मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया है कि तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर बालाजी मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी और अन्य सड़े हुए पदार्थों की मिलावट की गई है. इस खुलासे के बाद बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है (Tirupati Prasad Controversy).
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में ही एक रिट भी दाखिल की गई है. पहले भेजी पत्र याचिका को ही रिट बनाया गया है.
याचिकाकर्ता के वकील राजीव कुमार और सत्यम सिंह ने बताया कि इस याचिका में भी करोड़ों भक्तों की आस्था को आहत करने वाले इस मामले की जांच का आदेश दिए जाने की गुहार लगाई गई है.
सुप्रीम कोर्ट मे दाखिल की गई याचिका में कहा गया है कि भगवान वेंकटेश्वर के निवास स्थान तिरुमला तिरुपति के भोग प्रसाद वाले लड्डुओं में घटिया सामग्री और पशु की चर्बी के कथित आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक कमेटी बनाने का निर्देश जारी किया जाए.
इसके साथ ही मांग की गई है कि अंतरिम तौर पर कोर्ट यह आदेश जारी करे कि लैब में लड्डुओं की जांच रिपोर्ट की विस्तृत फॉरेंसिक रिपोर्ट और उस जांच में प्रयोग किए गए घी के सैंपल के सोर्स के बारे में एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए उचित निर्देश जारी करे.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित विशेष जांच दल (SIT) ने घी आपूर्ति की प्रक्रिया में गंभीर उल्लंघन पाए, जिसके बाद इन गिरफ्तारियों को अंजाम दिया गया. SIT ने आरोप लगाया कि वैश्वानी डेयरी ने एआर डेयरी के नाम पर टेंडर लिए थे और वे टेंडर प्रक्रिया में छेड़छाड़ करने में शामिल थे.
सीबीआई के नेतृत्व में प्रसिद्ध तिरुपति लड्डू में कथित मिलावट के मामले की जांच कर रही SIT ने रविवार को चार लोगों को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार किए गए लोगों में रुड़की में भोले बाबा डेयरी के पूर्व निदेशक बिपिन जैन, पोमिल जैन, वैष्णवी डेयरी के सीईओ अपूर्व विनय कांत चावड़ा और एआर डेयरी के एमडी राजू राजशेखरन शामिल हैं. गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने सभी आरोपियों को सुबह अदालत में पेश किया, जहां से अदालत ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
तिरुपति मंदिर में मिलावटी घी के इस्तेमाल को लेकर उठे विवाद के बीच बीआर नायडू ने ऐलान किया है कि मंदिर परिसर में सिर्फ हिंदुओं को ही नौकरी दी जानी चाहिए. उन्होंने मंदिर के संचालन में धार्मिक अखंडता को बनाए रखने के महत्व पर भी जोर दिया है. इस पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक का हवाला दिया और वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को शामिल किए जाने पर सवाल उठाया है.
लाखों लोगों के प्रिय प्रसाद, पवित्र तिरुपति का लड्डू हाल ही में एक बड़े विवाद का केंद्र बन गए. आरोप सामने आए कि लड्डू में पशु वसा हो सकती है, जिससे भक्तों में आक्रोश फैल गया और मंदिर की मिठाइयों की शुद्धता को लेकर चिंताएं बढ़ गईं.
सुप्रीम कोर्ट ने तिरुपति लड्डू विवाद पर सख्त रवैया अपनाते हुए विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित करने का निर्णय लिया है. इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य विवाद की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करना है. एसआईटी में दो अधिकारी सीबीआई, दो राज्य सरकार के और एक FSSAI से होंगे. देखें...
तिरुपति में भगवान वेंकटेश्वर बालाजी के मंदिर में भोग प्रसाद के लड्डूओं में कथित मिलावटी घी के प्रयोग से जुड़े मामले पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई. जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा.
पूर्व सीएम रेड्डी ने कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद भी उन्हें (सीएम नायडू) झूठी खबर फैलाने के लिए शर्म महसूस करनी चाहिए. वह सरासर झूठ फैला रहे हैं. मुझे समझ में नहीं आता कि वह सोशल मीडिया पर क्यों पोस्ट कर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने वाईएसआरसीपी के प्रति गुस्सा जताया है. उनके शासन (2014 से 2019) के दौरान 14 बार टैंकरों को वापस भेजा गया था. प्रसादम के निर्माण के लिए टीटीडी में एक मजबूत प्रणाली लागू की गई है.
तिरुपति प्रसाद विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने नई एसआईटी के गठन का फैसला किया है. पांच सदस्यीय टीम में सीबीआई अधिकारियों और FMGG के सदस्यों को शामिल किया जाएगा. कोर्ट ने पिछली सुनवाई में स्पष्ट किया था कि इस मुद्दे में राजनीति से बचा जाएगा और केवल जांच पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि हर पहलू की गहन जांच हो और निष्पक्षता सुनिश्चित हो.
