वंदे भारत (Vande Bharat) एक्सप्रेस भारतीय रेलवे द्वारा संचालित ट्रेन सेवा है. शताब्दी एक्सप्रेस की तरह यह दिन की ट्रेन सेवाएं हैं जो एक दिन से भी कम समय की दूरी पर प्रमुख शहरों को जोड़ती हैं. दिल्ली से भोपाल तक चलने वाली वंदे भारत की गति 160 किमी प्रति घंटा रखी गई है तो वहीं अन्य ट्रैक पर इसकी गति 110-130 किमी प्रति घंटा है.
वंदे भारत ट्रेन को आरडीएसओ ने डिजाइन किया था और इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) ने इसका प्रोडक्शन किया था. इसे कम लागत वाले रखरखाव और परिचालन अनुकूलन के लिए बनाया गया था. 16 कोच वाली वंदे भारत ट्रेन की लागत लगभग 115 करोड़ रुपए है (Vande Bharat Design and Production).
27 जनवरी 2019 को ट्रेन 18 सेट का उपयोग करने वाली सेवाओं को वंदे भारत एक्सप्रेस नाम दिया गया. वंदे भारत ट्रेन की पहली सेवा 15 फरवरी 2019 को शुरू हुई (Vande Bharat Name).
वंदे भारत एक्सप्रेस में यात्रियों के बैठने के लिए चेयर कार या एक्जीक्यूटिव चेयर कार का विकल्प होता है. आराम और सुविधा के लिए इसे एयरलाइन-शैली जैसे एडजेस्टेबल सीटें होती हैं. वंदे भारत में यात्रियों के लिए पेड खाना भी प्रदान करती है (Vande Bharat facilities).
वंदे भारत एक्सप्रेस ने 183 किमी प्रति घंटा की गति के साथ ट्रेन का परीक्षण किया गया लेकिन अधिकांश भारतीय रेलवे ट्रैक पर 160 किमी प्रति घंटा की गति सक्षम नहीं हैं और इस कारण से, अधिकांश वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की अधिकतम गति 160 किमी प्रति घंटा से कम रखा गया है (Vande Bharat Maximum Speed).
जम्मू से कश्मीर वंदे भारत ट्रेन का ट्रायल पूरा हो चुका है. यह ट्रेन शनिवार को कश्मीर पहुंची. जहां पर पहले से ही स्वागत करने के लिए भीड़ जमा थी.
जम्मू-कश्मीर में आज 25 जनवरी को एक और नया इतिहास बनने जा रहा है. इस गणतंत्र दिवस पर कश्मीर के लोगों के साथ-साथ देश के लोगों को एक और तोहफा मिल रहा है. श्रीनगर के रेलवे स्टेशन पर अब वंदे दिल्ली से ट्रेन पहुंच गई है. जिसके बाद लोग देश के किसी भी हिस्से में ट्रेन से सफर कर सकते हैं. देखें वीडियो.
वर्षों की कड़ी मेहनत और समर्पण और इंजीनियरिंग के कुछ चमत्कारों के बाद कश्मीर की रेल कनेक्टिविटी का सपना सच हो हुआ है. शनिवार को विशेष रूप से डिजाइन की गई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन अपना ट्रायल रन पूरा करते हुए कश्मीर के श्रीनगर रेलवे स्टेशन पर पहुंची.
जम्मू-कश्मीर के लिए वंदे भारत ट्रेन का इंतज़ार अब खत्म हो चुका है. इस ट्रेन का ट्रायल अब पूरा हो चुका है. आज ये दुनिया के सबसे ऊंचे पुल से होकर गुज़री
कश्मीर के लिए चलने वाली ये ट्रेन शुक्रवार शाम को जम्मू स्टेशन पर ट्रायल के लिए पहुंची थी. जम्मू पहुंचते ही इस ट्रेन को लेकर यात्रियों में काफी उत्साह दिखाई दिया. सेल्फी लेने के लिए लोगों की भीड़ भी नजर आई. लोग ने भारत माता की जय के नारे भी लगाए. अब इसका ट्रायल पूरा हो चुका है. माना जा रहा कि फरवरी तक यह ट्रेन संचालित होने लगेगी.
नोटिफिकेशन में कहा गया है कि सभी लेवल के सरकारी कर्मचारी अब अपनी अवकाश यात्रा रियायत (LTC) का लाभ उठाते हुए अत्याधुनिक वंदे भारत, तेजस और हमसफर एक्सप्रेस में ग्लोबल लेवल ट्रेवेल की सुविधा उठा सकते हैं.
जम्मू-कश्मीर से बेहतर कनेक्टिविटी और आवागमन को आसान बनाने के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन (Vande Bharat Express) चलाने की योजना है, जिसका काम लगभग पूरा हो चुका है. इस ट्रेन के चलने से जम्मू से श्रीनगर के बीच यात्रा का समय घटकर सिर्फ 3 घंटे 10 मिनट का रह जाएगा.
जम्मू-कश्मीर के कटरा-श्रीनगर रूट (Katra-Srinagar) पर चलने के लिए खास तौर पर अतिरिक्त सुविधाओं के साथ तैयार वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन (Vande Bharat Express Train) तैयार है. इस ट्रेन के अनावरण के दौरान रेलवे अधिकारियों ने इसकी खूबियों का भी खुलासा किया है.
