल पर फायरिंग की गई. वह धार्मिक सजा के तौर पर गोल्डन टेंपल के गेट पर पहरेदारी कर रहे थे. तभी वहां एक बुजुर्ग शख्स पहुंचा. उसने गेट पर बैठे बादल को देखकर जेब से पिस्टल निकाली. लेकिन वहां बादल की सुरक्षा में तैनात एएसआई जसबीर सिंह और एएसआई हीरा सिंह की सतर्कता की वजह से उन्होंने तुरंत लपककर हमलावर को रोकने की कोशिश की.
एक तरफ सुखबीर बादल पर हुए हमले को नाकाम करने के बाद पंजाब पुलिस अपनी पीठ थपथपा रही है, दूसरी तरफ अकाली दल के नेता नेता बिक्रम सिंह मजीठिया हमलावर नारायण सिंह चौड़ और पंजाब पुलिस के बीच साठगांठ का आरोप लगा रहे हैं. अकाली दल का आरोप है कि हमला पंजाब सरकार के इशारे पर हुआ. देखें पंजाब आजतक.
अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने यह आदेश अकाल तख्त के 'फसील' (मंच) से सुनाया. इसके साथ ही उन्होंने शिरोमणि अकाली दल (SAD) की कार्यसमिति से सुखबीर बादल से पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा लेने की मांग की और छह महीने के भीतर SAD अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों के चुनाव के लिए समिति बनाने का निर्देश दिया.
मजीठिया ने अमृतसर के पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत भुल्लर को संबोधित करते हुए पोस्ट किया कि जब सुखबीर सिंह बादल सेवा कर रहे थे, तब आपके पुलिस अधीक्षक हरपाल सिंह पूर्व आतंकी नारायण चौरा से हाथ मिला रहे थे. इस बारे में आप कब बोलेंगे? क्या आपके पास कोई जवाब है?
सुखबीर सिंह बादल और उनकी कैबिनेट पर सबसे बड़ा इल्ज़ाम तो क़त्ल और बलात्कार के दोषी सिखी की बेकद्री के आरोपी बाबा राम रहीम की मदद करने का ही है. इल्जाम है कि बादल ने अपनी सरकार के रहते हुए उसे माफी दिलवाने में मदद की.
शिरोमणि अकाली दल के नेता और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने गुरुवार को कड़ी सुरक्षा के बीच पंजाब के तख्त श्री केसगढ़ साहिब,आनंदपुर साहिब में सेवादारी की. इस दौरान सुखबीर बादल बर्तन धोते हुए नजर आए.
शिरोमणि अकाली दल के चीफ सुखबीर सिंह बादल पर अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के पास जानलेवा हमला हुआ है. हालांकि, इस अटैक में सुखबीर बादल बाल-बाल बच गए. समय रहते हमलावर को पकड़ लिया गया. शशि तुषार शर्मा के साथ देखें पंजाब आजतक.
शिरोमणि अकाली दल के नेता और पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल इन दिनों हरमंदिर साहिब के गेट पर अपनी धार्मिक सज़ा भुगत रहे हैं. ये सज़ा उन्हें सिखों की सर्वोच्च संस्था अकाल तख्त की ओर से दी गई है. इसी दौरान उन्हें मारने की कोशिश की गई है. इस हमले की इनसाइड स्टोरी जानिए...