ट्विन टावर्स ध्वस्त
सुपरटेक ट्विन टावर्स (Supertech Twin Towers) का नाम एपेक्स (Apex) और सियेन (Ceyane) टावर्स था जो नोएडा, उत्तर प्रदेश में एक अंडरकंस्ट्रक्शन आवासीय भवन था (Noida Twin Towers). टावर रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक के एमराल्ड कोर्ट आवासीय परिसर का हिस्सा थे (Noida Twin Towers a part of Emerald Court). सुप्रीम कोर्ट ने 2022 में इमारतों को गिराने का आदेश दिया (Noida Twin Towers, Supreme Court Ordered to Demolish). वे ध्वस्त किए जाने वाले भारत में सबसे ऊंचे ढांचे थें.
सुप्रीम कोर्ट ने मूल रूप से 21 अगस्त 2022 को सुपरटेक ट्विन टावर्स के विध्वंस की समय सीमा के रूप में निर्धारित किया था. हालांकि इसे एक सप्ताह के लिए 28 अगस्त तक बढ़ा दिया गया (Noida Twin Towers Demolition Date) और मौसम की स्थिति के कारण किसी भी मामूली देरी के लिए एक अवधि, 29 अगस्त से 4 सितंबर के बाच का समय रखा. नोएडा प्राधिकरण और रुड़की स्थित सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ने एडिफिस इंजीनियरिंग और दक्षिण अफ्रीकी फर्म जेट डिमोलिशन को इमारतों को डिमोलिश करने का काम सौंपा. इमारतों को विस्फोट के माध्यम से डिमोलिश किया गया था (Noida Twin Towers Demolition).
दोपहर 2.30 पर विस्फोट किया गया जिसके बाद लगभग 10 सेकंड के भीतर टावर्स ध्वस्त हो गया (Noida Twin Towers Demolition Time). यह पहली बार था जब भारत में 30 से अधिक मंजिला इमारत को गिराया गया था. यह ऑपरेशन भारत में अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन और डिमोलिश था. इसमें 3,500 किलोग्राम से अधिक विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया था (Noida Twin Towers Demolition Explosive).
इस आवासीय परिसर की योजना जून 2005 में शुरू हुई. शहर में न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (NOIDA) द्वारा प्रस्तुत योजनाओं के अनुसार मूल योजना में एमराल्ड कोर्ट को 14 भवन ही बनाने थे, जिसमें 3, 4 और 5 बीएचके फ्लैट शामिल थे. यह 2009 एमराल्ड कोर्ट के साथ ही जुड़वां टावरों, एपेक्स और सेयेन की योजना को जोड़ा गया था. मूल रूप से एक हरे-भरे क्षेत्र के लिए आवंटित जमीन पर बनने वाली 24-मंजिला टावर बननी थी (Noida Twin Towers, 2005 Construction Project).
सुपरटेक ने मार्च 2012 में तीसरी बार अपनी योजना को संशोधित किया. उस समय तक एमराल्ड कोर्ट की योजना में 14 के बजाय 15 भवनों को शामिल करने की योजना बनाई गई, प्रत्येक भवन के लिए मंजिलों की संख्या नौ से बढ़ाकर ग्यारह कर दी गई थी, ट्विन टावरों की ऊंचाई 20 से बढ़ाकर 40 कर दी गई थी (Supertech modified their plan Illegally).
2012 के मध्य में, एमराल्ड कोर्ट के निवासियों ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के में एक मामला दायर कर ट्विन टावरों को गिराने की मांग की (Emerald Court Residents filed a case in Allahabad Court). अप्रैल 2014 में उच्च न्यायालय ने निवासियों के पक्ष में फैसला सुनाया. मामला भारत के सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंचा, जिसने 31 अगस्त 2021 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा. ट्विन टावरों के निर्माण ने भारत के राष्ट्रीय भवन संहिता का उल्लंघन किया था.
फोरम फॉर पीपल्स कलेक्टिव एफर्ट्स (FPCI) ने भारत के रियल एस्टेट उद्योग के इतिहास में एक ऐतिहासिक निर्णय की सराहना की और उल्लेख किया कि इस मामले को अवैध निर्माण के खिलाफ एक निवारक के रूप में काम करना चाहिए (FPCI on Noida Twin Towers).
