उस्ताद राशिद खान (Ustad Rashid Khan) हिंदुस्तानी संगीत परंपरा में एक शास्त्रीय संगीतकार थे. वह रामपुर-सहसवान घराने से संबंधित थे और घराने के संस्थापक इनायत हुसैन खान के परपोते थे. 9 जनवरी 2024 को उनका निधन हो गया. उन्हें 2006 में पद्म श्री, साथ ही संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उन्हें कला के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा 2022 में भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.
उनका जन्म उत्तर प्रदेश के बदायूं में हुआ था. उन्होंने अपना प्रारंभिक प्रशिक्षण अपने नाना उस्ताद निसार हुसैन खान से हासिल किया. वह उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान के भतीजे भी थे. सोमा खान उनकी पत्नी है.
Kolkata Sahitya AajTak 2024: 'साहित्य आजतक 2024' का मंच एक बार फिर कोलकाता में सज गया है. दूसरे दिन उस्ताद राशिद खान को स्वरांजलि दी गई. कार्यक्रम में उस्ताद राशिद खान के बेटे अरमान खान शामिल हुए और बंदिशों और संगित के जरिए उन्हें याद किया.
संगीत की दुनिया के सरताज उस्ताद राशिद खान का निधन हो गया है. 55 वर्ष की आयु में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया. जानकारी के मुताबिक, उनका इलाज कोलकाता के पियरलेस अस्पताल में 22 नवंबर से चल रहा था. 10 जनवरी को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उस्ताद के निधन पर शोक व्यक्त किया है.
रामपुर सहसवान घराने के गायक उस्ताद राशिद खान प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित थे और पिछले महीने से वेंटीलेटर पर थे. अपनी जबरदस्त आवाज और तान सरगम के साथ लाजवाब गायकी के लिए मशहूर 55 वर्षीय खान साहब संगीतज्ञों के घराने में पैदा हुए.
संगीत की दुनिया के सरताज राशिद खान का 55 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है. जानकारी के मुताबिक, उनका इलाज कोलकाता के SSKM अस्पताल में 22 नवंबर से चल रहा था.