उद्धव ठाकरे, राजनेता
उद्धव बाल केशव ठाकरे (Uddhav Bal Keshav Thackeray) एक भारतीय राजनेता और महाराष्ट्र के 19वें मुख्यमंत्री हैं. वह अपने पिता बाल ठाकरे द्वारा स्थापित पार्टी शिवसेना के अध्यक्ष भी (Shiv Sena President) हैं.
ठाकरे का जन्म 27 जुलाई 1960 को (Date of Birth) मुंबई में बाल ठाकरे और मीना ठाकरे के घर हुआ था (Parents). इनकी स्कूली शिक्षा महाराष्ट्र के बालमोहन विद्यामंदिर (Balmohan Vidyamandir from Maharashtra) से हुई है और जमशेतजी जीजेभॉय स्कूल ऑफ आर्ट (Jamsetjee Jeejebhoy School of Art) से स्नातक हुए हैं. उन्होंने 1988 में रश्मि पाटनकर (Wife Rashmi Patankar) से शादी की और उनके दो बेटे हैं. उनके बड़े बेटे (Uddhav Thackeray son) आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) भी शिवसेना नेता हैं और वर्तमान में महाराष्ट्र सरकार के पर्यटन और पर्यावरण मंत्री (Cabinet Minister of Tourism and Environment) के रूप में कार्यरत हैं. उद्धव ठाकरे के दो भाई हैं. उनके चचेरे भाई, राज ठाकरे (Raj Thackeray) भी एक प्रसिद्ध राजनेता हैं.
ठाकरे ने राजनीति में प्रवेश तब किया जब उन्हें 2002 में बृहन मुंबई नगर निगम (बीएमसी BMC) में शिवसेना का अभियान प्रभारी बनाया गया और पार्टी ने जीत हासिल की (Political Debut). उन्हें 2003 में शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था और वे 2006 में अपनी पार्टी के राजनीतिक मुखपत्र सामना के प्रधान संपादक बने. उसी वर्ष, राज ठाकरे ने शिवसेना से अलग अपनी एक पार्टी 'महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना' (Maharashtra Navnirman Sena) का गठन किया.
2012 में अपने पिता की मृत्यु के बाद उद्धव ठाकरे ने पार्टी की बागडोर संभाली और 2013 में अध्यक्ष बनें. उन्होंने 28 नवंबर 2019 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री (Chief Minister Uddhav Thackeray) के रूप में शपथ ली.
उद्धव ठाकरे एक कुशल फोटोग्राफर हैं. उनकी दो पुस्तकें 'महाराष्ट्र देश' और 'पहव विट्ठल' भी प्रकाशित हो चुकी हैं(Uddhav Thackeray Book).
इनका ऑफिशियल फेसबुक पेज का नाम Uddhav Thackeray है और इंस्टाग्राम पर uddhavthackeray के नाम से एक्टिव हैं.
महाराष्ट्र में हो रहे बीएमसी सहित 29 नगर निगम चुनाव में बीजेपी के अगुवाई वाले महायुति और विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी दोनों में टूट पड़ गई है. इस तरह राज्य में एक नया तीसरा गठबंधन भी आकार लेता दिख रहा है.
बीएमसी चुनाव के लिए उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने 20 साल बाद अपनी राजनैतिक दूरी खत्म करते हुए गठबंधन का ऐलान किया है. दोनों नेताओं ने महाराष्ट्र की मराठी अस्मिता को मजबूत करने और मुंबई के विकास के लिए एक साथ आने पर जोर दिया. उद्धव ने कहा कि उनकी सोच एक है और बंटने से समाज बिखर जाएगा. राज ठाकरे ने भी मराठी मेयर के समर्थन की बात कही. दूसरी ओर, सीएम फडणवीस और शिवसेना अध्यक्ष एकनाथ शिंदे ने इसे डर की वजह से मजबूरन गठबंधन बताया.
