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वारंगल

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वारंगल (Warangal) भारत के तेलंगाना राज्य (Telangana) का दूसरा सबसे बड़ा जिला और शहर है. यह दक्कन के पठार (Deccan Plateau) के पूर्वी भाग में बसा हुआ है और तेलंगाना का अर्ध-शुष्क क्षेत्र वाला शहर है (Geographical Location of Warangal).

यह शहर 1163 में स्थापित काकतीय वंश (Kakatiya dynasty) की प्राचीन राजधानी थी. रानी रुद्रमा देवी तेलुगू क्षेत्र पर शासन करने वाली एकमात्र महिला शासक हैं. 1956 में, राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार हैदराबाद के विभाजन के परिणामस्वरूप एक विभाजन हुआ जिसमें वारंगल तेलंगाना में शामिल था और आंध्र प्रदेश का हिस्सा बन गया. हालांकि, तेलंगाना को 2 जून 2014 को राज्य का दर्जा दिया गया था (Formation of Warangal District). 

वारंगल जिला देश के ग्यारह शहरों में से एक है जिसे भारत सरकार द्वारा विरासत शहर विकास और वृद्धि योजना के लिए चुना गया है. भद्रकाली झील, धर्मसागर झील और वड्डेपल्ली झील तीन प्रसिद्ध झीलें हैं जो शहर की प्राकृतिक सुंदरता को बढ़ाती हैं (Lake of  Warangal). बधराकाली मंदिर झील को देश के पहले सबसे बड़े भू-जैव-विविधता सांस्कृतिक पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है जिसमें ऐतिहासिक गुफाएं, निलंबन पुल, प्राकृतिक रास्ते और पारिस्थितिक भंडार है (Ecological Reserves of Warangal).

तीन प्रमुख शहरों, काजीपेट, हनमकोंडा और वारंगल को एक साथ वारंगल त्रि-शहर के रूप में जाना जाता है (Tri City of Warangal). यह शहर एशिया के दूसरे सबसे बड़े अनाज बाजार का घर है जो एनुमामुला (Enumamula) में स्थित है.

इस शहर के प्रमुख पर्यटक स्थलों में मंदिर, किले और पत्थर के प्रवेश द्वार शामिल हैं. पर्यटन मंत्रालय द्वारा वर्ष 2014-2015 के लिए सर्वश्रेष्ठ विरासत शहर के रूप में सम्मानित होने के कारण, शहर में तीन विश्व धरोहर स्थल, वारंगल किला, रामप्पा मंदिर और हजार स्तंभ मंदिर शामिल है (Warangal Tourist Places).
 

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