आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) की एमडी और सीईओ रहीं चंदा कोचर (Chanda Kochhar) ने वेणुगोपाल धूत (Venugopal Dhoot) के वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (VIEL) को 3,250 करोड़ का ऋण देकर अपने पद का दुरुपयोग किया था (Videocon Fraud Case). खबरों के मुताबिक यह ऋण, कोचर के पति दीपक कोचर (Deepak) के स्वामित्व वाली कंपनी न्यूपॉवर रिन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड (NRPL) में अवैध संतुष्टि और अनुचित लाभ प्राप्त करने के एवज में दिया गया था.
प्रारंभिक जांच के दौरान, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पाया कि नीतियों को तड़ते हुए, जून 2009 और अक्टूबर 2011 के बीच, आईसीआईसीआई बैंक ने कथित तौर पर वीडियोकॉन समूह से संबद्ध कंपनियों को कुल 1,875 करोड़ के ऋण दिए गए. जांच एजेंसी के अनुसार, ऋण को 2012 में गैर-निष्पादित संपत्ति घोषित किया गया था, जिसके कारण बैंक को 1,730 करोड़ का नुकसान हुआ था.
23 दिसंबर 2022 को CBI ने चंदा कोचर के साथ-साथ उनके पति दीपक कोचर को भी हिरासत में ले लिया है और 26 दिसंबर 2022 तक वेणुगोपाल धूत को भी जांच एजेंसी ने गिरफ्तार कर लिया था.
वीडियोकॉन को लोन मामले में सीबीआई ने दिसंबर 2022 में बड़ा एक्शन लेते हुए ICICI बैंक की पूर्व MD और CEO चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था. आरोप है कि जब चंदा कोचर आईसीआईसीआई बैंक की कमान संभाल रही थीं, तब उन्होंने वीडियोकॉन ग्रुप को लोन दिया था. बदले में चंदा के पति दीपक कोचर की कंपनी नू रिन्यूएबल को वीडियोकॉन से निवेश मिला था.
ICICI बैंक और Videocon लोन फ्रॉड केस में सीबीआई ने दिसंबर 2022 में बड़ा एक्शन लेते हुए ICICI बैंक की पूर्व MD और CEO चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था. इसके बाद एजेंसी ने वेणुगपाल धूत की गिरफ्तारी की थी. बॉम्बे हाईकोर्ट ने चंदा कोचर, दीपक कोचर और अब धूत को जमानत दे दी है.