वाराणसी
वाराणसी (Varanasi) भारत के राज्य उत्तर प्रदेश का एक प्रसिद्ध नगर और जिला है (Uttar Pradesh). इसे बनारस और काशी (Banaras or Kashi) भी कहते हैं. इसे हिन्दू धर्म में एक पवित्र नगर (Holy City) माना गया है. यह बौद्ध और जैन धर्म के लिए भी एक महत्वपूर्ण शहर है. यह संसार के प्राचीन बसे शहरों (Ancient City) में से एक है.
वाराणसी एक महत्वपूर्ण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र (Lok Sabha constituency) है, जहां से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) 2014 आम चुनावों से लगातार भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद हैं. उनसे पहले 2009 में हुए चुनाव में डॉ मुरली मनोहर जोशी (Dr Murali Manohar Joshi) यहां से सांसद थे. वाराणसी लोकसभा क्षेत्र में पांच विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र (Assembly Constituency) शामिल हैं.
2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक वाराणसी की जनसंख्या (Population) लगभग 37 लाख है. इस जिले में प्रति वर्ग किलोमीटर (Density) 2,395 लोग रहते हैं और यहां का लिंग अनुपात (Sex Ratio) 913 है. वाराणसी की 75.60 फीसदी जनसंख्या साक्षर है. इनमें पुरुष 83.78 फीसदी और महिलाओं की साक्षरता दर 66.69 फीसदी है (Varanasi literacy).
वाराणसी की संस्कृति का गंगा नदी (Ganga river) और इसके धार्मिक महत्त्व से गहरा संबंध है. ये शहर हजारों सालों से भारत का सांस्कृतिक और धार्मिक केन्द्र (Cultural and religious centre) रहा है. शास्त्रीय संगीत (Classical Music) का बनारस घराना वाराणसी में ही विकसित हुआ है. भारत के कई दार्शनिक, कवि, लेखक, संगीतज्ञ वाराणसी में रहे हैं,जिनमें कबीर (Kabir), वल्लभाचार्य, रविदास (Ravidas), स्वामी रामानंद, त्रैलंग स्वामी, शिवानन्द गोस्वामी, मुंशी प्रेमचंद (Munshi Premchand), जयशंकर प्रसाद (Jaishankar Prasad), आचार्य रामचंद्र शुक्ल, पंडित रवि शंकर (Pandit Ravi Shankar), गिरिजा देवी (Girija Devi), पंडित हरि प्रसाद चौरसिया (Pandit Hari Prasad Chaurasia) और उस्ताद बिस्मिल्लाह खान (Ustad Bismillah Khan) प्रमुख हैं. गोस्वामी तुलसीदास (Goswami Tulsidas) ने हिन्दू धर्म का पूज्य ग्रंथ रामचरितमानस (Ram Charitmanas) यहीं पर लिखा था और गौतम बुद्ध (Gautam Buddha) ने अपना पहला प्रवचन यहां से करीब, सारनाथ में दिया था.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, काशी नगर की स्थापना भगवान शिव ने लगभग 5,000 वर्ष पूर्व की थी. ये पवित्र सप्तपुरियों में से एक है. स्कन्द पुराण (Skand Puran), रामायण (Ramayana), महाभारत (Mahabharata) और प्राचीनतम वेद ऋग्वेद सहित कई हिन्दू ग्रन्थों में इस शहर की चर्चा है.
वाराणसी में चार बड़े विश्वविद्यालय स्थित हैं, जिनमें बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (Banaras Hindu University, BHU), महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइयर टिबेटियन स्टडीज़ और संपूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय उल्लेखनीय हैं. यहां के निवासियों की मुख्य बोली भोजपुरी है. वाराणसी को मंदिरों का शहर (City of Temples), भारत की धार्मिक राजधानी (Religious capital of India), भगवान शिव की नगरी, दीपों का शहर, ज्ञान नगरी जैसे विशेष नामों से भी संबोधित किया जाता है.