नोएडा सुपरटेक ट्विन टावर्स में 40 मंजिलें बनाने की योजना थी. ध्वस्त के समय दोनों संरचनाओं की अलग-अलग ऊंचाइयां थीं. एपेक्स में 32 मंजिलें थीं और 102 मीटर लंबा था, जबकि सियेन की 29 मंजिलें 95 मीटर थीं. दोनों टावरों में 915 फ्लैट, 21 व्यावसायिक दुकानें और दो बेसमेंट बनाने का इरादा था (Noida Supertech Twin Towers).
क्या है सुपरपावर 90? यह वही ताकतवर विस्फोटक है जिसका इस्तेमाल अभी राजस्थान के उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे ट्रैक उड़ाने के लिए किया गया. नोएडा के ट्विन टावर को गिराने के लिए भी इसी का उपयोग किया गया था. आइए जानते हैं कि आखिर ये सुपरपावर 90 विस्फोटक कितना ताकतवर है? इसका इस्तेमाल कहां-कहां होता है? क्या इसे खरीद सकते हैं?
पश्चिम बंगाल में इन दिनों दुर्गा पूजा की धूम है. यहां के कल्याणी में ट्विन टावर थीम पर बना एक पूजा पंडाल देखने लगभग 2 लाख लोगों की भीड़ पहु्ंच गई. ऐसे में पुलिस और प्रशासन को पंडाल में एंट्री बंद करानी पड़ी. वहीं यहां होने वाले लाइट एंड साउंड शो को भी रद्द कर दिया गया.
नोएडा में सुपरटेक के ट्विन टावरों की तरह गुरुग्राम के 7 टावरों को गिराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई है. याचिका में बताया गया है कि गुरुग्राम के सेक्टर 37-D में स्थित NBCC के टावरों को कई सरकारी एजेंसियों ने रहने के लिए खतरनाक बताया है.
Noida Twin Towers: सुपरटेक ट्विन टावर में कुंडली भाग्य सीरियल में ऋषभ लूथरा का किरदार निभाने वाले मनित जौरा के भी दो फ्लैट्स थे. लेकिन ट्विन टावर के टूटने से उनके फ्लैट्स भी मिट्टी में मिल चके हैं. वीडियो में मनित अपने फ्लैट्स के बारे में बात करते हुए नजर आ रहहे हैं.
नोएडा ट्विन टावर ध्वस्त हो चुके हैं. अब इस खाली जमीन पर क्या बनेगा, इसे लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. की बातें कर रहे हैं. यहां मंदिर बनाने से लेकर नए बड़े प्रोजेक्ट तक की बात सामने आई है. लेकिन अब इन सवालों के जवाब मिल गए हैं. आइए जानते हैं कि इसके लिए बिल्डर का क्या प्लान है.
एमेरल्ड कोर्ट सोसाइटी की रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक में यह प्रस्ताव लाया गया है कि जहां ट्विन टावर खड़ा था, वहां पर एक छोटा सा भव्य मंदिर बनाया जाए. इस सिसलिसे में RWA की एक अहम बैठक होने वाली है, अगर जरूरी वोट मिल जाते हैं तो इस प्रस्ताव को पारित कर दिया जाएगा.
नोएडा में ट्विन टावर ध्वस्त कर दिया गया है. 9 सेकेंड के भीतर एक विस्फोट के जरिए पूरी प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया. लेकिन अब जो रिपोर्ट सामने आ रही है उसके मुताबिक इस प्रक्रिया की वजह से कुछ बिल्डिगों को नुकसान पहुंचा है. उनकी दीवारों पर क्रैक देखे गए हैं.
ट्विन टावर को महज 12 सेकेंड में सफलतापूर्वक जमींदोज करने वाली एडिफिस कंपनी को अब नया टास्क मिला है. एडिफिस इंजीनियर जमशेदपुर में 110 मीटर ऊंची बनी चिमनी को गिराएगी. जो टाटा परिसर में बने हैं, नवंबर में चिमनी में विस्फोट लगाने का काम शुरू किया जाएगा. जल्द ही चिमनी को गिराने की तारीख का भी ऐलान कर दिया जाएगा.
Anand Mahindra ने वीडियो के कैप्शन में लिखा कि भविष्य के खतरों को दरकिनार करते हुए अहंकार लगातार बड़ा होता जाता है और कभी-कभी हमें ऐसे बढ़े हुए अहंकार को खत्म करने के लिए विस्फोटक की जरूरत पड़ती है.