ज्वालामुखी विस्फोट
ज्वालामुखी विस्फोट (Volcano Eruption) कई प्रकार के होते हैं. इसके दौरान लावा, टेफ्रा (राख, लैपिली, ज्वालामुखी बम और ज्वालामुखी ब्लॉक), और मिश्रित गैसों को ज्वालामुखीय वेंट या विदर से बाहर निकाल दिया जाता है. ज्वालामुखी विस्फोटों को ज्यादातर प्रसिद्ध ज्वालामुखियों के नाम पर रखा जाता है. किसी एक ज्वालामुखी विस्फोट में केवल एक खास तरह के विस्फोट का प्रदर्शन हो सकता है, जबकि किसी दूसरे विस्फोट श्रृंखला में, ज्वालामुखी सभी प्रकार के यानी मिश्रित विस्फोट को प्रदर्शित कर सकते हैं (Volcano Eruption Mechanisms).
ज्वालामुखी विस्फोट तीन अलग-अलग प्रकार के होते हैं: पहला, मैग्मैटिक विस्फोट सबसे ज्यादा नजर आने वाले विस्फोट हैं (Magmatic Eruption). इसमें मैग्मा के भीतर गैस का विघटन होता है जो इसे ऊपर की ओर आगे बढ़ाता है. दूसरा, फ्रेटिक विस्फोट, जिसके तहत मेग्मा के संपर्क में होने के कारण उसके भाप में बहुत ज्यादा गर्मी पैदा होती है, जिससे इस तरह के विस्फोट होते हैं (Phreatic Eruption). इस तरह के विस्फोट में कोई मैग्मैटिक रिलीज नहीं होता है, बल्कि यह मौजूद चट्टान के दानेदार होने का कारण बनता है. तीसरा, Phreatomagmatic विस्फोट मैग्मा के भीतर गैस पर दबाव पैदा होने से यह संचालित होते हैं (Types of Volcano Eruption).
इन विस्फोट के प्रकारों के भीतर इसके कई उपप्रकार भी हैं. सबसे कमजोर विस्फोट हवाईयन और पनडुब्बी हैं, और इसके बाद स्ट्रोमबोलियन, वल्केनियन और सुरत्सेयन हैं. मजबूत विस्फोट पेलियन विस्फोट है, इसके बाद प्लिनियन विस्फोट होते हैं, सबसे मजबूत विस्फोटों को अल्ट्रा-प्लिनियन कहा जाता है. सबग्लेशियल और फ्रेटिक विस्फोटों को उनके विस्फोट तंत्र द्वारा परिभाषित किया जाता है, और इनकी ताकत में फर्क होती है (Subtypes of Volcano Eruption).
विस्फोट की शक्ति को मापने के लिए ज्वालामुखी विस्फोटक सूचकांक (वीईआई) का उपयोग किया जाता है, जो 0 से 8 तक होता है, और अक्सर विस्फोट के प्रकारों से संबंधित होता है (Measurement of Strength of Volcano Eruption).
दुनिया का सबसे एक्टिव ज्वालामुखी किलुआ फिर से फट पड़ा है. हलेमा'उमा'उ क्रेटर में लावा का तालाब बनता जा रहा है. यह तालाब फिर से भर रहा है. किलुआ ने इस बार भी लावा के ऊंचे-ऊंचे फव्वारे निकाले. लगातार विस्फोट हो रहा है. जहरीली गैसें और गर्म लावा निकल रहा है.
फिलीपींस में कानलाओन नाम का ज्वालामुखी अचानक फट पड़ा. जिसकी वजह से राख का गुबार आसमान में 3 किलोमीटर ऊपर तक गया. सरकार ने तत्काल 87 हजार लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का काम शुरू किया है. ताकि ज्वालामुखी की गर्म राख, लावा या पत्थर से किसी की जान न जाए.