महाराष्ट्र में ठाकरे ब्रदर्स 20 साल बाद एक साथ आए हैं. दोनों दलों के बीच सीट शेयरिंग पर सहमति भी बन चुकी है. शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद संजय राउत शिवतीर्थ पहुंचकर राज ठाकरे से मिले थे. इसके बाद राज ठाकरे की पार्टी के नेताओं ने भी देर शाम मातोश्री पहुंच उद्धव से मुलाकात की थी.
भारतीय संस्कृति में किसी परिवार का टूटना अच्छा नहीं माना जाता. राजनीतिक कारणों से ही सही, बाल ठाकरे के रहते उद्धव और राज ठाकरे का अलग हो जाना भी दुखी करने वाला था. लेकिन, अब 20 साल बाद वे जिस गरज से साथ आए हैं, वो स्वाभाविक मिलन से ज्यादा, मजबूरी नजर आ रहा है.
उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने बीएमसी चुनाव के लिए गठबंधन का ऐलान करते हुए बीजेपी, पीएम मोदी और अमित शाह पर निशाना साधा. अब सीएम फडणवीस ने इस पर पलटवार किया है.
शिवसेना संस्थापक बाला साहब ठाकरे ने अपने बेटे उद्धव ठाकरे को आगे बढ़ाया तो राज ठाकरे ने अलग सियासी राह चुन ली. अब 20 साल बाद फिर से ठाकरे ब्रदर्स एक साथ आए हैं. पढ़ें उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की दोस्ती से लेकर दुश्मनी तक की टाइमलाइन...
बीएमसी चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की अगुवाई वाली पार्टियों में गठबंधन का औपचारिक ऐलान हो गया है. उद्धव और राज ठाकरे ने गठबंधन का ऐलान करते हुए यह भी
उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे 20 साल बाद फिर से साथ आ रहे हैं. बीएमसी चुनाव में दोनों ठाकरे भाइयों की पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ेंगी. ठाकरे ब्रदर्स दोनों दलों के गठबंधन का ऐलान कर दिया है.
उद्धव ठाकरे की शिवसेना UBT और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना आज बीएमसी चुनाव के लिए गठबंधन का आधिकारिक ऐलान करने वाले हैं. बताया जा रहा है कि इस गठबंधन में शरद पवार की एनसीपी को भी शामिल किया जा सकता है. NCP शरद पवार गुट के साथ सीट-बंटवारे के फॉर्मूले को अंतिम रूप देने के लिए इसे बुधवार के लिए टाल दिया गया था.
महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनावों में महायुति ने जबरदस्त बढ़त बनाई है. एमवीए कमजोर साबित हुई. अब जनवरी 2026 में होने वाले 29 नगर निगम चुनाव, खासकर मुंबई, विपक्ष के लिए सियासी भविष्य तय करने वाली लड़ाई बन गए हैं.
बीएमसी चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच सीट बंटवारे पर सहमति बन गई है. समझौते के तहत शिवसेना (यूबीटी) 150 से अधिक और एमएनएस 60–70 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है.
उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे का मिलकर बीएमसी चुनाव लड़ना पक्का हो गया है. ये बात संजय राउत ने ही बताई है. लेकिन जिस तरह से कांग्रेस अलग राह पकड़ने की बात कर रही है, और नगर निकाय के जो नतीजे आए हैं - ठाकरे बंधुओं की राजनीतिक भविष्यवाणी लगता है 16 जनवरी को ही सुनाई जाएगी.
उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनाव के लिए हाथ मिलाने की तैयारी में हैं. इस गठबंधन की रणनीति का केंद्र ‘MaMu’ यानी मराठी-मुस्लिम समीकरण होगा. सीट शेयरिंग के प्रारंभिक फॉर्मूले के तहत शिवसेना (यूबीटी) 140 से 150 सीटों पर, जबकि एमएनएस 60 से 70 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है.