सुप्रीम कोर्ट ने तिरुपति प्रसाद में मिलावट मामले में नई एसआईटी के गठन का फैसला दिया है. इस एसआईटी में सीबीआई, पुलिस और खाद्य विभाग के अफसर शामिल होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह करोड़ों लोगों की आस्था का सवाल है. देखें सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?
Tirupati Laddu: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तिरुपति बालाजी प्रसाद बनाने में इस्तेमाल होने वाले घी में मिलावट के आरोपों की जांच राज्य सरकार की SIT नहीं करेगी. इसके लिए नई एसआईटी का गठन किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट में आज तिरुपति मंदिर के लड्डू विवाद पर सुनवाई होनी है. जस्टिस भूषण आर गवई, जस्टिस केवी विश्वनाथन और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्र की अगुआई वाली पीठ इस मुद्दे पर सुनवाई करेगी, जिसमें सॉलिसिटर जनरल अपनी राय व्यक्त करेंगे.
आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने सनातन धर्म की रक्षा के लिए एक राष्ट्रीय 'सनातन धर्म संरक्षण बोर्ड' और वार्षिक फंड की मांग की है. इसके अलावा, हिंदुओं से उनकी परंपराओं पर कथित खतरों के खिलाफ एकजुट होने का आग्रह किया है.
ब्रह्मोत्सव के दौरान मंदिर प्रशासन बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों की उम्मीद कर रहा है. पवित्र रसोई, जिसे ‘पोटु’ कहा जाता है, जहां प्रतिदिन लगभग 3.5 लाख लड्डू तैयार किए जाते हैं वहांब्रह्मोत्सव के दौरान प्रतिदिन कम से कम 8 लाख लड्डू बनाने के लिए तैयार हो रही है.
ब्रह्मोत्सव के दौरान मंदिर प्रशासन बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों की उम्मीद कर रहा है. पवित्र रसोई, जिसे ‘पोटु’ कहा जाता है, जहां प्रतिदिन लगभग 3.5 लाख लड्डू तैयार किए जाते हैं वहां ब्रह्मोत्सव के दौरान प्रतिदिन कम से कम 8 लाख लड्डू बनाने के लिए तैयार हो रही है.
आंध्र प्रदेश सरकार ने तिरुपति लड्डू विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के मद्देनजर विशेष जांच दल (SIT) जांच पर रोक लगा दी है. अब इस मामले की अगली सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 3 अक्टूबर को होगी. आंध्र के शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के मद्देनजर हमने फिलहाल जांच रोक दी है. हमारी टीम ने कई जगहों का निरीक्षण किया है, कुछ लोगों के बयान दर्ज किए हैं और मामले की शुरुआती जांच की है.
सुप्रीम कोर्ट ने तिरुपति लड्डू विवाद पर सुनवाई करते हुए कहा कि देवताओं को राजनीति से दूर रखना चाहिए. यह मामला आंध्र प्रदेश में वाईएसआरसीपी सरकार के कार्यकाल के दौरान तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद लड्डू बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले घी में मिलावट के आरोपों से जुड़ा है.
कार्ट में दायर की गई याचिकाओं में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू द्वारा लगाए गए आरोपों की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की गई है. उनका दावा है कि तिरुपति मंदिर में लड्डू बनाने में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल का इस्तेमाल किया गया.
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नाय़डू ने तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद के रूप में भक्तों को दिए जाने वाले लड्डू को लेकर बयान दिया. जिससे जुड़ी सुनवाई करते हुए आज सुप्रीम कोर्ट तक को कहना पड़ा कि कम से कम भगवान को तो राजनीति में मत खींचिए. देखें 10 तक.
आंध्र प्रदेश के तिरुपति में सामने आए लड्डू विवाद पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है. इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कम से कम भगवान को राजनीति से दूर रखें.
तिरुपति प्रसाद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई. अदालत ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि भगवान को राजनीति से दूर रखें. ये श्रद्दालुओं की आस्था का सवाल है. सर्वोच्च अदालत ने आंध्र प्रदेश सरकार को फटकार लगाई. देखें न्यूजरूम से बड़ी खबरें.
आंध्र प्रदेश के तिरुपति में लड्डू विवाद पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भगवान को राजनीति से दूर रखें. जस्टिस भूषण आर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच के सामने सुब्रमण्यन स्वामी के वकील ने कहा कि निर्माण सामग्री बिना जांच के रसोई घर में जा रही थी. जांच से खुलासा हुआ. सुपरविजन के लिए सिस्टम को जिम्मेदार होना चाहिए क्योंकि ये देवता का प्रसाद है और श्रद्धालुओं के लिए परम पवित्र है.