ज्वालामुखी
एक ज्वालामुखी (Volcano) का निर्माण एक प्लैनेटरी-मास ऑबजेक्ट की परत में टूटने से होता है. ज्वालामुखीय प्रक्रिया में गर्म लावा, ज्वालामुखीय राख और गैसें सतह के नीचे स्थित मैग्मा कक्ष से पृथ्वी की सतह से बाहर निलकती है (Volcano Composition).
पृथ्वी पर, जहां टेक्टोनिक प्लेट्स विचलन या अभिसरण करते हैं, ज्वालामुखी सबसे ज्यादा पाए जाते हैं. अधिकांश ज्वालामुखी पानी के नीचे पाए जाते हैं. किसी मध्य-महासागर रिज, जैसे कि मिड-अटलांटिक रिज, में अलग-अलग टेक्टोनिक प्लेटों के कारण कई ज्वालामुखी हैं जबकि पैसिफिक रिंग ऑफ फायर में अभिसरण टेक्टोनिक प्लेटों के कारण बड़ी संख्या में ज्वालामुखी हैं (Divergent Plate Boundaries). क्रस्ट की प्लेटों में खिंचाव और पतलापन होने की वजह से भी कई ज्वालामुखियों का निर्माण होता है, पूर्वी अफ्रीकी दरार और वेल्स ग्रे-क्लियरवाटर ज्वालामुखी क्षेत्र और उत्तरी अमेरिका में रियो ग्रांड दरार इसके सबूत हैं (Convergent Plate Boundaries). ज्वालामुखी प्लेट की सीमाओं से दूर पृथ्वी में 3,000 किलोमीटर की गहराई में कोर-मेंटल सीमा से जुड़ा होता है. इसे हॉटस्पॉट ज्वालामुखी कहते हैं, इसका एक उदाहरण हवाई हॉटस्पॉट है (Hotspot Volcano). आमतौर पर दो टेक्टोनिक प्लेटों के एक दूसरे से टकराने पर ज्वालामुखी का निर्माण नहीं होता है.
बड़े ज्वालामुखी विस्फोट वायुमंडलीय तापमान को प्रभावित कर सकते हैं. विस्फोट से निकलने वाली राख और सल्फ्यूरिक एसिड की बूंदें सूर्य की किरणों को वातावरण से दूर रखती हैं, जिससे पृथ्वी का क्षोभमंडल ठंडा हो जाता है. ऐतिहासिक रूप से, बड़े ज्वालामुखी विस्फोटों के बाद ज्वालामुखीय सर्दियां आती हैं, जो भयावह अकालों का कारण बनी हैं (Volcano Hazards).
दुनिया का सबसे एक्टिव ज्वालामुखी किलुआ फिर से फट पड़ा है. हलेमा'उमा'उ क्रेटर में लावा का तालाब बनता जा रहा है. यह तालाब फिर से भर रहा है. किलुआ ने इस बार भी लावा के ऊंचे-ऊंचे फव्वारे निकाले. लगातार विस्फोट हो रहा है. जहरीली गैसें और गर्म लावा निकल रहा है.
फिलीपींस में कानलाओन नाम का ज्वालामुखी अचानक फट पड़ा. जिसकी वजह से राख का गुबार आसमान में 3 किलोमीटर ऊपर तक गया. सरकार ने तत्काल 87 हजार लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का काम शुरू किया है. ताकि ज्वालामुखी की गर्म राख, लावा या पत्थर से किसी की जान न जाए.
तीन साल से लगातार फट रहा है Iceland का ज्वालामुखी. रीकजेन्स प्रायद्वीप पर मौजूद ग्रिंडाविक कस्बे के पास यह ज्वालामुखी 10वीं बार फटा है. इसलिए ही आइसलैंड को 'Land of Fire and Ice' कहा जाता है. पिछले कुछ वर्षों में यहां पर ज्वालामुखी के फटने की घटना तेजी से बढ़ी है.
