विवेक गणपति रामास्वामी (Vivek Ganapathy Ramaswamy) भारतीय मूल के अमेरिकी व्यवसायी हैं. फरवरी 2023 में, विवेक रामास्वामी ने 2024 के संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव (US Presidential Election 2024) में रिपब्लिकन पार्टी के नामांकन के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की (Vivek Ramaswamy Candidate Republican Party). उन्होंने 2014 में एक फार्मास्युटिकल कंपनी रोइवंत साइंसेज की स्थापना की थी (Vivek Ramaswamy Company).
रामास्वामी का जन्म 9 अगस्त 1985 को ओहियो के सिनसिनाटी में एक एनआरआई परिवार में हुआ था (Vivek Ramaswamy Born). उनका परिवार केरल के तमिल भाषी ब्राह्मण हैं. उनके पिता, वी. गणपति रामास्वामी एक इंजीनियर और पेटेंट वकील थे और उनकी मां एक वृद्ध मनोचिकित्सक के रूप में काम करती थीं. केरल के वडक्केंचेरी शहर में उनका एक पारंपरिक पैतृक घर है (Vivek Ramaswamy Family).
रामास्वामी ने आठवीं कक्षा तक पब्लिक स्कूलों में पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने सिनसिनाटी के सेंट जेवियर हाई स्कूल में दाखिला लिया. 2003 में वेलेडिक्टोरियन से स्नातक की उपाधि प्राप्त की (Vivek Ramaswamy Education). वह हार्वर्ड पॉलिटिकल यूनियन के सदस्य थे और इसके अध्यक्ष बनाए गए.
2014 में, रामास्वामी ने जैव प्रौद्योगिकी फर्म रोइवंत साइंसेज की स्थापना की. कंपनी के नाम में 'Roi' का तात्पर्य निवेश पर रिटर्न से है.
रामास्वामी ने 2015 में अपूर्वा रामास्वामी से शादी की, जो एक चिकित्सक हैं. उनके दो बेटे हैं.
विवेक रामास्वामी की छवि अमेरिका में राष्ट्रीय स्तर पर बन चुकी है. उनके डोनाल्ड ट्रंप के साथ घनिष्ठ संबंध हैं. उन्होंने हाल ही में अमेरिकी सरकार का DOGE विभाग छोड़ा था और अब वह ओहियो के गवर्नर पद की दौड़ में शामिल हो गए हैं.
भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक एलॉन रामास्वामी ने कहा कि संघीय नौकरशाही के सफाए के लिए बनाए गए DOGE को लेकर उनकी और मस्क की अप्रोच बिल्कुल अलग-अलग रही है.
भारतीय मूल के उद्यमी विवेक रामास्वामी अब डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) का हिस्सा नहीं रहेंगे. व्हाइट हाउस ने इसकी जानकारी दी है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसकी घोषणा की थी और उन्हें अरबपति एलन मस्क के साथ नेतृत्व के लिए चुना था. डोनाल्ड ट्रंप से आयोवा कॉकस हारने के बाद 38 वर्षीय एंटरप्रेन्योर विवेक रामास्वामी ने राष्ट्रपति की दौड़ से अपना नाम वापस ले लिया था.
हिंदुत्व के पैरोकार रामास्वामी को खुद को प्राउड हिंदू कहते हैं. वह कई मौकों पर कह चुके हैं कि मैं हिंदू हूं और मुझे इस पर गर्व है. मैं बिना किसी माफी के लिए इसके लिए खड़ा हूं. मैं एक हिंदू हूं. मुझे सिखाया गया है कि भगवान ने हम सबको यहां किसी मकसद से भेजा है. मैं कोई फर्जी हिंदू नहीं हूं, जिसने अपना धर्म बदला हो. मैं अपने करिअर के लिए झूठ नहीं बोल सकता.
रामास्वामी ने X पर लिखा कि करदाताओं द्वारा वित्तपोषित होटल का स्वामित्व पाकिस्तानी सरकार के पास है, जिसका मतलब है कि न्यूयॉर्क के टैक्सपेयर्स वास्तव में हमारे अपने देश में अवैध प्रवासियों को रखने के लिए एक विदेशी सरकार को भुगतान कर रहे हैं, ये पागलपन है.
अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी के प्रभारी विवेक रामस्वामी ने कहा, "एलन मस्क और मैं वाशिंगटन डीसी की ब्यूरोक्रेसी से लाखों निर्वाचित गैर-सरकारी अधिकारियों को हटाने के लिए तैयार हैं. यही वह तरीका है जिससे हम इस देश को बचाएंगे."
डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी कैबिनेट में भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी को भी जगह दी है. उन्हें टेस्ला सीईओ एलॉन मस्क के साथ डिपार्टमेंट ऑफ गवर्मेंट एफिशियंसी की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं.