तीन साल से लगातार फट रहा है Iceland का ज्वालामुखी. रीकजेन्स प्रायद्वीप पर मौजूद ग्रिंडाविक कस्बे के पास यह ज्वालामुखी 10वीं बार फटा है. इसलिए ही आइसलैंड को 'Land of Fire and Ice' कहा जाता है. पिछले कुछ वर्षों में यहां पर ज्वालामुखी के फटने की घटना तेजी से बढ़ी है.
एक ज्वालामुखी फटा. फिर तेज बारिश हुई. इसके बाद आई ऐसी आपदा, जो आपने सुनी भी नहीं होगी. इंडोनेशिया में Cold Lava Flash Flood आया. इससे 52 लोग मारे गए. 249 घर ध्वस्त हो गए. सैकड़ों हेक्टेयर जमीन बर्बाद हो गई. अब भी खतरा टला नहीं है... देखिए भयावह तस्वीरें.
बिजली हमेशा आसमान से गिरती है. लेकिन ज्वालामुखी पर जब बिजली गिरती है, तो ऐसा लगता है जैसे ज्वालामुखी आसमान की तरफ बिजली फेंक रहा है. क्या होता है जब आसमान से ज्वालामुखी पर बिजली गिरती है. यहां दिए गए Video देख कर आप हैरान हो जाएंगे. कई बार इसे रिवर्स लाइटनिंग भी कहते हैं.
इंडोनेशिया के रुआंग ज्वालामुखी के विस्फोट ने हैरान करने वाला नजारा दिखाया. ये ज्वालामुखी नॉर्थ सुलावेसी प्रांत में है. इसका धमाका इतना तेज था कि सुनामी अलर्ट जारी कर दिया गया.
इंडोनेशिया के नॉर्थ सुलावेसी प्रांत में मौजूद रुआंग ज्वालामुखी में विस्फोट हुआ. राख और धुआं 19 किलोमीटर ऊपर स्ट्रैटोस्फेयर तक पहुंच गया. सुनामी की आशंका पैदा हो गई. 800 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. विस्फोट का ऐसा नजारा कई वर्षों के बाद देखने को मिला है.
यूरोप के सबसे एक्टिव ज्वालामुखी ने हाल ही में धुएं के छल्ले उगले. यह बेहद दुर्लभ नजारा है. यह तब होता है जब नया क्रेटर बनता है. इसके वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर शेयर हो रहे हैं. आइए जानते हैं इन छल्लों के बनने का प्रोसेस...
आइसलैंड के रेक्जेन्स प्रायद्वीप में ज्वालामुखी विस्फोट हुआ है. जिसका लावा कई किलोमीटर दूर तक जमीन पर दहक उठा. आसमान में धुएं का लाल गुबार भी देखने को मिला. पिछले चार महीने में ये चौथी बार ज्वालामुखी में विस्फोट हुआ है. इससे जमीन में 2.9 किलोमीटर लंबी दरार बन गई है. देखें ये वीडियो.
Iceland का ज्वालामुखी तीसरी बार फटा है. वहां से लावा के 200 फीट ऊंचे फव्वारे निकल रहे हैं. इस बार विस्फोट से 3.21 km लंबी नई दरार बनी हैं, जहां से निकल रहा लावा बहकर सड़कों तक आ गया है. देखें वीडियो.
Iceland का ज्वालामुखी तीसरी बार फटा है. वहां से लावा के 200 फीट ऊंचे फव्वारे निकल रहे हैं. इस बार विस्फोट से 3.21 km लंबी नई दरार बनी हैं, जहां से निकल रहा लावा बहकर सड़कों तक आ गया है. भारी मात्रा में राख भी निकल रही है. पिछले ढाई महीनों के अंदर यह तीसरा बड़ा विस्फोट है.
Iceland का ग्रिंडाविक कस्बा अब नई प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है. लावा नहीं निकल रहा है. दरारें नहीं बढ़ रहीं. लेकिन वहां जमीन सूज रही है. फूल रही है. ऊपर की ओर उठ रही है. अगर कुछ दिन में यह नहीं रुका तो पूरा कस्बा उबलते दूध की तरह पहले ऊपर उठेगा फिर धंस जाएगा. वह भी गर्म लावा के तालाब में...
