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उत्तरकाशी सिलक्यारा सुरंग हादसा

उत्तरकाशी सिलक्यारा सुरंग हादसा

उत्तरकाशी सिलक्यारा सुरंग हादसा

उत्तरकाशी की ध्वस्त सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग में पिछले सप्ताह से फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए चल रहे ऑपरेशन में 17 दिन बाद सफलता हासिल हो पाई. सभी 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. लगातार पांच मोर्चों पर काम चल रहा था. सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने मशीनों के लिए पहाड़ी की चोटी तक पहुंचने के लिए एक पहुंच मार्ग बनाया, जहां से एक लाइफ लाइन पाइप ड्रिल किया गया था (Uttarkashi Silkyara Tunnel Collapse). 

कई असफलताओं का सामना करने के बाद, अधिकारियों ने 19 नवंबर को फंसे हुए श्रमिकों को बचाने के लिए एक नई पांच-सूत्रीय योजना बनाई थी. इस योजना में तीन तरफ से ड्रिलिंग ऑपरेशन शामिल किए गए. जिस पहाड़ी के नीचे मजदूर फंसे थें, उसके ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग ऑपरेशन किया गया था. योजना के अनुसार, सिलक्यारा की ओर से सुरंग को अवरुद्ध करने वाले मलबे के माध्यम से क्षैतिज रूप से ड्रिल करने का प्रयास किया गया और बारकोट की ओर से एक छोटी सुरंग को भी ड्रिल किया गया था (Uttarkashi Silkyara Tunnel Rescue).

यह घटना 1ृ2 नवंबर को हुई थी. फंसे हुए मजदूरों को निकालने के लिए विश्व प्रसिद्ध प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स भी उत्तरकाशी में मौजूद थें. डिक्स सुरंग सुरक्षा और आपदा जांच में विश्व स्तर पर प्रशंसित विशेषज्ञ हैं. अपने अनुभव के साथ, प्रोफेसर डिक्स चुनौतीपूर्ण भूमिगत स्थितियों को नेविगेट करने में अपनी दक्षता का प्रदर्शन करते हुए, जटिल बचाव अभियान में सबसे आगे हैं (Uttarkashi Silkyara Tunnel Rescue Arnold Dix).

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