वांग यी (Wang Yi) एक वरिष्ठ चीनी राजनयिक और राजनेता हैं, वह चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो के सदस्य हैं (Wang Yi, Member Chinese Communist Party). वांग यी 2013 से चीन के विदेश मंत्री हैं (Wang Yi, Foreign Minister China). साथ ही, 2018 से स्टेट काउंसलर भी हैं.
वांग का जन्म 19 अक्टूबर 1953 को बीजिंग (Beijing) में हुआ था (Wang Yi Born). सितंबर 1969 में स्नातक करने के बाद, उन्हें पूर्वोत्तर चीन भेजा गया. बाद में उन्होंने आठ साल तक हेइलोंगजियांग प्रांत में पूर्वोत्तर निर्माण सेना कोर में भर्ती हो गए.
दिसंबर 1977 में, वांग बीजिंग लौट आए और उसी वर्ष बीजिंग अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन विश्वविद्यालय के एशियाई और अफ्रीकी भाषाओं के विभाग में शामिल हुए. उन्होंने संस्थान में जापानी अध्ययन किया. फरवरी 1982 में स्नातक की डिग्री प्राप्त की. वह धाराप्रवाह अंग्रेजी और जापानी बोलने के लिए जाने जाते हैं (Wang Yi Education).
सितंबर 2004 में, वांग को जापान में चीन के राजदूत के रूप में नियुक्त किया गया था. वह सितंबर 2007 तक इस पद पर रहे. जून 2008 में, वांग ने चीन की राज्य परिषद के ताइवान मामलों के कार्यालय के निदेशक के रूप में चेन यूनलिन की जगह ली. कांग्रेस द्वारा अनुमोदित किए जाने के बाद 16 मार्च 2013 को वांग को विदेश मंत्री नियुक्त किया गया था (Wang Yi Political Career).
भारत-चीन एसआर डायलॉग में सीमा विवाद को सुलझाने और आपसी सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी. कैलाश मानसरोवर यात्रा और सीमा व्यापार पर भी चर्चा हुई.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच आज बीजिंग में होने वाली वार्ता खासतौर से भारत-चीन सीमा विवादों के समाधान पर केंद्रित है. ये वार्ता लद्दाख में पेट्रोलिंग शुरू करने और एलएसी के विवादित क्षेत्रों के समाधान की दिशा में एक अहम हो सकती है.
भारत के विदेश मंत्री जयशंकर और वांग यी ने न सिर्फ वैश्विक मुद्दों पर बातचीत की, बल्कि भारत-चीन सीमा पर सैनिकों की वापसी को लेकर भी चर्चा की. इस बैठक के बारे में बताते हुए जयशंकर ने कहा कि एलएसी पर समझौते के अनुसार काम आगे बढ़ा है.
यह वह समय था, जब अमेरिका और तमाम यूरोपीय देश रूस पर एक के बाद एक प्रतिबंध लगाते जा रहे थे. पुतिन समझ गए थे कि अमेरिका को टक्कर देने के लिए रूस को भारत और चीन का सपोर्ट हासिल करना होगा. लेकिन रूस की चुनौती थी गलवान की घटना के बाद से भारत और चीन के बीच के कोल्ड वॉर को खत्म कराना.
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बीजिंग में चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की. इस दौरान दोनों के बीच कई जटिल मुद्दों पर बातचीत हुई. बता दें वाशिंगटन लौटने से पहले ब्लिंकन के चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की भी संभावना है. देखें यूएस की टॉप-10 खबरें.
भारत में सितंबर के महीने में जी-20 शिखर सम्मेलन होने वाला है जिसमें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग हिस्सा ले सकते हैं. इससे पहले वो 22-24 अगस्त को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने दक्षिण अफ्रीका जाएंगे. माना जा रहा है कि इन बैठकों के दौरान पीएम मोदी से साथ उनकी मुलाकात हो सकती है. रिश्तों के ऐसे महत्वपूर्ण दौर में भारत में चीन के राजदूत का पद खाली होना बड़े सवाल खड़े कर रहा है.
पिछले साल बाली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन से जो वीडियो सामने आया था उसमें पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग गर्मजोशी से हाथ मिलाते दिखे थे. मुलाकात के आठ महीनों बाद अब दोनों ही देशों ने इसे लेकर बयान जारी किया है.
चीन के साथ रिश्तों में तनाव के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने चीन के शीर्ष राजनयिक वांग से मुलाकात की है. इस मुलाकात के दौरान दोनों के बीच सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति के मुद्दे पर चर्चा हुई. इसी दौरान डोभाल ने भारत-चीन के रिश्तों को लेकर बड़ी बात कह दी.
जासूसी गुब्बारे को लेकर अमेरिका से चीन के रिश्ते इन दिनों कुछ ठीक नहीं हैं. इस बीच अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने शनिवार को अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान जासूसी गुब्बारे को लेकर US की ओर से स्पष्ट कहा गया है कि यह गैर जिम्मेदाराना हरकत फिर कभी नहीं होनी चाहिए.