तुर्कमेनिस्तान (Turkmenistan) मध्य एशिया में स्थित एक देश है, जो उत्तर-पश्चिम में कजाकिस्तान और उत्तर में उज्बेकिस्तान से घिरा है. इसके पूर्व और पूर्वोत्तर, दक्षिण-पूर्व में अफगानिस्तान, दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम में ईरान और पश्चिम में कैस्पियन सागर है. इसकी राजधानी अश्गाबात (Ashgabat) है, जो सबसे बड़ा शहर भी है (Capital of Turkmenistan). यहां की जनसंख्या लगभग 60 लाख है, जो मध्य एशियाई गणराज्यों में सबसे कम है और तुर्कमेनिस्तान एशिया में सबसे कम आबादी वाले देशों में से एक है (Turkmenistan Population).
तुर्कमेनिस्तान ने लंबे समय तक कई साम्राज्यों और संस्कृतियों के लिए एक मार्ग के रूप में काम किया है. देश का शहर मर्व मध्य एशिया के सबसे पुराने नखलिस्तान-शहरों में से एक है. देश की व्यापक मानवाधिकारों, अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार और प्रेस और धार्मिक स्वतंत्रता की कमी के लिए इस देश की आलोचना की जाती रही है (Turkmenistan Poor Human Rights).
तुर्कमेनिस्तान के पास दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा प्राकृतिक गैस का भंडार है. देश का अधिकांश भाग काराकुम मरुस्थल से आच्छादित है. 1993 से 2017 तक यहां के नागरिकों को सरकार द्वारा बिजली, पानी और प्राकृतिक गैस मुफ्त में प्रदान की जाती रही है (Turkmenistan Natural Gas Reserves).
2019 में तुर्कमेनिस्तान में सिर्फ 14,438 विदेशी पर्यटक आए थें. कैस्पियन सागर पर अवाजा पर्यटन क्षेत्र के निर्माण के बावजूद तुर्कमेनिस्तान के अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन में कोई वृद्धि नहीं हुई. जनवरी 2022 में राष्ट्रपति गुरबांगुली बर्दिमुहमदोव ने आदेश दिया कि देश के 'गेटवे टू हेल' (Gateway to Hell), जो तुर्कमेनिस्तान के सबसे लोकप्रिय पर्यटक आकर्षणों में से एक है, को बुझा दिया जाए (Turkmenistan Tourism).
एक इंटरव्यू के दौरान हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत न्यूट्रल देश नहीं, वो शांति के पक्ष में है. हमने कई मौकों पर साफ स्टैंड लेते हुए ये बात साबित भी की. वहीं दुनिया के कई देश ऐसे भी हैं, जिन्हें न ऊधो का लेना है, न माधो का देना. उन्हें किसी उठापटक की कोई परवाह नहीं. खुद को तटस्थ बताते हुए उन्होंने अपनी सेनाएं भी घटा लीं.
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के रास्ते तुर्कमेनिस्तान से भारत पहुंचने वाले गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट पर काम थोड़ा और आगे बढ़ गया है. इस गैस प्रोजेक्ट का नाम है- TAPI यानी तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-इंडिया. क्या है ये प्रोजेक्ट? इससे फायदा क्या होगा?