विक्रम मिसरी, राजनयिक
विक्रम मिसरी (Vikram Misri) को दिसंबर 2021 में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में बतौर उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (Deputy National Security Advisor of India) नियुक्त किया गया. वे विदेश सेवा (Foreign Service) के एक अधिकारी हैं और उन्होंने 11 दिसंबर तक चीन में राजदूत (Ambassador to China) के रूप में कार्य किया. प्रदीप कुमार रावत ने उनसे पदभार ग्रहण किया.
विरक्रम मिसरी की जन्म 7 नवंबर 1964 (Vikram Misri Date of Birth) को श्रीनगर में हुआ था. उन्होंने दिल्ली के हिंदू कॉलेज से स्नातक करने से पहले सिंधिया स्कूल में पढ़ाई की. उनके पास MBA की डिग्री भी है. सिविल सेवा में आने से पहले, उन्होंने तीन साल तक विज्ञापन और विज्ञापन फिल्म निर्माण में काम किया था (Misri Education).ओ
उन्होंने डॉली मिसरी से शादी की है (Misri Married to Dolly Misri) और उनके दो बच्चे हैं. वह अंग्रेजी, हिंदी और कश्मीरी में धाराप्रवाह हैं और उन्हें फ्रेंच का भी ज्ञान है.
भारतीय विदेश सेवा के 1989 बैच के कैरियर राजनयिक विक्रम मिसरी ने म्यांमार और स्पेन में भारत के राजदूत के रूप में कार्य किया है (1989 Batch IFS Officer). 2019 में, उन्हें बीजिंग में राजदूत के रूप में नियुक्त किया गया और भारत-चीन संबंधों में एक महत्वपूर्ण अवधि के दौरान सेवा की. जून 2020 में गालवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के हिंसक संघर्ष के बाद मिसरी चीन के साथ हुई कई वार्ताओं का हिस्सा थे. उन्होंने विदेश मंत्रालय में, प्रधान मंत्री कार्यालय में, और यूरोप, अफ्रीका, एशिया और उत्तरी अमेरिका में कई भारतीय मिशनों में काम किया है.
वह 2012 से 2014 तक पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह के निजी सचिव थे और 2014 में नरेंद्र मोदी के पदभार संभालने के बाद इस पद पर बने रहे. मिसरी ने मई से जुलाई 2014 तक पीएम मोदी के निजी सचिव के रूप में कार्य किया. 1997 में, वह तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदर कुमार गुजराल के निजी सचिव थे (Important Facts About Vikram Misri)
अमेरिका ने 487 अवैध भारतीय प्रवासियों को जल्द ही US से निर्वासित करने की तैयारी कर ली है, इसी बीच भारत ने निर्वासित होने वाले भारतीयों के साथ दुर्व्यवहार की आशंका पर चिंता जताई है.
चीन ने विदेश सचिव विक्रम मिस्री की यात्रा का स्वागत किया और इसे भारत-चीन संबंधों में नए सिरे से सुधार की दिशा में एक सकारात्मक कदम बताया है. यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब लद्दाख क्षेत्र में सैन्य टकराव के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारने के कोशिशें जारी हैं.
विदेश सचिव की यह यात्रा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल द्वारा चीन में विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात के एक महीने बाद हो रही है, जिसमें उन्होंने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए एक निष्पक्ष और उचित रूपरेखा की मांग करते हुए समग्र भारत-चीन संबंधों पर एक राजनीतिक दृष्टिकोण बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया था.
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री के साथ चर्चा में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भारत और अफगानिस्तान के लोगों की ऐतिहासिक दोस्ती पर जोर दिया. दोनों पक्षों ने भारत सरकार की ओर से चलाए गए मानवीय सहायता प्रोग्राम का मूल्यांकन किया. अफगानी मंत्री ने इसके लिए भारत सरकार की सराहना भी की.
India-Bangladesh Ties: भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि हमें बांग्लादेश की मौजूदा सरकार के साथ काम करना है. दोनों देशों के बीच एक यह अहम रिश्ता है. अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश और भारत के बीच संबंधों को बहुत ठोस और घनिष्ठ बताया. उन्होंने भारत से उन 'बादलों' को हटाने में मदद करने को कहा, जिनकी छाया हाल के दिनों में दोनों पड़ोसियों के बीच संबंधों पर पड़ी है.
कहा जा रहा है कि विक्रम मिस्री अपने बांग्लादेश दौरे के दौरान बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का मुद्दा उठा सकते हैं. इसके साथ ही दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय मुद्दों पर भी चर्चा होगी.
भारतीय विदेश सेवा के 1989 बैच के अधिकारी विक्रम मिस्री ने विदेश मंत्रालय में कई पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं. वह यूरोप, अफ्रीका, एशिया और उत्तरी अमेरिका में भारतीय मिशनों में विभिन्न पदों पर तैनात रहे हैं. मिस्री ने 15 जुलाई, 2024 को विदेश सचिव के रूप में पदभार ग्रहण किया.
कनाडा के इन बेतुके आरोपों के बाद भारत ने ओटावा में अपने उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा को वापस बुला लिया और छह कनाडाई राजनयिकों को देश से निष्कासित कर दिया.