वैकुंठ एकादशी (Vaikuntha Ekadashi) हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ दिन माना जाता है. इसे कई स्थानों पर 'मोक्शदा एकादशी' के नाम से भी जाना जाता है. यह मार्गशीर्ष माह यानी दिसंबर-जनवरी के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है. इसे विशेष रूप से भगवान विष्णु की उपासना के लिए जाना जाता है, क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु के वैकुंठ धाम के द्वार भक्तों के लिए खुले माने जाते हैं.
ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से व्यक्ति को मोक्ष प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है और वह पापों से मुक्त हो जाता है.
मान्यता है कि इस दिन जो भक्त सच्चे हृदय से भगवान विष्णु की आराधना करते हैं, उनके लिए वैकुंठ यानी स्वर्ग के द्वार खुल जाते हैं.
वैकुंठ एकादशी के दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है, क्योंकि इसी दिन भगवान कृष्ण ने अर्जुन को भगवद्गीता का उपदेश दिया था.
इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान करके व्रत का संकल्प लेना चाहिए. भगवान विष्णु जी की मूर्ति या चित्र के सामने दीप प्रज्वलित करें और फूल, फल, तिल और तुलसी अर्पित करें. दिनभर विष्णु जी के मंत्रों का जाप करें, जैसे "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय". रात्रि में जागरण करें और भगवान का ध्यान करें. व्रत के दौरान फलाहार या केवल जल ग्रहण करें. कुछ लोग निराहार व्रत भी रखते हैं.