तेजस्वी यादव
तेजस्वी प्रसाद यादव (Tejashwi Yadav) बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री हैं. साल 2010 में अपने पिता लालू प्रसाद यादव के लिए चुनाव प्रचार करते हुए उन्होंने राजनीतिक करियर की शुरुआत की. 2015 में राघोपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए. 10 अगस्त 2022 को नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री पद की आठवीं बार शपथ ली और तेजस्वी यादव को उप-मुख्यमंत्री का पद मिला (Tejashwi Yadav Deputy Chief Minister of Bihar). वे बिहार के उपमुख्यमंत्री बनने वाले सबसे युवा नेता थे.
2017 में, केंद्रीय जांच ब्यूरो (Central Bureau of Investigation, CBI) ने एक मामला दर्ज किया और प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate, ED) ने यादव के खिलाफ 2004 के भ्रष्टाचार के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के संबंध में एक जांच शुरू की. तेजस्वी ने 2020 के बिहार विधान सभा चुनावों में महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में राष्ट्रीय जनता दल का नेतृत्व किया. राष्ट्रीय जनता दल 75 सीटें जीतकर बिहार में सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी बनी और उन्हें विपक्ष का नेता चुना गया.
तेजस्वी राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) और राबड़ी देवी (Rabri Devi) के सबसे छोटे बेटे हैं. 9 नवंबर, 1989 को जन्मे तेजस्वी नौ भाई-बहन हैं. तेजस्वी सिर्फ नौंवीं पास और स्कूल ड्रॉप आउट (School Drop-out) हैं.
2008 से 2012 तक वे एक पेशेवर क्रिकेटर के तौर पर आईपीएल (IPL) टीम दिल्ली डेयरडेविल्स (Delhi Daredevils) का हिस्सा रहे लेकिन उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला. वे झारखंड क्रिकेट टीम के लिए खेल चुके हैं.
तेजस्वी ने 9 दिसंबर 2021 को दिल्ली में राशेल गोडिन्हो (Rachel Godinho) उर्फ राजेश्वरी यादव से शादी की. राशेल गोडिन्हो ईसाई धर्म से हैं, लेकिन शादी के बाद उनका नाम राजेश्वरी यादव हो गया. राजेश्वरी, दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में रहती हैं. तेजस्वी और राशेल काफी दिनों से दोस्त थे. जस्वी यादव की एक बेटी है, जिसका नाम कात्यायनी है.
उनका ऑफिशियल ट्विटर हैंडल @yadavtejashwi है. उनका फेसबुक पेज Tejashwi Yadav के नाम से है और वे इंस्टाग्राम पर tejashwipdyadav यूजरनेम से एक्टिव हैं.
बिहार में आगमी विधानसभा चुनाव को लेकर आरजेडी तेजस्वी सरकार का नारा दे रही है. इसकी एक सबसे बड़ी वजह ये है कि प्रदेश में नीतीश कुमार के सामने विपक्षी विकल्प के तौर पर तेजस्वी ही खड़े दिखते हैं.
तेजस्वी यादव के बयान के बाद बिहार में सियासी लामबंदी तेज हो गई है. बीजेपी-जेडीयू बिहार को लेकर पूरी रणनीति तैयार करने में जुटी है तो आरजेडी और कांग्रेस में भी मंथन का दौर जारी है. तेजस्वी के इस बयान पर बीजेपी प्रवक्ता ने पलटवार करते हुए कहा कि यही बात अगर पीएम और सीएम योगी इस तरह के बयान दे देते तो वो बातें साम्प्रदायिकता की कैटेगरी में आ जाता है.
वक्फ बोर्ड बिल के मुद्दे पर लालू यादव और तेजस्वी यादव खुल कर मुस्लिम समुदाय के साथ खड़े हो गये हैं. ऐसे में जबकि विपक्ष के ज्यादातर दलों को विरोध बयानबाजी तक सीमित लगता है, आरजेडी का ये जोश बिहार चुनाव में कहीं घाटे का सौदा न साबित हो.
पटना के गर्दनी बाग में मुस्लिम संगठनों ने बिल के खिलाफ प्रदर्शन किया. लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव भी मंच पर मौजूद थे. मुस्लिम संगठनों ने नीतीश कुमार और चिराग पासवान से नाराजगी जताई और उनके इफ्तार पार्टियों का बहिष्कार किया. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि नया संशोधन बिल वापस लिया जाए. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल, मथुरा और बुलडोजर कार्रवाई पर बड़े बयान दिए हैं. देखिए ब्रेकिंग न्यूज
बिहार में वक्फ संशोधन बिल पर मुस्लिम संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया. पटना में बड़ी संख्या में मुस्लिम नेता जमा हुए. लालू यादव और तेजस्वी यादव ने मंच पर पहुंचकर मुस्लिमों को पूरा समर्थन देने का ऐलान किया. तेजस्वी यादव ने कहा, 'आप लोगों की इस लड़ाई में हम पूरी मजबूती के साथ आप सब लोगों के साथ खड़े हैं.'
कांग्रेस ने ये तो साफ कर दिया है कि बिहार चुनाव वो लालू यादव की पार्टी आरजेडी के साथ मिलकर ही लड़ेगी, लेकिन कई पेंच अब भी उलझे हुए हैं - और तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया जाना भी उनमें से एक है.
JDU के नेता नीरज कुमार ने दावा किया है कि बिहार में कांग्रेस ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री उम्मीदवार मानने से इनकार कर दिया है. वहीं, कांग्रेस का कहना है कि चुनाव के बाद इस पर फैसला लिया जाएगा. इसको लेकर RJD विधायक मुकेश रौशन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. देखें उन्होंने क्या कहा.
बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी खास मौकों पर तो बोलती हैं, लेकिन अक्सर चुप रहती हैं. लेकिन, अभी वो नीतीश कुमार से आमने-सामने भिड़ने लगी हैं, और हाल फिलहाल ऐसा कई बार देखा गया है - क्या लालू यादव ने बिहार चुनाव में राबड़ी यादव को कोई टास्क दे रखा है?
बिहार विधानसभा में CAG रिपोर्ट पेश किया गया है. इस रिपोर्ट में राज्य सरकार के वित्तीय प्रबंधन और कई योजनाओं में गड़बड़ी होने की बात कही गई है. नीरा उत्पादन, राज्य में पुल निर्माण, ग्रामीण कार्य विभाग, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना समेत कई परियोजनाओं में गड़बड़ी का खुलासा किया गया है.
बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर इफ्तार पार्टी का आयोजन कर सियासी रणनीति बनाई जा रही है. आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने इफ्तार पार्टी का आयोजन किया है. जिसमें कांग्रेस के नेता नजर नहीं आए. पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस भी इफ्तार पार्टी में शामिल हुए हैं.
राष्ट्रीय जनता दल की नेता और लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी ने कहा कि नीतीश कुमार दावा करते हैं कि बिहार में जो भी अच्छा हुआ है, वह 2005 के बाद हासिल हुआ है, जब वे सत्ता में आए थे. क्या उनका जन्म भी उसी साल हुआ था?
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि बिहार अब भी विकास के मामले में देश में सबसे पीछे है और "डबल इंजन" सरकार के बावजूद केंद्र से राज्य को उपेक्षित किया जा रहा है.
लालू यादव ने मोतिहारी में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में सरकार बनाने की अपील की. जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि बिहार के युवा भ्रष्टाचार के आरोपी तेजस्वी यादव को कभी मुख्यमंत्री नहीं बनने देंगे. लालू यादव ने दावा किया कि तेजस्वी को कोई रोक नहीं सकता. देखिए लालू का बयान.
राबड़ी देवी की सलाहियत सिर्फ कटाक्ष नहीं है, उसमें बड़ा राजनीतिक मकसद छुपा हुआ है, जिससे नीतीश कुमार को परिवारवाद की राजनीति के दायरे में लाकर बीजेपी को भी आसानी से कठघरे में खड़ा किया जा सके.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी पर सियासी घमासान छिड़ गया है. कई मुस्लिम संगठनों ने इस पार्टी का बहिष्कार करने का फैसला किया है. इमारते शरिया समेत कई संगठनों ने वक्फ संशोधन बिल 2024 के विरोध में यह कदम उठाया है. इस मौके का फायदा उठाते हुए आरजेडी ने नीतीश कुमार पर हमला बोला है. वहीं एनडीए के नेता नीतीश कुमार का बचाव करते हुए आरजेडी पर पलटवार कर रहे हैं. चुनावी माहौल में यह मुद्दा गरमा गया है.
बिहार में नीतीश कुमार द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी को लेकर सियासी बहस छिड़ गई है. भाजपा ने तेजस्वी यादव पर टीका मिटाने का आरोप लगाया है. राजद ने इसे फर्जी खबर बताया है. इफ्तार पार्टी में शामिल होने को लेकर तुष्टिकरण की राजनीति के आरोप-प्रत्यारोप हो रहे हैं. राष्ट्रगान के अपमान का मुद्दा भी उठा है.
बिहार में सियासपाी रा चढ़ चुका है, लेकिन इस बार मुद्दा विकास नहीं, बल्कि इफ्तार है. सीएम नीतीश कुमार इफ्तार की मेज सजाने वाले हैं. और इस बार मेहमानों की लिस्ट में खास नाम है- बीजेपी. क्या ये बीजेपी की मुस्लिम वोट बैंक में सेंधमारी की कोशिश है? क्या इफ्तार के पीछे गहरी सियासी चालें बिछाई जा रही हैं? देखें दंगल.
देश में इस वक्त धर्म की सियासत अपने चरम पर है. बिहार से लेकर महाराष्ट्र तक और यूपी से लेकर बंगाल तक घमासान जारी है. लेकिन बिहार में इस साल चुनाव होने हैं. ऐसे में वहां हर मुद्दे पर सियासी पिच तैयार की जा रही है. तेजस्वी यादव की इफ्तार पार्टी पर NDA के नेता सवालों की लंबी लिस्ट के साथ हमले कर रहे हैं. देखें शंखनाद.
तेजस्वी ने कहा कि लगातार कुछ न कुछ सामने आ रहा है. खुद मुख्यमंत्री ने 2020 के चुनाव में अपनी आखिरी सभा पूर्णिया में की थी, जहां उन्होंने घोषणा की थी कि ये उनका आखिरी चुनाव होगा... यह सवाल भी उठ रहा है कि आज की परिस्थिति में बिहार में सरकार कौन चला रहा है? उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि नीतीश खुद से ही रिटायरमेंट लें लें तो ज्यादा अच्छा है.
तिलक के बाद तेजस्वी ने पहनी टोपी, दावत पर गरमाई बिहार की सियासत!
बिहार में चुनावी माहौल के बीच तेजस्वी यादव के टीका और टोपी पर सियासी विवाद छिड़ गया है. दरभंगा में मंदिर जाने के बाद इफ्तार पार्टी में टीका हटाकर पहुंचे तेजस्वी पर बीजेपी ने हमला बोला है. बीजेपी नेताओं ने इसे वोट बैंक की राजनीति करार दिया है. वहीं आरजेडी ने बीजेपी पर दोहरे मापदंड का आरोप लगाया है.