एक ज्वालामुखी फटा. फिर तेज बारिश हुई. इसके बाद आई ऐसी आपदा, जो आपने सुनी भी नहीं होगी. इंडोनेशिया में Cold Lava Flash Flood आया. इससे 52 लोग मारे गए. 249 घर ध्वस्त हो गए. सैकड़ों हेक्टेयर जमीन बर्बाद हो गई. अब भी खतरा टला नहीं है... देखिए भयावह तस्वीरें.
बिजली हमेशा आसमान से गिरती है. लेकिन ज्वालामुखी पर जब बिजली गिरती है, तो ऐसा लगता है जैसे ज्वालामुखी आसमान की तरफ बिजली फेंक रहा है. क्या होता है जब आसमान से ज्वालामुखी पर बिजली गिरती है. यहां दिए गए Video देख कर आप हैरान हो जाएंगे. कई बार इसे रिवर्स लाइटनिंग भी कहते हैं.
इंडोनेशिया के नॉर्थ सुलावेसी प्रांत में मौजूद रुआंग ज्वालामुखी में विस्फोट हुआ. राख और धुआं 19 किलोमीटर ऊपर स्ट्रैटोस्फेयर तक पहुंच गया. सुनामी की आशंका पैदा हो गई. 800 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. विस्फोट का ऐसा नजारा कई वर्षों के बाद देखने को मिला है.
यूरोप के सबसे एक्टिव ज्वालामुखी ने हाल ही में धुएं के छल्ले उगले. यह बेहद दुर्लभ नजारा है. यह तब होता है जब नया क्रेटर बनता है. इसके वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर शेयर हो रहे हैं. आइए जानते हैं इन छल्लों के बनने का प्रोसेस...
आइसलैंड के रेक्जेन्स प्रायद्वीप में ज्वालामुखी विस्फोट हुआ है. जिसका लावा कई किलोमीटर दूर तक जमीन पर दहक उठा. आसमान में धुएं का लाल गुबार भी देखने को मिला. पिछले चार महीने में ये चौथी बार ज्वालामुखी में विस्फोट हुआ है. इससे जमीन में 2.9 किलोमीटर लंबी दरार बन गई है. देखें ये वीडियो.
Iceland का ज्वालामुखी तीसरी बार फटा है. वहां से लावा के 200 फीट ऊंचे फव्वारे निकल रहे हैं. इस बार विस्फोट से 3.21 km लंबी नई दरार बनी हैं, जहां से निकल रहा लावा बहकर सड़कों तक आ गया है. भारी मात्रा में राख भी निकल रही है. पिछले ढाई महीनों के अंदर यह तीसरा बड़ा विस्फोट है.
New Zeland की रोटोरुआ झील के नीचे भयानक चुंबकीय गड़बड़ी देखने को मिल रही है. जांच में पता चला कि वहां पर 'बेवकूफों का सोना' यानी Fool's Gold बन रहा है. ये झील पर्यटन के लिए भी जानी जाती है. यह एक प्राचीन ज्वालामुखी के क्रेटर में बनी हुई झील है. जिसके नीचे गर्म पानी के नेटवर्क का पूरा जाल बिछा है.
Iceland का ग्रिंडाविक कस्बा अब नई प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है. लावा नहीं निकल रहा है. दरारें नहीं बढ़ रहीं. लेकिन वहां जमीन सूज रही है. फूल रही है. ऊपर की ओर उठ रही है. अगर कुछ दिन में यह नहीं रुका तो पूरा कस्बा उबलते दूध की तरह पहले ऊपर उठेगा फिर धंस जाएगा. वह भी गर्म लावा के तालाब में...
दक्षिण-पश्चिम आइसलैंड में एक महीने पहले जो ज्वालामुखी फटा था, अब वह कहीं से भी धरती को फाड़ रहा है. वहां से लावा निकलने लगा है.