दक्षिण-पश्चिम आइसलैंड में एक महीने पहले जो ज्वालामुखी फटा था, अब वह कहीं से भी धरती को फाड़ रहा है. वहां से लावा निकलने लगा है.
Iceland में फिर धरती फटी. अंदर से लावा की धार निकली और उसने ग्रिंडाविक कस्बे के कुछ घरों को जला दिया. एक महीने के अंदर धरती के फटने के बाद लावा निकलने की यह दूसरी घटना है. हालांकि अब ज्वालामुखी शांत हो रहा है लेकिन उससे निकलने वाले लावा ने 15 जनवरी को कई घरों को अपना शिकार बनाया.
आइसलैंड के रेकजाविक प्रायद्वीप के ग्रिंडाविक कस्बे के पास चार दिन पहले जमीन फटी. साढ़े तीन km लंबी दरार बन गई.
चार दिन पुराना विस्फोट. चार km लंबी दरार. 100 फीट तक उछलता लावा. कहीं इससे भी ज्यादा. जहरीली गैस. गर्मी. आग के चारों तरफ बर्फ ही बर्फ. लावा भी जमीन से निकल रहा है. किसी पहाड़ की चोटी से नहीं. देखिए Iceland के ज्वालामुखी विस्फोट की हैरान करने वाली Photos...
दो महीने तक भूकंपीय झटके झेलने के बाद आइसलैंड के ग्रिंडाविक की जमीन फटी. ज्वालामुखी लावा उगलने लगा. धुआं भी निकल रहा है. अब ये जानना जरूरी है कि इससे किस तरह का नुकसान हो सकता है? क्या उड़ानें बंद होंगी? क्या इससे यूरोप की यात्रा करने में परेशानी होगी? इस ज्वालामुखी के फटने की वजह...
दो महीने पहले Iceland के शहर ग्रिंडाविक की जमीन धंसने लगी थी. सड़कें दो-तीन हिस्सों में बंट गई थीं. सीधी रेखा में बनी सड़कों का हिस्से ऊपर-नीचे हो गए थे. दरारें पड़ गईं थीं. वहां से गंदी और गर्म गैसें निकल रही थीं. इस शहर के चार-पांच हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया था. लेकिन हुआ वहीं जिसका डर था. लगातार भूकंप के झटकों के बाद ग्रिंडाविक में जमीन फट पड़ी. साढ़े तीन किलोमीटर लंबी दरार बनीं. वहां से गर्म लावा निकलने लगा.
दो महीने से लगातार आइसलैंड के ग्रिंडाविक शहर की जमीन कांप रही थी. पिछले 24 घंटे में 800 से ज्यादा भूकंप आए. फिर जमीन फटी... 3.5 km लंबी दरार बनी. वहां से हर सेकेंड निकलने लगा 7060 क्यूबिक फीट लावा. ये दुनिया का अनोखा ज्वालामुखी विस्फोट है जो किसी पहाड़ की चोटी से नहीं बल्कि जमीन फाड़ कर हुआ है.
Japan में पिछले महीने प्रशांत महासागर में समंदर के अंदर मौजूद ज्वालामुखी के फटने से नया द्वीप बना था. 6 दिसंबर 2023 को यहां पर फिर से धमाका हुआ. राख, लावा और धुएं का बहाव हवा में 660 फीट तक था. पिछला विस्फोट इतना तगड़ा था कि इससे 200 मीटर लंबा आईलैंड बन गया था. दुनिया का सबसे नया आइलैंड.
इंडोनेशिया के पश्चिमी सुमात्रा में मौजूद मरापी ज्वालामुखी (Marapi Volcano) अचानक फट पड़ा. इस वजह से उसके ऊपर मौजूद 11 पर्वतारोहियों की मौत हो गई. यहां से लगातार राख निकल रही है. आसपास के गांवों, कस्बों में राख की चादर फैल गई है. देखिए तबाही की Photos...