विश्वकर्मा (Vishwakarma) हिंदू धर्म में देवताओं के दिव्य शिल्पकार और वास्तुकार माने जाते हैं. उन्हें निर्माण, स्थापत्य, और यांत्रिकी का देवता माना जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, उन्होंने देवताओं के लिए कई अद्भुत भवन, अस्त्र-शस्त्र, और यंत्रों का निर्माण किया, जिनमें स्वर्गलोक, पुष्पक विमान, द्वारका नगरी, इंद्रप्रस्थ और शिव का त्रिशूल प्रमुख हैं.
विश्वकर्मा जयंती उनके सम्मान में मनाया जाने वाला पर्व है, जिसे आमतौर पर भारतीय शिल्पकार, इंजीनियर, वास्तुकार, और कारीगर बड़ी श्रद्धा से मनाते हैं. यह भाद्रपद माह (अगस्त-सितंबर) में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन लोग अपने औजारों, मशीनों, और कार्यस्थलों की पूजा करते हैं.
कोलकाता नगर निगम की ओर से जारी आदेश में साफ साफ लिखा गया था कि 17 सितंबर 2025 को विश्वकर्मा पूजा की छुट्टी नहीं रहेगी क्योंकि इस छुट्टी के बदले ईद उल फितर की छुट्टी बढ़ा दी गई है. इस आदेश के अनुसार राज्य में ईद उल फितर की छुट्टी 31 मार्च 2025 और 1 अप्रैल 2025 को घोषित की गई थी.