रेल मंत्रालय ने बताया कि ट्रायल्स पूरे होने के बाद ट्रेन का मूल्यांकन, रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) द्वारा किया जाएगा. अधिकतम गति पर परीक्षण के बाद फाइनल सर्टिफिकेट मिलने पर ट्रेन को भारतीय रेलवे में शामिल कर नियमित सेवा के लिए सौंपा जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की पहली स्वदेशी सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन, वंदे भारत एक्सप्रेस लॉन्च की. वहीं, पाकिस्तान में 'ग्रीन लाइन एक्सप्रेस' के नाम से जानी जाने वाली एक प्रीमियम ट्रेन चलती है.
रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की टेस्टिंग का वीडियो शेयर किया है. नई वंदे भारत स्लीपर कोच ट्रेन की टेस्टिंग कोटा हुई. यहां पर उसे अलग-अलग गति पर वजन रख और खाली चलाकर ट्रायल किया गया. इसमें ब्रेकिंग सिस्टम, एयर एयर सस्पेंशन, कपलर फोर्स की टेस्टिंग भी की गई.
नई वंदे भारत स्लीपर कोच ट्रेन की टेस्टिंग कोटा हुई. यहां पर उसे अलग-अलग गति पर वजन रख और खाली चलाकर ट्रायल किया गया. इसमें ब्रेकिंग सिस्टम, एयर सस्पेंशन, कपलर फोर्स की टेस्टिंग की गई. इस ट्रेन को 180 की स्पीड पर दौड़ाया गया है और घुमावदार ट्रैक पर भी इसका ट्रायल लिया गया.
टिकट बुकिंग के समय खानपान के विकल्प में वेज, नानवेज या नो फूड का ऑप्शन होता है. अगर आपने सफर के दौरान फूड, चाय या कॉफी का विकल्प चुना है तो आपको दिया जाएगा. अब ये सवाल उठता है कि आखिरी कितनी दूरी तक के लिए चाय, कॉफी और फूड दिया जाता है.
सोशल मीडिया पर पुलिसकर्मियों के साथ खड़े दो लोगों की एक तस्वीर खूब शेयर की जा रही है. कुछ यूजर्स की मानें तो ये तस्वीर दो मुसलमान व्यक्तियों, शाहिद हुसैन और सलमान की है जिन्हें बिहार के गया शहर में वंदे भारत ट्रेन पर पत्थरबाजी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
वंदे भारत से यात्रा कर रहे एक यात्री को तिरुनेलवेली और चेन्नई के बीच चलने वाली ट्रेन में भोजन के रूप में परोसे गए सांभर में तीन कीड़े मिले. मुरुगन नाम के यात्री ने इसकी शिकायत करने के लिए फूड प्रोवाइडर को फोन किया था.
मुरुगन ने कहा, 'अगर आप बच्चों को ऐसा खाना देंगे तो उन्हें फूड पॉइजनिंग हो सकती है. इडली पर रंग के निशान हैं.' इस दौरान फूड प्रोवाइडर मुरुगन और उनके आसपास मौजूद यात्रियों को यह मनाने की कोशिश करता रहा कि यह सांभर मसाला और जीरा है.
नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद जिस ट्रेन से दिल्ली से कानपुर जा रहे थे, उस ट्रेन पर बुलंदशहर में पत्थर फेंके गए. इसमें एक पत्थर उनसे दो सीट आगे बैठे यात्री के पास वाले शीशे पर लग गया और वो चकनाचूर हो गया. इस घटना पर चंद्रशेखर ने हैरानी जताई है.
भारतीय रेलवे ने दिवाली और छठ पूजा से पहले ही आज यानी 30 अक्टूबर को दिल्ली से पटना के बीच वंदे भारत ट्रेन शुरू कर दी है. इस ट्रेन के शुरू होने से बिहार के लोगों को काफी फायदा मिलेगा, क्योंकि दिल्ली से पटना का सफर अब सिर्फ 12 घंटे में ही हो जाएगा. आइए जानते हैं ट्रेन का किराया व शेड्यूल.
चेन्नई के विल्लीवाकम में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में वंदे भारत ट्रेनों के स्लीपर कोच बनाए गए हैं. भारतीय रेलवे के मुताबिक, स्लीपर कोच वाली वंदे भारत ट्रेन में 16 डिब्बे हैं, जिनमें कुल 823 यात्री सफर कर सकते हैं.
चेन्नई से स्लीपर कोच वाली वंदे भारत ट्रेन का वीडियो सामने आया है. वंदे भारत ट्रेन सेवा के स्लीपर कोच के लॉन्च कार्यक्रम का आयोजन चेन्नई के विल्लीवाकम में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) में किया गया. पहली बार वंदे भारत ट्रेनों के स्लीपर कोच इन आईसीएफ रेलवे कारखानों में निर्मित किए गए हैं.
वंदे भारत ट्रेन भारत सरकार की 'मेक इन इंडिया' योजना का एक प्रमुख हिस्सा है, जो अब स्लीपर कोचों को शामिल कर रही है. इस पहल का उद्देश्य यात्रियों को और अधिक सुविधा प्रदान करना है. चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में इन कोचों का निर्माण किया गया है, जो नवीनतम डिज़ाइन और तकनीकी विशेषताओं से लैस हैं. इन सुविधाओं से यात्रियों के आराम का विशेष ध्यान रखा जाएगा.