विश्वकर्मा (Vishwakarma), हिंदू देवता हैं. उन्हें स्वयंभू और दुनिया का निर्माता माना जाता है. हर साल 17 सितंबर को उनकी जयंती मनाई जाती है (Vishwakarma Puja 2023). पुराणों की माने तो उन्होंने द्वारका के पवित्र शहर का निर्माण किया, जहां भगवान कृष्ण ने शासन किया था. पांडवों के लिए इंद्रप्रस्थ का महल और देवताओं के लिए कई शानदार हथियारों के निर्माण भी भगवान विश्वकर्मा ने किया है. ऋग्वेद (Rigveda) में उन्हें यांत्रिकी और वास्तुकला के विज्ञान, स्थापत्य वेद का श्रेय दिया गया है (Vishwakarma Architecture of the World).
इस दिन भारत के कई स्थानों पर विश्वकर्मा की भव्य मूर्ति की स्थापना कर पंडाल को सजाया जाता है और सार्वजनिक पूजा का आयोजन किया जाता है, जहां हजारों लोग पूजा और दर्शन करने आते हैं. विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर कंपनियों और फैक्ट्रियों में मशीन की खास पूजा की जाती है और भगवान से प्रार्थना करते है उनका कारोबार अच्छा चले. लोग अपने गाड़ियों और घर में मौजूद मशीन जैसे टीवी, रेफ्रिजिरेटर, कंप्यूटर, लैपटॉप आदी की पूजा कर प्रसाद चढ़ाते है (Vishwakarma Puja Rituals).
हिंदू परंपरा के अनुसार, विश्वकर्मा को दुनिया के दिव्य अभियंता के रूप में जाना जाता है. चूंकि उन्हें दुनिया के मूल निर्माता के रूप में जाना जाता है, इसलिए उन्होंने दुनिया को बनाने और बचाने के लिए एक खास दिन उनको समर्पित है (Vishwakarma Puja 17 September).
PM Vishwakarma Yojana : प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत 18 विभिन्न ट्रेड में लोगों के कौशल को निखारने के लिए मास्टर ट्रेनरों के माध्यम से ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके अलावा दो चरणों में लाभार्थियों को 3 लाख रुपये तक का लोन रियायती दरों पर दिया जाएगा.
हिन्दू धर्म में विश्वकर्मा को निर्माण एवं सृजन का देवता माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान विश्वकर्मा ने सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी के सातवें पुत्र के रूप में जन्म लिया था. भगवान विश्वकर्मा का जिक्र 12 आदित्यों और ऋग्वेद में होता है.