विवेक रामास्वामी कई मौकों पर कह चुके हैं कि अगर वे देश के राष्ट्रपति चुने जाते हैं तो वे अवैध प्रवासियों को उनके देश वापस भेज देंगे. उन्होंने दो टूक कहा था कि अमेरिका में जो भी गैरकानूनी रूप से रह रहा है, उन पर कोई नरमी नहीं बरती जाएगी. उन्हें उनके देश भेजा जाएगा.
डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि ट्रंप ने कहा कि मस्क और रामास्वामी ब्यूरोक्रेसी में बदलाव करेंगे जिससे सभी अमेरिकी नागरिकों की जिंदगी और बेहतर होगी. सरकार के 6.5 ट्रिलियन डॉलर की धनराशि के अनावश्यक खर्च और धोखाधड़ी को रोका जाएगा.
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ये दोनों बेहतरीन शख्स मिलकर मेरी सरकार में ब्यूरोक्रेसी को क्लीन करने से लेकर बेफिजूल खर्च में कटौती करने, गैरजरूरी नियमों को खत्म करने और संघीय एजेंसियों के रिस्ट्रक्चर पर काम करेंगे.
अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी की ओर से फिलहाल पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सबसे आगे हैं. उनके कट्टर समर्थक बनकर सामने आए भारतवंशी विवेक रामास्वामी ने एक और भारतवंशी निक्की हेली पर निशाना साधा है.
फोर्ब्स की रिपोर्ट के मुताबिक, विवेक रामास्वामी 11 महीने पहले रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल हुए थे, लेकिन इन ग्यारह महीनों की तुलना में उनकी संपत्ति बढ़ी है. रिपब्लिकन पार्टी के नामांकन के लिए आयोवा कैंपेन के दौरान रामास्वामी की संप्तित 10 करोड़ डॉलर से अधिक बढ़ी है.
भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की रेस से बाहर हो गए हैं. उन्हें डोनाल्ड ट्रंप से आयोवा कॉकस में हार मिली, जिसके बाद उन्होंने उम्मीदवारी छोड़ने का ऐलान किया था.
वॉल स्ट्रीट जर्नल के एक सर्वे से पता चला है कि अगर आज की तारीख में राष्ट्रपति चुनाव होता है तो निक्की हेली डेमोक्रेट नेता बाइडेन को वोटों के भारी अंतर से हरा सकती हैं. सर्वे से संभावित रूप से पता चल रहा है कि लोकप्रियता के मामले में हेली ने बाइडेन को पीछे छोड़ दिया है.
विवेक रामास्वामी और निक्की हेली एक दूसरे के खिलाफ खुलकर सामने आ गए हैं. इस बीच विवेक ने हेली को फासीवादी और भ्रष्ट तक कह दिया लेकिन हेली ने यह कहकर उनके इस बयान पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया कि वह इस तरह के बेतुकी बयानों पर बात कर अपना समय खर्च करना नहीं चाहती.
रिपब्लिकन पार्टी की थर्ड डिबेट में रामास्वामी ने चीनी ऐप टिकटॉक पर बैन लगाने के बारे में सवाल पूछने पर हेली पर निशाना साधा था. रामास्वामी ने कहा था कि निक्की की बेटी अभी भी टिकटॉक का इस्तेमाल करती है. इस पर निक्की भड़क गईं और आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए विवेक को चेतावनी तक दे डाली. निक्की ने कहा कि विवेक उनके परिवार को इस डिबेट से दूर रखें.
भारतीय मूल के दो अमेरिकी नेताओं के बीच 1 नवंबर को डिबेट होनी है. ये डिबेट डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार विवेक रामास्वामी और रिपब्लिकन सांसद रो खन्ना के बीच होनी है.
विवेक रामास्वामी अगर 2024 में अमेरिका के अंदर होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव में जीत जाते हैं तो वह H-1B वीजा प्रोग्राम को खत्म कर देंगे. उन्होंने इसमें कई खामियां बताते हुए कहा कि इस प्रोग्राम से सिर्फ कंपनियों को फायदा होता है और कर्मचारी गिरमिटिया बन जाते हैं.
भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक विवेक रामास्वामी अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी से उम्मीदवारी के दावेदार हैं. राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारी के दावेदार के तौर पर उन्होंने खुद को एक अच्छे डिबेटर के रूप में पेश किया है. जबकि एक रिपोर्ट में उनके पूर्व कर्मचारी ने कहा है कि वो एक पागल नेता हैं, कर्मचारियों से नौकरों जैसा व्यवहार करते हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के लिए रिपब्लिकन पार्टी की डिबेट में भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी ने अपनी स्पीच से धूम मचा दी है. उन्हें उम्मीदवार बनने में भले ही सफलता न मिले पर उनके विचारों ने अमेरिका में हलचल जरूर मचा दी है.