महाराष्ट्र नगर निगम चुनावों से पहले शिवसेना (यूबीटी) के उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के राज ठाकरे के बीच रणनीतिक गठबंधन होने जा रहा है. उद्धव और राज का गठबंधन मुंबई समेत 29 नगर निगमों में चुनाव लड़ने की योजना बना रहा है. हालांकि, कांग्रेस ने इस गठबंधन में शामिल होने से इनकार कर दिया है और अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है.
महाराष्ट्र में नगर निगम चुनाव के ऐलान के साथ सियासी बिसात बिछाई जाने लगी है. उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की सियासी केमिस्ट्री बनती दिख रही है तो मराठी अस्मिता का भी दांव चला जाने लगे हैं. इस तरह उद्धव ठाकरे अपने सियासी दुर्ग बीएमसी को बचाए रखने के लिए हर एक दांव आजमा रहे हैं?
महाराष्ट्र के मुंबई की बीएमसी सहित 29 नगर निगम चुनाव का ऐलान हो गया है. 15 जनवरी को मतदान है. इस चुनाव में सभी दलों की साख दांव पर लगी है. बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति ट्रिपल इंजन की सरकार बनाना चाहती है तो उद्धव ठाकरे अपना आखिरी किला बचाए रखना चाहते हैं. ऐसे में महाराष्ट्र की सियासत में नगर निगम चुनाव कितना अहम है?
बीएमसी चुनावों में महाराष्ट्र के कई नेताओं और पार्टियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. कुछ के लिए तो यह प्रतिष्ठा नहीं बल्कि जीवन-मरण का सवाल है. यानि की बीएमसी चुनावों के बाद महाराष्ट्र की राजनीति नई करवट लेने वाली है.
मुंबई की बीएमसी सहित 29 नगर निगम चुनाव के लिए 15 जनवरी को वोटिंग है. बीएमसी पर उद्धव ठाकरे की शिवसेना का 1996 से कब्जा है, लेकिन बदली ही राजनीति में उद्धव के लिए बीएमसी चुनाव किसी सियासी संजीवनी से कम नहीं है. अगरे जीते वापसी की संभावना बनी रहेगी और हारे भंवर में फंस जाएगा सियासी फ्यूचर?
बृहन्मुंबई महानगरपालिका यानी BMC चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी है और राजनीतिक दल मैदान में कूद गए हैं. इस बीच एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया है. आज दोनों ठाकरे भाई- उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक साथ नजर आएंगे और अपने गठबंधन का औपचारिक ऐलान करेंगे. दोनों नेता मुंबई के वर्ली स्थित होटल ब्लू सी में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गठबंधन की घोषणा करेंगे.
बीएमसी सहित 29 नगर निगम चुनाव को लेकर उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे में बात बन गई है, लेकिन महाविकास अघाड़ी में बात बिगड़ गई है. राज ठाकरे के चलते कांग्रेस ने उद्धव ठाकरे से भी किनारा कर लिया है तो शरद पवार की पार्टी कशमकश की स्थिति में है.
महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ी खबर सामने आई है कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे मिलकर बीएमसी चुनाव में हिस्सा लेंगे. दोनों नेता कल साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस गठबंधन का ऐलान करेंगे. नगर निगम चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है. लंबे समय तक चली बातचीत के बाद दोनों के बीच सभी मतभेद दूर हो गए हैं और वे एकजुट होकर चुनाव लड़ने जा रहे हैं. कांग्रेस चुनाव में शामिल नहीं होगी क्योंकि उन्होंने अलग राह चुनी है. मुस्लिम वोटों के मुद्दे पर भी दोनों पक्ष मजबूत हैं और उनके पास अच्छे नेतृत्वकर्ता मौजूद हैं. यह गठबंधन महाराष्ट्र की राजनीति में नई दिशा देगा और विकास के लिए एक मजबूत कदम साबित होगा.