संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र (United Nation) एक अंतरसरकारी संगठन है जिसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखना, राष्ट्रों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध विकसित करना, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग हासिल करना और राष्ट्रों के कार्यों में सामंजस्य स्थापित करने का केंद्र बनना है (UN).
यह दुनिया का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय संगठन है (UN biggest Organisation in the World). संयुक्त राष्ट्र का मुख्यालय न्यूयॉर्क शहर (New York City) में अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में है (Headquarter of UN). जिनेवा, नैरोबी, वियना और द हेग में अन्य मुख्य कार्यालय हैं (Offices of United Nations ).
संयुक्त राष्ट्र की स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के बाद भविष्य के युद्धों को रोकने के उद्देश्य से की गई थी. 25 अप्रैल 1945 को 50 सरकारें सैन फ्रांसिस्को में एक सम्मेलन के लिए मिलीं और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का मसौदा तैयार करना शुरू किया. इसको से 25 जून 1945 को अपनाया गया और 24 अक्टूबर 1945 को प्रभावी हुआ (Foundation of UN). चार्टर के अनुसार, संगठन के उद्देश्यों में अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखना, मानवाधिकारों की रक्षा करना, मानवीय सहायता प्रदान करना, सतत विकास को बढ़ावा देना और अंतर्राष्ट्रीय कानून को बनाए रखना शामिल है. इसकी स्थापना के समय, संयुक्त राष्ट्र में 51 सदस्य देश थे. 2011 में दक्षिण सूडान के जुड़ने के साथ ही अब इसके सदस्यों की संख्या 193 हो गई है. यह दुनिया के लगभग सभी संप्रभु राज्यों का प्रतिनिधित्व करती है (Members of United Nations).
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की बैठक में भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया. भारतीय राजनयिक क्षितिज त्यागी ने पाकिस्तान को 'फेल्ड स्टेट' और 'विफल राष्ट्र' की संज्ञा दी. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि पाकिस्तान के नेता सैन्य और आतंकी गठजोड़ के अनुयायी हैं. भारत ने पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघनों के आरोपों को सिरे से खारिज किया.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 58वें सत्र की सातवीं बैठक में भारत के प्रतिनिधि क्षितिज त्यागी ने कहा कि भारत, पाकिस्तान की ओर से किए गए निराधार और दुर्भावनापूर्ण संदर्भों का जवाब देने के लिए अपने अधिकार का प्रयोग कर रहा है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस मार्च में बांग्लादेश के दौरे पर जाने वाले हैं. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के बुलावे पर वो बांग्लादेश जा रहे हैं जहां रोहिंग्या मुसलमानों के मुद्दे पर चर्चा होने वाली है.
दूसरा विश्व युद्ध खत्म होने के बाद का वक्त था. कई नई सीमाएं बन चुकी थीं, जिनके पास इकनॉमी के नाम पर कुछ नहीं था. बहुत से पुराने देश थे, जिनके मकान-दुकान खंडहर थे. इतना सब कुछ सुधारना सरकारों के बस की बात नहीं थी, तभी कंसेप्ट आया NGO का. लेकिन कुछ ही सालों बाद समाज-सुधार पर काम करती ये संस्थाएं ही साजिश के आरोपों में घिर गईं.
भारत के प्रमुख इमाम उमर अहमद इलियासी ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार की निंदा की है. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय और विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है. उनका मानना है कि किसी भी समाज पर इस प्रकार का अत्याचार नहीं होना चाहिए.
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बांग्लादेश में यूएन पीसकीपिंग फोर्स तैनात करने की मांग की. उनका कहना है कि वहां अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए भारत को दखल देना चाहिए, और अपनी बात यूएन तक पहुंचानी चाहिए. ममता की चिंता तो जायज है लेकिन संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना यूं ही किसी देश में नहीं पहुंच जाती.
भारतीय डिप्लोमैट ने कहा,'कुछ ऐसे देश हैं, जो यूएन सिक्योरिटी काउंसिल का विस्तार नहीं चाहते हैं. वे किसी भी कीमत पर UNSC के स्थायी सदस्यों की संख्या में बदलाव को रोकना चाहते हैं. उन्हें लगता है कि अगर ऐसा होता है तो उनके पड़ोसी देश भी सिक्योरिटी काउंसिल का हिस्सा बन सकते हैं.'
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र से लेबनान में युद्ध क्षेत्रों से UNIFIL शांति सेना के सैनिकों को हटाने की अपील की है. नेतन्याहू की अपील के कुछ घंटों बाद UN ने एक बयान जारी कर इजरायली टैंकों के गेट तोड़कर जबरन बेस के भीतर घुसने की जानकारी दी.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के लिए एक मैसेज में नेतन्याहू ने कहा, 'UNIFIL को वापस लेने से इनकार करने का मतलब उन्हें हिज्बुल्लाह के हाथों में छोड़ना, जो उनके जीवन और हमारे सैनिकों की जान को खतरे में डालता है.' उन्होंने जोर देकर कहा, 'यह हिज्बुल्लाह के गढ़ों और युद्ध क्षेत्रों से UN के शांति सैनिकों को हटाने का समय है.'
