केंद्रीय वक्फ बोर्ड, वक्फ अधिनियम 1995 की एक उपधारा है जो भारत सरकार द्वारा स्थापित एक वैधानिक निकाय है. इसकी स्थापना राज्य वक्फ बोर्डों के कामकाज से संबंधित मामलों पर सलाह देने के उद्देश्य से की गई थी (Waqf Board). खबरों के मुताबिक तीन दिन पहले 2 अगस्त को कैबिनेट ने वक्फ एक्ट में कुल 40 संशोधनों को मंजूरी दी है. इन संशोधनों के पारित होने के बाद वक्फ बोर्ड की शक्तियां सीमित हो जाएंगी. इन संशोधनों का उद्देश्य किसी भी संपत्ति को 'वक्फ संपत्ति' के रूप में नामित करने के वक्फ बोर्ड के अधिकार को प्रतिबंधित करना है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली NDA सरकार वक्फ अधिनियम में संशोधन करने जा रही है. अधिनियमों में संशोधन को लेकर 5 अगस्त 2024 को बिल संसद में पेश किया जा सकता है.
वैसे तो ईद का दिन प्यार और मोहब्बत का दिन होता है. जहां लोग एक-दूसरे से गले मिलते हैं, सेवईयां खाते हैं. लेकिन आज ईद की नमाज पर जमकर राजनीति भी हुई. देश की बड़ी-बड़ी मस्जिदों में आज मुसलमानों ने क्यों अपनी बाजू पर काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ी? देखें ब्लैक एंड व्हाइट.
भारत में ईद के मौके पर वक्फ बिल का विरोध और फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन हुए। कई जगहों पर मुस्लिम समुदाय ने काली पट्टी बांधकर नमाज़ अदा की और फिलिस्तीनी झंडे लहराए गए। इसके विपरीत, गाजा में मुसलमानों ने नष्ट हुई मस्जिद के मलबे पर बैठकर शांतिपूर्वक ईद मनाई। यह तुलना दर्शाती है कि गाजा के मुसलमान भारत के वक्फ बिल या अन्य मुद्दों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं।
जहां ज्यादातर जगहों पर शांति से आज नमाज हुई, सब एक-दूसरे के गले मिले. वहीं आज ही ये खबर आई कि वक्फ बिल अब 2 अप्रैल को लोकसभा में पेश हो सकता है. इसी वक्फ बिल के खिलाफ आज ईद पर नमाज के दौरान कई जगहों पर लोग हाथ में काली पट्टी बांध कर अपना विरोध जताते दिखे.
ईंद के दिन शहर-शहर बवाल मचा. आज मेरठ से लेकर मलाड, दिल्ली से लेकर दरभंगा तक, बीड़ से लेकर भोपाल तक जमकर बवाल हुआ. आखिर नमाज को लेकर नमाजियों का गुस्सा क्यों भड़का? कैसे वक्फ बिल के विरोध में हाथों में काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ी गई? देखें स्पेशल रिपोर्ट.
केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे वक्फ बिल के विरोध में मुस्लिम समुदाय ने ईद पर काली पट्टी बांधकर नमाज़ अदा की। भोपाल की ईदगाह में करीब एक लाख लोग इकट्ठा हुए, जिनमें से कुछ ने काली पट्टी पहनी। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह बिल संविधान के खिलाफ है और मुसलमानों की वक्फ संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की साजिश है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने आरोप लगाया कि कुछ संगठन झूठ फैलाकर समाज में तनाव पैदा कर रहे हैं।
मोदी सरकार 2 अप्रैल को लोकसभा में वक्फ संसोधन बिल पेश कर सकती है. सरकार का दावा है कि, इससे वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता और वित्तीय निगरानी पुख्ता हो जाएगी. वहीं, विपक्ष इसे अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला बता रहा है. अब सवाल ये है कि क्या ये पारदर्शिता लाने की कोशिश है या एक और सियासी विवाद? देखें हल्ला बोल.
बिशप्स कॉन्फ्रेंस ने केरल के मुनांबरम क्षेत्र का उदाहरण देते हुए कहा, 'वहां 600 से अधिक परिवारों की पैतृक संपत्तियों को वक्फ बोर्ड ने अपनी संपत्ति घोषित कर दिया. यह मामला पिछले तीन वर्षों से कानूनी विवादों में उलझा हुआ है, और इसका स्थायी समाधान केवल कानूनी संशोधन के माध्यम से ही संभव है.'
बजट सत्र बढ़ाने के संकेत देते हुए रिजिजू ने कहा, 'अगर जरूरत पड़ी तो सत्र बढ़ाया जा सकता है.' उन्होंने कहा, 'ये देश संविधान कानून से चलता है कोई किसी की जमीन कैसे छीन सकता है. कौन लोग, दल या पार्टी है जो झूठ बोलकर बरगला रही है, इनके चेहरों को पहचानिए. अपने देश को बदनाम करना बहुत गलत है.'
केंद्रीय मंत्री ने वक्फ अमेंडमेंट बिल पर चल रही अफवाहों को खारिज किया है. उन्होंने कहा कि किसी भी मुस्लिम की जमीन, मस्जिद या कब्रिस्तान नहीं छीनी जाएगी. मंत्री ने बताया कि बिल पर संसद में व्यापक चर्चा होगी और सभी पक्षों को अपनी बात रखने का मौका मिलेगा. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे झूठी बातें फैलाकर समाज में तनाव पैदा न करें. VIDEO
सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा में 2 अप्रैल को लोकसभा में पेश कर सकती है. वक्फ संशोधन बिल का विपक्ष भारी विरोध कर रहा है. लेकिन विरोध के बावजूद केंद्र सरकार 2 अप्रैल को बिल पेश करने के लिए तैयार है. उधर अजमेर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने भी बिल का समर्थन किया. देखें ख़बरदार.
