तहव्वुर हुसैन राणा (Tahawwur Rana) पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक है, जो 26/11 मुंबई आतंकी हमलों में शामिल होने के आरोप में वांछित है. 2009 में, एफबीआई ने राणा को शिकागो से गिरफ्तार किया था. उसे 2013 में डेनमार्क में एक समाचार पत्र के कार्यालय पर हमले की योजना बनाने और आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को सहायता देने के आरोप में 14 साल की सजा सुनाई गई थी. भारत सरकार ने राणा के प्रत्यर्पण की मांग की थी, जिसे अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2025 में मंजूरी दे दी. अब राणा को भारत लाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है, जहां उन्हें 26/11 हमलों में उनकी भूमिका के लिए न्याय का सामना करना होगा.
तहव्वुरराणा ने पाकिस्तान में चिकित्सा की पढ़ाई की और पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के रूप में कार्य किया. 1997 में, राणा कनाडा चला गया और बाद में वहां की नागरिकता प्राप्त की. उसने 'फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज' नामक एक इमिग्रेशन सेवा कंपनी की स्थापना की, जिसकी एक शाखा मुंबई में भी थी.
राणा की दोस्ती डेविड कोलमैन हेडली (दाऊद गिलानी) से थी, जो पाकिस्तान के हसन अब्दाल कैडेट स्कूल में उसका सहपाठी था. हेडली ने 26/11 हमलों से पहले मुंबई की रेकी की थी, जिसमें राणा ने उसे फर्जी दस्तावेज और वीजा बनवाने में मदद की थी. एफबीआई की जांच में यह सामने आया कि हेडली ने मुंबई में राणा की ट्रैवल एजेंसी की शाखा 'फर्स्ट वर्ल्ड' का उपयोग करते हुए हमलों की साजिश रची थी.
26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा की कस्टडी 12 दिन के लिए बढ़ा दी गई है. उसकी हिरासत बढ़ाने की मांग वाली एनआईए की अर्जी पर कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है
पटियाला हाउस स्थित एनआईए की विशेष कोर्ट ने तहव्वुर राणा की एनआईए कस्टडी 12 दिनों के लिए और बढ़ा दी है. इससे पहले कोर्ट ने 18 दिन की कस्टडी दी थी, जिसे मिलाकर अब कुल 30 दिनों की कस्टडी पूरी हो गई है, जो एनआईए मामलों में अधिकतम सीमा है. एनआईए ने कोर्ट को पिछली पूछताछ की प्रगति और आगे की जांच के लिए कस्टडी की आवश्यकता के बारे में बताया. देखें...
26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा की कस्टडी 12 दिन के लिए बढ़ा दी गई है. उसकी हिरासत बढ़ाने की मांग वाली एनआईए की अर्जी पर कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है.
साल 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा से मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम ने नई दिल्ली में आठ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की है. पुलिस का कहना है कि उसने पूछताछ में सहयोग नहीं किया है, बल्कि हर सवाल के टाल-मटोल जवाब दिए हैं. इस समय वो राष्ट्रीय जांच एजेंसी की हिरासत में है.
26/11 मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा को परिवार से बात करने की मंज़ूरी नहीं मिली है. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी है
26/11 मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा को परिवार से बात करने की इजाज़त नहीं मिली है. एनआईए ने राणा की अर्जी का विरोध करते हुए कहा था कि जांच बेहद संवेदनशील दौर में है और एजेंसी को आशंका है कि राणा परिवार से संपर्क कर कोई अहम जानकारी लीक कर सकता है.
पहलगाम हमले के पीड़ितों के कलेजे को तभी ठंडक मिलेगी जब पाकिस्तान को आर्थिक पाबंदियों की पूरी मार झेलनी पड़े, और आतंकवाद के समर्थन से हमेशा के लिए तौबा करने को मजबूर होना पड़े.
पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के दौरान एनआईए ने तहव्वुर राणा की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि जांच जारी है और यह एक महत्वपूर्ण चरण में है. जांच एजेंसी ने तर्क दिया कि ऐसी आशंका है कि तहव्वुर राणा कुछ जानकारी दे सकता है.
Mumbai Terror Attacks: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को कहा कि जेल में बंद मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को यदि उसके परिजनों से बात करने की इजाजत दी जाए तो वो उनके साथ अहम जानकारी साझा कर सकता है.
मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा ने पटियाला हाउस कोर्ट से अपने परिवार से बात करने की इजाजत मांगी है. इसके लिए उसने एक आवेदन कोर्ट में दायर किया है. कोर्ट ने इसके लिए एनआईए को नोटिस जारी किया है.
दाऊद इब्राहिम, मसूद अजहर और हाफिज सईद ऐसे आतंकी हैं जो पाकिस्तानी सरकार की सरपरस्ती में बैठे हैं और भारत लगातार इन पर एक्शन लेने की अपील करता रहा है. बावजूद इसके पाकिस्तान इन आतंकियों को पनाह देकर दुनियाभर में अपना नापाक चेहरा उजागर करता आया है.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए 26/11 हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा के वॉइस सैंपल लेने की तैयारी में है सूत्रों के मुताबिक एजेंसी जल्द ही कोर्ट में इसके लिए मंज़ूरी मांग सकती है
एनआईए सूत्रों ने बताया कि वॉइस सैंपल लेने की प्रक्रिया एनआईए हेडक्वार्टर में ही की जा सकती है. इसके लिए गृह मंत्रालय के तहत आने वाली सीएफएसएल (CFSL) यानी सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी की एक्सपर्ट टीम की मदद ली जाएगी. वॉइस सैंपल लेने की प्रक्रिया विशेष तौर पर तैयार किए गए नॉइस-फ्री (शोर-रहित) रूम में की जाती है, ताकि सटीक परिणाम मिल सकें.
मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा से राष्ट्रीय जांच एजेंसी रोज 8 से 10 घंटे की पूछताछ कर रही है ताकि 2008 में हुए 26/11 आतंकी हमलों के पीछे की गहरी साजिश का पर्दाफाश किया जा सके
पेन, पेपर और कुरान... तहव्वुर राणा ने NIA से क्या-क्या मांगा? रोज हो रही 10 घंटे की पूछताछ
कन्हैया कुमार एक स्टूडेंट लीडर रहे हैं. जो बातें वो छात्रों से कहते रहे हैं वैसी ही बातें अगर वो बिहार के मतदाताओं से करेंगे तो यह कांग्रेस पार्टी के लिए नुकसानदायक ही साबित होंगी. पिछले दिनों उनके तीन बयान ऐसे ही हैं जो राजनीतिक दृष्टि से आत्मघाती हैं.
जांचकर्ता पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के साथ तहव्वुर राणा के संबंधों की जांच कर रहे हैं. इसके साथ ही, दुबई में बैठे एक हैंडलर से संभावित संबंधों की भी जांच की जा रही है. सूत्रों के मुताबिक, डेविड हेडली के साथ बातचीत की पुष्टि के लिए तहव्वुर राणा की आवाज के सैंपल कलेक्ट किए जा सकते हैं.
पाकिस्तान की आईएसआई और आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के साथ तहव्वुर राणा के संबंधों की जांच की जा रही है. इसके साथ ही दुबई में बैठे एक हैंडलर से संभावित संबंधों की भी जांच की जा रही है.
मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा से NIA की पूछताछ का तीसरा दिन जारी है. एजेंसी आतंकी फंडिंग, स्लीपर सेल, और डेविड हेडली के संपर्कों के बारे में जानकारी जुटा रही है. राणा के यूपी कनेक्शन की भी जांच हो रही है, जहां वह हमले से पहले हापुड़, मेरठ और आगरा गया था.
तहव्वुर राणा से एनआईए ने दो दिन तक 3-3 घंटे सवाल किए. अबतक की पूछताछ में ज्यादातर सवालों के जवाब में उसने याद नहीं या फिर कुछ और कहा. ऐसे में एनआईए के सामने चुनौती है कि हिरासत के दिनों में उससे साजिश के सारे राज उगलवा ले. लिहाजा अब कोर्ट में वॉइस सैंपल कराने के लिए अर्जी देने की भी तैयारी है. देखें न्यूज बुलेटिन.
2008 के मुंबई हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाया गया है. एनआईए को 18 दिन की रिमांड मिली है जिसमें वह राणा से पूछताछ करेगी. राणा से हेडली, हाफिज सईद, पाकिस्तानी सेना और आईएसआई के संबंधों पर सवाल किए जाएंगे. यह गिरफ्तारी आतंकवाद के खिलाफ भारत की बड़ी कूटनीतिक और राजनीतिक जीत मानी जा रही है.