उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) मध्य एशिया में स्थित एक लैंडलॉक देश है. इसके उत्तर में कजाकिस्तान, उत्तर पूर्व में किर्गिस्तान, दक्षिण पूर्व में ताजिकिस्तान, दक्षिण में अफगानिस्तान और दक्षिण पश्चिम में तुर्कमेनिस्तान स्थित है. इसकी राजधानी और सबसे बड़ा शहर ताशकंद (Tashkent) है (Capital of Uzbekistan).
उज्बेकिस्तान, तुर्की का हिस्सा है, साथ ही तुर्किक राज्यों के संगठन का सदस्य भी है. उज़्बेक भाषा उज्बेकिस्तान में बोली जाने वाली भाषा है, जबकि रूसी पूरे देश में व्यापक रूप से बोली और समझी जाती है. ताजिक अल्पसंख्यक भाषा के रूप में भी बोली जाती है (Uzbekistan Languages). उज्बेकिस्तान में इस्लाम प्रमुख धर्म है, अधिकांश उज्बेक सुन्नी मुसलमान हैं (Uzbekistan Religion).
उज्बेकिस्तान का क्षेत्रफल 4,48,978 वर्ग किलोमीटर है. यह क्षेत्रफल के हिसाब से दुनिया का 56वां और जनसंख्या के हिसाब से 40वां सबसे बड़ा देश है (Uzbekistan Area). उज्बेकिस्तान में जातीय समूहों और संस्कृतियों का व्यापक मिश्रण है, जिसमें उज्बेक बहुसंख्यक समूह है (Uzbekistan Culture).
उज्बेक भोजन, स्थानीय कृषि से प्रभावित है. उज्बेकिस्तान में अनाज की खेती बहुत अधिक है. यहां ब्रेड और नूडल्स प्रमुख भोजन का हिस्सा है. देश में भेड़ों की प्रचुरता के कारण मटन एक लोकप्रिय है और यह विभिन्न उज्बेक व्यंजनों का हिस्सा है (Uzbekistan Cuisine).
तीन बार टूर डी फ्रांस में जीत हासिल करने वाले रेसिंग साइकिल चालक Djamolidine Abdojaparov, उज्बेकिस्तान के रहने वाले हैं. यहां अंतर्राष्ट्रीय कुराश संघ भी है, जो एक पारंपरिक उज्बेक कुश्ती का एक अंतरराष्ट्रीय और आधुनिक रूप है. उज्बेकिस्तान में फुटबॉल सबसे लोकप्रिय खेल है (Uzbekistan Sports).
उज्बेकिस्तान, सालाना 80 टन सोने का खनन करता है, जो दुनिया में सातवें स्थान पर है. उज्बेकिस्तान के तांबे के भंडार का विश्व में दसवां स्थान है और इसके यूरेनियम के भंडार का बारहवां स्थान है. देश का यूरेनियम उत्पादन विश्व स्तर पर सातवें स्थान पर है (Uzbekistan Economy).
यूक्रेन में युद्ध के कारण उज्बेकिस्तान की 93 साल पुरानी समरकंद यूनिवर्सिटी में भारत से MBBS करने की चाह रखने वाले स्टूडेंट्स की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है. साल 2021 तक उज्बेकिस्तान में करीब 100 से 150 भारतीय छात्र मेडिकल की पढ़ाई करने जाते थे, पर अब साल 2023 में ये संख्या 3000 हो गई है.
मोहम्मद नौशाद बताते हैं कि समरकंद में 3000 से अधिक भारतीय छात्र हैं और वे मुझे अक्सर बताते हैं कि वे भारतीय भोजन को मिस करते थे. शाही पनीर, नान और रोटियां यहां दुर्लभ हुआ करती थीं. मुझे उम्मीद थी कि भारतीयों को यह रेस्तरां पसंद आएगा, लेकिन उज्बेकी लोगों से मुझे जो प्रतिक्रिया मिली है वह अभूतपूर्व है
उज्बेकिस्तान में 65 बच्चों की जान लेने वाले भारतीय कफ सिरप को लेकर नई बात सामने आई है. जांच में पता चला है कि वितरकों ने कफ सिरफ के अनिवार्य परीक्षण से बचने के लिए के लिए स्थानीय अधिकारियों को 33,000 डॉलर की रिश्वत दी थी.
उज्बेकिस्तान में 65 बच्चों की मौत हो गई थी...कारण था भारतीय कंपनी द्वारा बनाया गया कफ सिरप...मामले की जांच हुई तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ...इसके मुताबिक, वितरकों ने कफ सिरप के अनिवार्य परीक्षण से बचने के लिए स्थानीय अधिकारियों को करीब 28 लाख रुपए की रिश्वत दी थी.
महिला मदद की गुहार लगाती रही, चीखती-चिल्लाती रही लेकिन तीन दिन तक किसी का ध्यान उसपर नहीं गया. आखिर में उसने तड़पकर लिफ्ट के अंदर ही दम तोड़ दिया. बताया गया कि बिजली चली जाने के कारण लिफ्ट 9वीं मजिल पर जाम हो गई थी.
अलग-अलग देशों में कफ सिरप के सेवन से हुई मौतों के मामले में WHO जांच कर रहा है. संगठन ने इसके लिए 7 भारतीय कंपनियों को जांच के दायरे में रखा है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और इंडोनेशिया के फार्मास्यूटिकल्स द्वारा निर्मित 20 सिरप को WHO द्वारा जांच के दायरे में रखा