राजद्रोह
राजद्रोह (Treason) एक राज्य प्राधिकरण पर हमला करने का अपराध है, जिसके प्रति व्यक्ति निष्ठा रखता है. इसमें आम तौर पर किसी के मूल देश के खिलाफ युद्ध में भाग लेना, उसकी सरकार को उखाड़ फेंकने का प्रयास करना, उसकी सेना, उसके राजनयिकों या शत्रुतापूर्ण और विदेशी शक्ति के लिए उसकी गुप्त सेवाओं की जासूसी करना, या उसके राज्य के प्रमुख को मारने का प्रयास करना शामिल है. राजद्रोह करने वाले व्यक्ति को कानून में राजद्रोही के रूप में जाना जाता है(Treasoner).
ऐतिहासिक रूप से, आम कानून वाले देशों में, राजद्रोह में विशिष्ट सामाजिक वरिष्ठों की हत्या भी शामिल होती है. किसी के राजा के खिलाफ राजद्रोह (यानी विश्वासघात) को उच्च राजद्रोह के रूप में जाना जाता था और कम श्रेष्ठ के खिलाफ राजद्रोह छोटा राजद्रोह था. जैसा कि दुनिया भर के न्यायालयों ने छोटे राजद्रोह को समाप्त कर दिया, "देशद्रोह" का उल्लेख ऐतिहासिक रूप से उच्च राजद्रोह के रूप में किया गया था (Treason History).
सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि यह मानते हुए कि वह कानून लागू हो जाता है तो ये भविष्य के मामलों को कवर करेगा. जहां तक 124ए से संबंधित है वो केस तो जारी रहेंगे. इसके लिए हमें पांच जजों की संविधान पीठ बनानी होगी. क्योंकि यह संवैधानिकता को कायम रखने वाले फैसले का मामला है.
विधि आयोग के चेयरमैन जस्टिर रितुराज अवस्थी ने मंगलवार को बड़ी बात कही. उन्होंने राजद्रोह कानून को देश के वर्तमान स्थिति के लिए जरूरी बताया और कहा कि, सिर्फ इसे इसलिए खारिज नहीं किया जा सकता है कि यह एक औपनिवेशिक विरासत है, बल्कि उन्होंने कहा कि कई देशों में इसकी जैसी प्रवृत्ति वाले और भी मजबूत कानून हैं.
भारतीय विधि आयोग ने राजद्रोह कानून को लेकर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. विधि आयोग की ओर से कानून मंत्री को भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की संप्रभुता, एकता, अखंडता की रक्षा के लिए राजद्रोह कानून जरूरी है. आयोग ने कुछ संशोधन के साथ कानून को बनाए रखने की सिफारिश की है.
तमाम कोशिशों के बाद भी मणिपुर में हिंसा कम होती नहीं दिख रही है. रविवार को एक बार फिर मणिपुर में गोलीबारी की कई घटनाओं में कम से कम 2 लोग मारे गए और 12 घायल हो गए. इसके बाद सख्ती दिखाते हुए राज्य सरकार ने फेक न्यूज फैलाने वालों के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज करने की चेतावनी दी.