प्रसिद्ध अमरीकी लेखक मार्क ट्वेन (Mark Twain) ने बनारस के बारे में लिखा है, 'यह शहर इतिहास से भी पुरातन है, परंपराओं से पुराना है, किवदंतियों (Legends) से भी प्राचीन है और जब इन सबको एकत्र कर दें, तो उस संग्रह से भी दोगुना प्राचीन है.'
वाराणसी के रामनगर थाना क्षेत्र के 52 बीघा जंगल में मिले बुजुर्ग श्याम जी पटेल की हत्या में उनका ही बेटा राजकुमार शामिल निकला. पैतृक संपत्ति बेचने की जिद में बेटे ने साडू के बेटे मयंक और साथी शिव शंकर पटेल के साथ मिलकर हत्या की. पुलिस ने राजकुमार और मयंक को गिरफ्तार कर लिया, जबकि शिव शंकर फरार है, जिस पर ₹25 हजार इनाम घोषित किया गया है.
नवरात्रि के दौरान वाराणसी में मीट, मछली की दुकानों पर बैन रहेगा..ये फैसला महापौर की अध्यक्षता में हुई नगर निगम की मीटिंग में लिया गया है.
वाराणसी नगर निगम ने नवरात्रि के पूरे 9 दिनों तक नगर सीमा में मीट, मछली और मुर्गे की बिक्री पर रोक लगाने का फैसला किया है. निगम की कार्यकारिणी बैठक में यह निर्णय लिया गया. आदेश का उल्लंघन करने वालों पर FIR दर्ज की जाएगी और सख्त कार्रवाई होगी.
वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में अलविदा की नमाज के दौरान नमाजियों ने काली पट्टी बांधकर वक्फ संशोधन बिल 2024 के खिलाफ विरोध जताया. कुछ लोगों ने तख्तियां लेकर बिल का विरोध किया. हालांकि, मस्जिद में मौजूद अन्य नमाजियों ने बताया कि वे किसी भी विरोध प्रदर्शन का हिस्सा नहीं थे.
वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में अलविदा की नमाज के दौरान नमाजियों ने काली पट्टी बांधकर वक्फ संशोधन बिल 2024 के खिलाफ विरोध जताया. कुछ लोगों ने तख्तियां लेकर बिल का विरोध किया. हालांकि, मस्जिद में मौजूद अन्य नमाजियों ने बताया कि वे किसी भी विरोध प्रदर्शन का हिस्सा नहीं थे.
वाराणसी के औरंगाबाद मोहल्ले का नाम बदलने की मांग पर विवाद तेज हो गया है. हिंदूवादी संगठन इसके नाम को बदलकर लक्ष्मी नगर या नारायणी धाम करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन नगर निगम की कार्यकारिणी ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. स्थानीय लोग नाम बदलने से होने वाली दिक्कतों को लेकर चिंतित हैं.
वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर GRP और RPF की संयुक्त टीम को बड़ी सफलता मिली. ताप्ती गंगा एक्सप्रेस की चेकिंग के दौरान 10 किलो चरस लावारिस हालत में बरामद हुई, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 5 करोड़ रुपए बताई जा रही है. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और चरस के स्रोत का पता लगाने की कोशिश कर रही है.
देशभर में औरंगजेब को लेकर छिड़े विवाद के बीच वाराणसी में पिछले कुछ दिनों से कई हिंदूवादी संगठनों ने मुस्लिम मोहल्लों के नाम बदलने की मांग उठाई थी...अब वाराणसी नगर निगम में इसकी कवायद तेज़ हो गई है.
आज वाराणसी नगर निगम में होने वाली कार्यकारिणी की बैठक में जहां अलग-अलग तमाम विषयों पर चर्चा होनी है. वही शहर के अन्दर स्थित मोहल्ला औरंगाबाद का नाम बदलकर लक्ष्मीनगर या नारायणी धाम नगर किए जाने के संदर्भ पर भी बहस होगी.
वाराणसी में गंगा के घाटों पर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए अब नगर निगम को शुल्क देना होगा. नगर निगम ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है. निगम ने फीस का ऐलान भी कर दिया है. कार्यक्रम की तारीख से 15 दिन पहले ऑनलाइन एप्लाई करना होगा.
