'द लैंसेट' (The Lancet) एक साप्ताहिक मेडिकल जर्नल है. यह अपनी तरह की सबसे पुरानी पत्रिकाओं में से एक है. इस मेडिकल जर्नल दुनिया की सबसे अधिक प्रभाव वाली अकादमिक पत्रिकाओं में से एक है. इसकी स्थापना 1823 में इंग्लैंड में थॉमस वाकले ने की थी. वह एक सर्जन थे. दरअसल लैंसेट (स्केलपेल) एक शल्य चिकित्सा उपकरण है, जिसके नाम पर इस जनर्ल का नाम रखा गया. लैंसेट का स्वामित्व 1991 से एल्सेवियर के पास है. पत्रिका के संपादकीय कार्यालय लंदन, न्यूयॉर्क शहर और बीजिंग में हैं.
यह जनर्ल रिसर्च आर्टिकल्स, रिव्यू आर्टिकल्स, एडिटोरियल, बुक रिव्यू, साथ ही समाचार और केस रिपोर्ट प्रकाशित करती है.
मई 2024 में द लैंसेंट ने कोरोना पर एक लेख प्रकाशित किया, रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर के देशों सार्वजनिक स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा सटीक हो गए हैं. जर्नल में लिखा है कि अगर लोगों की सेहत पर ध्यान देना या लोगों के हिसाब से स्वास्थ्य नीतियां बनानी हैं तो रीयल टाइम डेटा की जरुरत होगी. साथ ही जरूरत है देशों और कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को एक साथ कड़े और सख्त कदम उठाने की. ताकि बीमारियों का सर्विलांस सही तरीके से किया जा सके (The Lancet COVID-19 Report).
हाल ही में अतरराष्ट्रीय अनुसंधान एजेंसी The Lancet की रिपोर्ट आई और उसमें बताया गया कि भारत में कैंसर के मरीजों की मृत्यु दर अमेरिका और चीन के मुकाबले ज्यादा है. इसके क्या कारण हैं, ये जानने के लिए आजतक की टीम ने मैक्स हॉस्पिटल की Oncology डिपार्डमेंट की हेड डॉक्टर मीनू वालिया से खास बातचीत की.