इजरायल रक्षा बल (आईडीएफ) ने शुक्रवार को स्वीकार किया कि उसके सैनिक उस घटना के लिए जिम्मेदार थे, जिसमें नकौरा में दो श्रीलंकाई सैनिक घायल हो गए थे. आईडीएफ ने कहा कि बेस के पास तैनात सैनिकों ने खतरे की पहचान करने के बाद गोलीबारी की और इस घटना की 'उच्चतम स्तर पर' जांच की जाएगी.
इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच संघर्ष ने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के मुख्यालय को झकझोर दिया है. इजरायली हमलों से मुख्यालय और इसके आसपास के क्षेत्रों में तनाव बढ़ गया है. घायल हुए दो शांति सैनिकों की स्थिति गंभीर है। भारतीय सैनिकों के भी वहां होने से भारत के लिए चिंता की स्थिति उत्पन्न हो गई है.
मिडिल ईस्ट में जारी तनाव के बीच भारत ने दक्षिणी लेबनान में तैनात संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की सुरक्षा पर चिंता जताई है.
मिडिल ईस्ट में जारी तनाव के दौरान भारत ने दक्षिणी लेबनान में तैनात संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई है. इजराइल लगातार हिज्बुल्लाह के ठिकानों को निशाना बना रहा है और इसके चलते संयुक्त राष्ट्र के शांति सैनिक भी इजरायली गोलाबारी का शिकार हो चुके हैं.
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'हम ब्लू लाइन पर बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को लेकर चिंतित हैं. हम स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र परिसर का सभी को सम्मान करना चाहिए और संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए.'
एक साथ कई मोर्चों पर लड़ रहे इजरायल ने यूनाइटेड नेशन्स (UN) के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को पर्सोना नॉन ग्रेटा घोषित कर दिया, यानी अन-वेलकम. यूएन चीफ अब इजरायल में प्रवेश तक नहीं कर सकते. इजरायली विदेश मंत्री काट्ज ने हफ्तेभर पहले एक्स पर ये एलान किया. लेकिन सवाल ये है कि क्या संयुक्त राष्ट्र के चीफ को कानूनी तौर पर बैन किया जा सकता है?
इजरायल के विदेश मंत्री इजरायल काट्ज ने कहा था कि मैं इजरायल में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को perona non granta घोषित करता हूं और इजरायल में उनकी एंट्री पर प्रतिबंध का भी ऐलान करता हूं. उन्होंने इजरायल पर ईरान के जघन्य हमले की उस तरह से निंदा नहीं की है, जिस तरह से इस दुनिया के लगभग हर देश ने की है. वह इजरायली धरती पर कदम रखने लायक नहीं हैं.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के खिलाफ इजरायल ने बैन लगाया है. इजरायल पर ईरान के हमले की निंदा न करने को लेकर इजरायल ने गुटेरेस के इजरायल में एंट्री पर पाबंदी लगा दी है. इसके बाद गुटेरेस का नया बयान सामने आया है जिसमें वो ईरानी हमले पर बात कर रहे हैं.
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस पर इजरायल ने प्रतिबंध लगा दिया है. यह कदम अमेरिका और ईरान के बीच चल रहे तनाव के बीच में लिया गया है. इजरायल ने उन्हें अवांछित व्यक्ति घोषित करके देश में उनके प्रवेश पर रोक लगा दी है. यह निर्णय इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते विवाद की स्थिति को देखते हुए उठाया गया है.
इजरायली विदेश मंत्री कैट्ज़ ने बयान जारी करते हुए कहा, "जो कोई भी स्पष्ट रूप से ईरान द्वारा इजरायल पर किए गए आपराधिक हमले की निंदा करने में असमर्थ है, वह इजरायल की धरती पर पैर रखने के योग्य नहीं है. यह (गुटेरेस) इजरायल से नफरत करने वाले महासचिव हैं, जो आतंकवादियों, बलात्कारियों और हत्यारों को समर्थन देते हैं. गुटेरेस को संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में एक दाग के रूप में याद किया जाएगा."
यूएन की महासभा (यूएनजीए) में भाविका मंगलनंदन ने पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ को जवाब देते हुए कहा सेना के बल पर चलने वाला देश, जो आतंकवाद और नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए बदनाम है. वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर हमला करने का दुस्साहस कर रहा है. सच्चाई यह है कि पाकिस्तान हमारे क्षेत्र पर नजर गढ़ाए हुए है.
भारत के विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में कहा कि आज की दुनिया में संवाद कठिन हो गया है, और सहमतियां तो उससे भी कठिन. भरोसा दरक गया है और प्रक्रियाएं बिखर चुकी हैं. आज हम शांति व समृद्धि दोनों को ही समान रूप से खतरे में पड़ा हुआ पाते हैं.