दिल्ली के बाद अब वाराणसी में भी नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानों पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठी है. हिंदू पक्ष की वादी महिलाओं और पैरोकारों ने जिला प्रशासन को पत्र सौंपकर अनुरोध किया है कि काशी एक पवित्र स्थल है और नवरात्रि में इसकी धार्मिक महत्ता और बढ़ जाती है.
दरअसल, जिस केस के बेल ऑर्डर को दिखाकर ठग वाराणसी जेल से रिहा हुआ, अलीगढ़ के उसी केस में जमानत पर आज इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है. यानी हाई कोर्ट से अभी जमानत लेनी है लेकिन आरोपी पहले ही जेल से रिहा हो चुका है.
यूपी के मंत्री और बीजेपी विधायकों की अर्से से शिकायत रही है कि अफसर उनकी नहीं सुनते. अफसरों की मनमानी पर योगी आदित्यनाथ ने एक बार कहा था कि पक्के सबूत मिले तो निश्चित तौर पर एक्शन होगा - बनारस की एक घटना ने साफ कर दिया है कि कैसे अफसर मुख्यमंत्री को अंधेरे में रखने की कोशिश करते हैं.
हैरान कर देने वाली कत्ल की ये वारदात बनारस के जैतपुरा थाना क्षेत्र की है. जहां औसानगंज इलाके में 14 मार्च की रात इस खूनी वारदात को अंजाम दिया गया था. दरअसल, शहर के जैतपुरा थाना क्षेत्र के औसानगंज इलाके में रात लगभग 11 बजे दिलजीत की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
वाराणसी जिला जेल के अधीक्षक उमेश कुमार सिंह पर डिप्टी जेलर मीना कनौजिया की बेटी ने मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं.
भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स 9 महीने बाद अंतरिक्ष से लौट आई हैं. उनकी सुरक्षित वापसी के लिए वाराणसी के पांचू वीर बाबा मंदिर में हवन-पूजन किया गया. बता दें बीते साल नासा ने उन्हें 8 दिन के मिशन पर भेजा था, लेकिन तकनीकी कारणों से उनकी वापसी में देरी हुई.
12 मार्च को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वाराणसी के दौरे पर थे. इस दौरान नगर निगम प्रशासन को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया था कि प्रस्तावित रूट पर किसी भी हाल में आवारा पशु न दिखें. इसके बावजूद, कबीरचौरा क्षेत्र में निरीक्षण के दौरान साड़ सड़क पर दिखाई दिए. इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने कुल 16 कर्मियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की.
12 मार्च को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वाराणसी के दौरे पर थे. इस दौरान नगर निगम प्रशासन को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया था कि प्रस्तावित रूट पर किसी भी हाल में आवारा पशु न दिखें. इसके बावजूद, कबीरचौरा क्षेत्र में निरीक्षण के दौरान साड़ सड़क पर दिखाई दिए. इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने कुल 16 कर्मियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की.
वाराणसी के गंजारी, राजातालाब में बन रहे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का निरीक्षण करने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचे. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्टेडियम निर्माण में किसी भी प्रकार की देरी न हो और इसे तय समयसीमा के भीतर पूरा किया जाए. उन्होंने ड्रेनेज सिस्टम, सड़क कनेक्टिविटी और दर्शकों की सुविधाओं को उच्च गुणवत्ता वाला बनाने पर जोर दिया. मुख्यमंत्री ने कार्य कर रहे श्रमिकों और इंजीनियरों से मुलाकात कर उनका हौसला भी बढ़ाया.
महामंडलेश्वर भवानी शंकरानंद गिरी कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में जब हमें अधिकार दिया तो हमारी संस्कृति भी हमारे हाथ में आई. लोगों के सहयोग से संतों ने अपना अपना पुरषार्थ दिखाया है और समाज ने हमें दिल से लगाया है. हमारा भी कर्तव्य बनता है कि आने वाली जनरेशन के लिए जो परंपराएं जिंदा रखें.
यहां रंग नहीं चिता की राख से खेली जाती है होली, जानें क्या है वजह