अगर वक्फ बोर्ड किसी भी जमीन को ऐसे ही डिक्लेयर कर देगा कि यह वक्फ की जमीन है तो उसका तो हिसाब-किताब होना चाहिए. हम ट्रांसपेरेंसी ला रहे हैं. जो आम मुसलमान हैं- चाहे वो दरगाह के हों, चाहे वो अलग-अलग संगठन में हों... सब लोग समर्थन कर रहे हैं. वक्फ अमेंडमेंट बिल का विरोध करने वाले वो लोग हैं, जो करोड़ों की वक्फ जमीन को कब्जा करके बैठे हैं.
वक्फ संशोधन बिल को लेकर कई शहरों में विरोध दिखा है. इस बीच संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने आजतक से बातचीत में कहा कि वक्फ अमेंडमेंट बिल में मुसलमानों की जमीन या मस्जिद छीनने का कोई प्रावधान नहीं है. उन्होंने कहा कि बिल से वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता और जवाबदेही आएगी. मंत्री ने विपक्ष पर मुसलमानों को गुमराह करने का आरोप लगाया. किरेन रिजिजू ने और क्या कुछ कहा, देखें वीडियो.
वक्फ बिल 2 अप्रैल को संसद में आ सकता है. सूत्रों की मानें तो वक्फ बिल 2 अप्रैल को लोकसभा में पेश किया जा सकता है. सरकार अगर 2 अप्रैल को वक्फ बिल संसद में लाती है तो उसे दोनों सदनों से पारित कराने के लिए इस सत्र में केवल दो ही दिन का समय मिलेगा.
ईद के मौके पर कई शहरों में मुस्लिम समुदाय ने वक्फ बिल के विरोध में काली पट्टी बांधकर नमाज अदा की. दिल्ली, लखनऊ और भोपाल समेत कई जगहों पर यह नजारा देखने को मिला. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विपक्ष मुसलमानों को गुमराह कर रहा है और वक्फ बिल से गरीब मुसलमानों का भला होगा. देखें...
दिल्ली के जंतर-मंतर पर वक्फ बोर्ड के खिलाफ हिंदू संगठनों की महापंचायत आयोजित की गई. इस महापंचायत में वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन किया गया. भारी संख्या में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता और नेता न केवल दिल्ली से बल्कि आसपास के इलाकों से भी पहुंचे. देखें Video.
दिल्ली के जंतर मंतर पर हिंदू संगठनों ने महापंचायत का आयोजन किया. इस महापंचायत में वक्फ संशोधन बिल का समर्थन किया गया. यह कार्यक्रम मुस्लिम संगठनों द्वारा वक्फ संशोधन बिल के विरोध में किए गए प्रदर्शन के जवाब में आयोजित किया गया. हिंदू संगठनों ने एकजुट होकर वक्फ संशोधन बिल के पक्ष में अपनी आवाज उठाई. VIDEO
वक्फ बिल के विरोध में मुस्लिम समुदाय ने अलविदा की नमाज़ के दौरान काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया. चंद्रबाबू नायडू ने मुस्लिम समाज के साथ खड़े होने का बयान दिया है. नीतीश कुमार की चुप्पी पर सवाल उठ रहे हैं. विपक्ष को उम्मीद है कि ईद के बाद एनडीए में दरार पड़ सकती है.
वक्त संशोधन बिल को लेकर पूरे देश में बवाल मचा हुआ है. पहले तो विपक्ष ही विरोध कर रहा था, लेकिन अब केंद्र सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि बीजेपी के साथी चंद्रबाबू नायडू ने एक कार्यक्रम में वक्फ प्रॉपर्टीज की सुरक्षा का वादा किया. सवाल है कि क्या वक्फ बिल पर NDA ही बंट गया है? देखें हल्ला बोल.
वक्फ संपत्ति संशोधन बिल पर संसद में गरमागरम बहस जारी है. सरकार का दावा है कि यह बिल मुस्लिम समुदाय के हित में है, जबकि विपक्ष इसे संविधान विरोधी बता रहा है. बिल के समर्थकों का कहना है कि इससे वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन होगा और गरीब मुसलमानों को लाभ मिलेगा. विरोधी इसे अल्पसंख्यक अधिकारों पर हमला बता रहे हैं.
देशभर में मुसलमानों ने वक्फ बिल के विरोध में काली पट्टी बांधकर जुम्मे की नमाज़ पढ़ी. वक्ता ने कहा कि मुसलमानों को बिल के बारे में गुमराह किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बिल मस्जिदों या कब्रिस्तानों की जमीन नहीं छीनेगा. ट्रांसक्रिप्ट में सड़कों पर नमाज़ पढ़ने के कारणों और जुम्मे की नमाज़ की महत्ता पर भी चर्चा की गई. देखें वीडियो.
ईद के बाद वक्त बिल संसद में पेश होने की संभावना है. लेकिन इससे पहले ही एनडीए के साथी और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने वक्फ की जमीनों और मुस्लिम समाज को लेकर बड़ा बयान दिया. जिससे बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. देखें ये वीडियो.