Iceland में फिर धरती फटी. अंदर से लावा की धार निकली और उसने ग्रिंडाविक कस्बे के कुछ घरों को जला दिया. एक महीने के अंदर धरती के फटने के बाद लावा निकलने की यह दूसरी घटना है. हालांकि अब ज्वालामुखी शांत हो रहा है लेकिन उससे निकलने वाले लावा ने 15 जनवरी को कई घरों को अपना शिकार बनाया.
आइसलैंड के रेकजाविक प्रायद्वीप के ग्रिंडाविक कस्बे के पास चार दिन पहले जमीन फटी. साढ़े तीन km लंबी दरार बन गई.
चार दिन पुराना विस्फोट. चार km लंबी दरार. 100 फीट तक उछलता लावा. कहीं इससे भी ज्यादा. जहरीली गैस. गर्मी. आग के चारों तरफ बर्फ ही बर्फ. लावा भी जमीन से निकल रहा है. किसी पहाड़ की चोटी से नहीं. देखिए Iceland के ज्वालामुखी विस्फोट की हैरान करने वाली Photos...
दो महीने तक भूकंपीय झटके झेलने के बाद आइसलैंड के ग्रिंडाविक की जमीन फटी. ज्वालामुखी लावा उगलने लगा. धुआं भी निकल रहा है. अब ये जानना जरूरी है कि इससे किस तरह का नुकसान हो सकता है? क्या उड़ानें बंद होंगी? क्या इससे यूरोप की यात्रा करने में परेशानी होगी? इस ज्वालामुखी के फटने की वजह...
दो महीने पहले Iceland के शहर ग्रिंडाविक की जमीन धंसने लगी थी. सड़कें दो-तीन हिस्सों में बंट गई थीं. सीधी रेखा में बनी सड़कों का हिस्से ऊपर-नीचे हो गए थे. दरारें पड़ गईं थीं. वहां से गंदी और गर्म गैसें निकल रही थीं. इस शहर के चार-पांच हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया था. लेकिन हुआ वहीं जिसका डर था. लगातार भूकंप के झटकों के बाद ग्रिंडाविक में जमीन फट पड़ी. साढ़े तीन किलोमीटर लंबी दरार बनीं. वहां से गर्म लावा निकलने लगा.
दो महीने से लगातार आइसलैंड के ग्रिंडाविक शहर की जमीन कांप रही थी. पिछले 24 घंटे में 800 से ज्यादा भूकंप आए. फिर जमीन फटी... 3.5 km लंबी दरार बनी. वहां से हर सेकेंड निकलने लगा 7060 क्यूबिक फीट लावा. ये दुनिया का अनोखा ज्वालामुखी विस्फोट है जो किसी पहाड़ की चोटी से नहीं बल्कि जमीन फाड़ कर हुआ है.
Japan में पिछले महीने प्रशांत महासागर में समंदर के अंदर मौजूद ज्वालामुखी के फटने से नया द्वीप बना था. 6 दिसंबर 2023 को यहां पर फिर से धमाका हुआ. राख, लावा और धुएं का बहाव हवा में 660 फीट तक था. पिछला विस्फोट इतना तगड़ा था कि इससे 200 मीटर लंबा आईलैंड बन गया था. दुनिया का सबसे नया आइलैंड.
इंडोनेशिया के पश्चिमी सुमात्रा में मौजूद मरापी ज्वालामुखी (Marapi Volcano) अचानक फट पड़ा. इस वजह से उसके ऊपर मौजूद 11 पर्वतारोहियों की मौत हो गई. यहां से लगातार राख निकल रही है. आसपास के गांवों, कस्बों में राख की चादर फैल गई है. देखिए तबाही की Photos...
दुनिया की सबसे ऊंची इमारत Burj Khalifa से दोगुना ऊंचा पहाड़ प्रशांत महासागर में मिला है. यह पहाड़ ग्वाटेमाला के तट के पास लहरों के नीचे छिपा हुआ था. इसे रिसर्च करने वाले जहाज Falkor ने खोजा है. यह पहाड़ असल में एक ज्वालामुखी है. जो खत्म हो चुका है. इसकी ऊंचाई 5250 फीट है.