तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तानी (Tehreek-e-Taliban-e-Pakistan) तालिबानियों का गुट है, जिसकी सोच और तौर-तरीके अफगान तालिबान से मिलते-जुलते हैं. यह संगठन साल 2007 में वजूद में आया था. ये संगठन पाकिस्तान सरकार और उसकी सेना के खिलाफ आतंकी गतिविधियां चलता रहता है. TTP के सदस्य ज्यादातर पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान जैसे हिस्सों में सक्रिय हैं. माना जाता है कि इनके लड़ाकों में अधिकतर पश्तून समुदाय से हैं, जो अफगानिस्तान और पाकिस्तान दोनों देशों की सीमा और सीमा से सटे हुए इलाकों में रहते हैं. यही कारण है कि इन्हें अफगान तालिबान का भी साथ मिलता है.
टीटीपी के सदस्य वैसे तो पाकिस्तानी हैं, लेकिन वे खुद को तालिबान के ज्यादा करीब मानते हैं. उनके बनने का इतिहास भी दो विचारधाराओं के बीच की लड़ाई का नतीजा है. दरअसल अमेरिका में ट्विन टावर हमले के बाद अमेरिकी प्रेशर में आए पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाइयां शुरू कीं, जिसमें कई तालिबानी लड़ाके मारे गए थे.
20 फरवरी, 2023 को नंगरहार प्रांत में अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तोरखम सीमा क्रॉसिंग के पास अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान सीमा बलों के बीच गोलीबारी शुरू होने के बाद तालिबान सुरक्षाकर्मी सड़क पर उतर आए.
दक्षिणी वजीरिस्तान पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत का एक आदिवासी बाहुल्य जिला है, जो लंबे समय से इस्लामी आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह रहा है. इसे काफी अराजक क्षेत्र माना जाता है, जो स्वतंत्र पत्रकारों और मानवाधिकार समूहों की पहुंच से बाहर है, जिससे किसी भी जानकारी को स्वतंत्र रूप से सत्यापित करना मुश्किल हो जाता है.
नेशनल असेंबली में पीटीआई के नेता अयूब ने शनिवार को एक चैनल से कहा कि बातचीत का अध्याय अब बंद हो गया है. अयूब ने कहा कि राजनीतिक बातचीत केवल इच्छाओं पर आधारित नहीं होती, बल्कि इसके लिए दृढ़ प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है. जिसे सरकार प्रदर्शित करने में विफल रही है.
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पाकिस्तान को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हिंसा की साजिश पाकिस्तान ने रची है और वह अभी भी आतंकवाद का केंद्र बना हुआ है. 2024 में सेना ने 73 आतंकवादियों को मार गिराया, जिनमें से 60% पाकिस्तानी थे. देखिए VIDEO
सीमा पार हिंसा एक बड़ा मुद्दा बन गया है, जिसमें पाकिस्तान और अफगानिस्तान दोनों एक-दूसरे पर आतंकवादी समूहों को पनाह देने का आरोप लगाते हैं, जो डूरंड लाइन के दोनों ओर सुरक्षा के लिए खतरा हैं.
पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर भीषण गोलीबारी हुई है. खैबर पख्तूनख्वा के बाजौर जिले और अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में मोटार शेल्स दागे गए. सैकड़ों परिवार विस्थापित हुए. पाकिस्तान ने हेलिकॉप्टर से हमला किया, जिसमें नागरिक मारे गए. तालिबान ने जवाबी कार्रवाई का आदेश दिया.
सीमा पार हिंसा एक बड़ा मुद्दा बन गया है, जिसमें पाकिस्तान और अफगानिस्तान दोनों एक-दूसरे पर आतंकवादी समूहों को पनाह देने का आरोप लगाते हैं, जो डूरंड लाइन के दोनों ओर सुरक्षा के लिए खतरा हैं.
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में 17 मजदूरों की किडनैपिंग का केस सामने आया है. ये मजदूर खनन प्रोजेक्ट के लिए काम कर रहे थे. बताया जा रहा है कि इन्हें तब किडनैप किया गया, जब यह बस में सवार हो कर कहीं जा रहे थे. फिलहाल इनमें से 8 को छुड़ा लिया गया है, बाकी की तलाश जारी है.
भारत ने पाकिस्तानी हमले को इस्लामाबाद की 'आंतरिक विफलताओं' को अपने पड़ोसियों पर थोपने की पुरानी आदत करार दिया. दरअसल 24 दिसंबर को पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के कुछ इलाकों में हवाई हमले किए थे, जिसमें उसने आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) को निशाना बनाने का दावा किया था.
पाकिस्तान में इस वक्त भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ (RAW) के खौफ में जी रहा है. ये डर कितना ज्यादा है उसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है पाकिस्तान गिड़गिड़ा रहा है कि भारत उसके आतंकवादियों को मार रहा है. उसके विदेश मंत्रालय की तरफ से भारत पर सीधा-सीधा इल्जाम लगाया जा रहा है.
जिस तालिबान को पाकिस्तान ने बनाया और समर्थन दिया, वही आज उसका सबसे बड़ा दुश्मन बन गया है. लाल मस्जिद ऑपरेशन ने तालिबान और पाकिस्तान के बीच दुश्मनी की नींव रखी, जो अब एक खुली जंग में बदलती हुई दिख रही है.