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विनायक चतुर्थी

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विनायक चतुर्थी

विनायक चतुर्थी

विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi) को विनायक चविटी के नाम से भी जाना जाता है. यह एक हिंदू त्योहार है जो भगवान गणेश की पूजा - अर्चना की जाती है. इस त्योहार में भगवान गणेश की मिट्टी की मूर्तियों को घरों में और सार्वजनिक रूप से स्थापना कर या मंदिर में पूजा करते हैं. यह पूजा दस दिनों तक चलती हैं. दसवें दिन अननंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश की प्रतिमा को विसर्जित किया जाता है (Vinayak Chaturthi).

गणेश चतुर्थी के पूजा के दौरान भगवान गणेश को मोदक (Modak) और लड्डू (Laddoo) का भोग लगाया जाता है. माना जाता है कि यह मिठाई गणेशजी को बहुत पसंद है. अनुष्ठानों में वैदिक भजनों और हिंदू ग्रंथों, प्रार्थना और जप किया जाता है साथ ही लोग व्रत भी रखते हैं (Vinayak Chaturthi Bhajan). त्योहार शुरू होने के दसवें दिन मूर्ति को संगीत और जप के साथ एक सार्वजनिक जुलूस निकाल कर पास के पानी जैसे नदी या समुद्र में विसर्जित किया जाता है. गणेश चतुर्थी हर साल 22 अगस्त से 20 सितंबर के बीच आती है (Vinayak Chaturthi Festival).

मुंबई में यह त्योहार काफी बड़े स्तर पर धूमधाम से मनाया जाता है. इन दिनों मुंबई में स्थित लालबाग (Lalbaug) में स्थित सबसे अधिक लोकप्रिय सार्वजनिक गणेश मंडल है, जो लालबागचा राजा (Lalbaugcha Raja) के नाम से प्रसिद्ध है. यह मुंबई के परेल इलाके में स्थित है. इसकी स्थापना वर्ष 1934 में हुई थी (Fondation of Lalbaugcha Raja). यहां लाखों लोग भगवान गणेश का दर्शन करने आते हैं और चढ़ावा चढ़ाते हैं.

दुनिया भर में सबसे ज्यादा चढ़ावा इसी मंदिर में चढ़ता है. इस दान के रकम से कई तरह के चैरिटी कार्य भी किया जाता है. इस मंडल के पास अपनी कई हॉस्पिटल और एम्बुलेंस हैं. यहां गरीबों का निःशुल्क इलाज किया जाता है, साथ ही, प्राकृतिक आपदाओं में राहत कोष के लिए भी लालबागचा मंडल आर्थिक रूप से मदद करता है (Lalbaugcha Raja Charity).  

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