श्री त्र्यंबकेश्वर शिव मंदिर- Trimbakeshwar Temple महाराष्ट्र राज्य के नासिक- Nasik जिले में त्र्यंबक शहर में एक प्राचीन हिंदू मंदिर है, जो नासिक शहर से 28 किमी और नासिक रोड से 40 किमी दूर है. यह भगवान शिव को समर्पित है और बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है जहां महाराष्ट्र के त्र्यंबकेश्वर में हिंदू वंशावली रजिस्टर रखे गए हैं. यह पवित्र गोदावरी नदी का के पास है.
मंदिर परिसर में कुसावर्त कुंड (पवित्र तालाब), श्रीमंत सरदार रावसाहेब पारनेरकर द्वारा निर्मित है, जो गोदावरी नदी का स्रोत है. कुंड के किनारे पर सरदार फड़नवीस और उनकी पत्नी की एक प्रतिमा स्थापित है. मंदिर को मुगल शासक औरंगजेब ने नष्ट कर दिया था, जिसके बाद पेशवा बालाजी बाजीराव ने बनाया था- Trimbakeshwar Temple History.
यह मंदिर तीन पहाड़ियों ब्रह्मगिरि, नीलगिरि और कालागिरि के बीच स्थित है. मंदिर में तीन लिंग हैं जो शिव, विष्णु और ब्रह्मा का रूप माने गए हैं. मंदिर के तालाब को अमृतवर्षिनी कहा जाता है. जल के तीन अन्य निकाय हैं, बिल्वतीर्थ, विश्वनाथतीर्थ और मुकुंदतीर्थ. यहां विभिन्न देवताओं मूर्तियां हैं जिसमें गंगा, जलेश्वर, रामेश्वर, गौतमेश्वर, केदारनाथ, राम, कृष्ण, परशुराम और लक्ष्मी नारायण की छवियां हैं. मंदिर में कई मठ और संतों की समाधियां भी हैं- Trimbakeshwar Temple Statue.
नासिक में बारिश आफत बनकर बरस रही है. लगातार बारिश होने की वजह से गोदावरी नदी उफान पर है, जिसकी वजह से नदी किनारे बने मंदिर पूरी तरह से डूब गए हैं.
किसी मंदिर में भगवान की मूर्ति के सामने जमीन से निकलते पानी का एक हैरतअंगेज वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर शेयर किया जा रहा है. वीडियो के साथ लोग कैप्शन में लिख रहे हैं, “आज सुबह 5:15 पे अचानक नासिक स्थित त्रियम्बकेश्वर मंदिर में शिवलिंग से अचानक पानी निकलने लगा। ॐ नमः शिवाय”. आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो पांच साल से ज्यादा पुराना है और कर्नाटक के कमंडल गणपति मंदिर का है.
भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में त्र्यंबकेश्वर है खास. खास इसलिए कि ज्यादातर ज्योतिर्लिंगों में या तो सिर्फ देवों के देव महादेव हैं या फिर भगवान शिव और माता पार्वती, लेकिन त्र्यंबकेश्वर में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों हैं. त्र्यंबकेश्वर की ये असाधारण विशेषता है कि मंदिर में भगवान ब्रह्मा के तीन मुखी अवतार के रूप में है त्रिदेव.