विजय बघेल (Vijay Baghel) एक राजनीतिज्ञ हैं जो भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सदस्य है. वह दुर्ग से लोकसभा सदस्य हैं. बघेल पहली बार 2000 में एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में भिलाई नगर परिषद के लिए चुने गए थे. उन्होंने 2003 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के रूप में पाटन निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन भूपेश बघेल से हार गए. फिर, उन्होंने 2008 के विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और कांग्रेस के भूपेश बघेल को 7,842 वोटों के भारी अंतर से हराकर जीत हासिल की. फिर वह गृह मंत्री ननकी राम कंवर के संसदीय सचिव बने (Vijay Baghel Political Career).
उन्होंने 2013 का विधानसभा चुनाव भूपेश बघेल के खिलाफ लड़ा लेकिन सीट बरकरार रखने में असफल रहे. 2019 के आम चुनाव में, उन्होंने दुर्ग से कांग्रेस की प्रतिमा चंद्राकर के खिलाफ चुनाव लड़ा और 3,91,978 वोटों के अंतर से जीत हासिल की (Vijay Baghel Durg Constituency).
उनका जन्म 15 अगस्त 1959 को मध्य प्रदेश के दुर्ग में हुआ था (Vijay Baghel Born). उनके पिता का नाम नम्मूलाल बघेल और मां का नाम सत्यभामा बघेल है (Vijay Baghel Family).
विजय बघेल की पत्नी का नाम रजनी बघेल है और उनका एक बेटा और एक बेटी है (Vijay Baghel Wife and Children).
पांच राज्यों के चुनाव में बीजेपी ने 21 सांसदों को उम्मीदवार बनाया था. 12 सांसद चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंच गए लेकिन नौ सांसदों की कश्ती चुनावी वैतरणी में डूब गई. इनमें से छह सांसद हिंदी पट्टी के तीन राज्यों से हैं जहां प्रचंड मोदी लहर नजर आई. ये नौ सांसद कौन हैं?
भाजपा ने 17 अगस्त को एमपी-छत्तीसगढ़ मिलाकर 60 दावेदारों की सूची जारी कर सबको चौंका दिया था. इस सूची में छत्तीसगढ़ के 21 दावेदारों के नाम की घोषणा हुई थी. 21 नामों में दो नाम सबसे अधिक चर्चा में रहे. पहला विजय बघेल का, जो कि दुर्ग से सांसद हैं और दूसरा राम विचार नेताम जो कि पूर्व राज्यसभा सदस्य और पूर्व मंत्री रह चुके हैं.
बीजेपी ने एक अच्छा दांव खेला है और कांग्रेस पर एक दबाव भी दिया है. अमतौर पर यह माना जाता है कि जो पहले टिकट की घोषणा करता है बाजी वही मार जाता है. अब देखना यह भी खास होगा कि कांग्रेस अपने पारंपरिक फार्मूले से ब्लॉक स्तर तक उम्मीदवारों को फॉर्म भरवाने का काम करती है या टिकट की घोषणा अगस्त महीने में ही कर देती है.