यमुना नदी (Yamuna River) गंगा की दूसरी सबसे बड़ी सहायक नदी और भारत की सबसे लंबी सहायक नदी है. उत्तराखंड में निचले हिमालय के बंदरपंच चोटियों के दक्षिण-पश्चिमी ढलानों पर लगभग 4,500 मीटर की ऊंचाई पर यमुनोत्री ग्लेशियर से निकलकर, यह 1,376 किलोमीटर (855 मील) की यात्रा करती है. इसकी जल निकासी प्रणाली 366,223 वर्ग किलोमीटर (141,399 वर्ग मील) है, जो पूरे गंगा बेसिन का 40.2% है. यह प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में गंगा में विलीन हो जाती है. यह हर 12 साल में आयोजित होने वाले हिंदू त्योहार कुंभ मेले का स्थल है.
गंगा की तरह, यमुना को हिंदू धर्म में अत्यधिक पूजनीय माना जाता है हिंदू धर्म में, उन्हें सूर्य देवता की पुत्री और मृत्यु के देवता यम की बहन माना जाता है. इसलिए उन्हें यमी के नाम से भी जाना जाता है. लोकप्रिय हिंदू किंवदंतियों के अनुसार, यमुना के पवित्र जल में स्नान करने से व्यक्ति मृत्यु की पीड़ा से मुक्त हो जाता है.
यह नदी हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली जैसे कई राज्यों को से होकर बहती है. यह रास्ते में कई सहायक नदियों से भी मिलती है, जिनमें टोंस, चंबल, सिंध, बेतवा और केन शामिल हैं. उत्तराखंड से, नदी हिमाचल प्रदेश राज्य में बहती है. पोंटा साहिब से गुजरने के बाद, यमुना हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमा के साथ बहती है और हरियाणा से बाहर निकलने के बाद यह प्रयागराज में संगम या प्रयाग में गंगा नदी में विलीन हो जाती है.
यह इंडो-गंगा के मैदान में अपने और गंगा के बीच अत्यधिक उपजाऊ जलोढ़ गंगा-यमुना दोआब क्षेत्र बनाने में मदद करती है.
लगभग 57 मिलियन लोग यमुना के पानी पर निर्भर करते हैं. साथ ही, दिल्ली की 70 प्रतिशत से अधिक जलापूर्ति इसी नदी से होती है.
सुप्रीम कोर्ट 'प्रदूषित नदियों की सफाई' मामले की स्वत: संज्ञान (suo motu) याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें यमुना नदी के प्रदूषण का मुद्दा उठाया गया है. सुनवाई के दौरान जस्टिस गवई ने कहा, 'मुझे लगता है कि अब बदले हुए हालात में योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन हो सकता है.'
ऊर्जा एवं संसाधन संस्थान (TERI) ने यमुना नदी को साफ करने के लिए एक एक्शन प्लान तैयार किया है. इस प्लान को TERI ने दिल्ली सरकार के साथ शेयर भी किया है. हालांकि, फिलहाल दिल्ली सरकार से इस पर प्रतिक्रिया मिलने का इंतजार है.
ऊर्जा एवं संसाधन संस्थान (TERI) ने यमुना नदी को साफ करने के लिए एक एक्शन प्लान तैयार किया है. इस प्लान को TERI ने दिल्ली सरकार के साथ शेयर भी किया है. हालांकि, फिलहाल दिल्ली सरकार से इस पर प्रतिक्रिया मिलने का इंतजार है.
औद्योगीकरण-मशीनीकरण के भार से हांफ रही राइन नदी 1970 के मध्य तक एक नाले में तब्दील हो चुकी थी. वैसी ही नदी जैसा आजकल दिल्ली में अपनी यमुना का स्वरूप है. 1 नवंबर, 1986 की रात को एक ऐसी घटना हुई जिसने राइन की कहानी को हमेशा के लिए बदल दिया. अगली सुबह नदी का पानी लाल था. मछलियां मर चुकी थीं.
'द ग्रेट स्टिंक' ने सचमुच अंग्रेजों की नाक में दम कर दिया था. नाक पर रूमाल रखकर ताजा हवा के लिए लगभग हांफते ब्रिटेन के सांसदों ने अर्बन प्लानिंग की दिशा में एक अभूतपूर्व कदम उठाया. ये फैसला टेम्स की धारा को नया जीवन देने वाली थी. ये फैसला लंदन में व्यापक सीवरेज सिस्टम बनाने का. ब्रिटेन इसमें सफल भी हुआ. लेकिन फिर आया सेकेंड वर्ल्ड वॉर. और जर्मनी ने लंदन के इस सिविल कंस्ट्रक्शन को तबाह कर दिया.
दिल्ली में यमुना की साफ-सफाई का कार्य जारी है, लेकिन इसके बावजूद यमुना में प्रदूषण बढ़ रहा है. दिल्ली के कालिंदी कुंज से, जो तस्वीर सामने आई है वह चौकानें वाली है. हर तरफ प्लास्टिक के कचरे का अंबार दिखाई दे रहा रहा है, जिसकी वजह से यमुना का जलस्तर भी घट गया है. देखें पूरी रिपोर्ट.
दिल्ली सरकार की ओर से सौ दिन में यमुना का पानी साफ करने के दावे को लेकर एनजीटी ने तल्ख सवाल किए. एनजीटी ने अवैध औद्योगिक इकाइयों के मुद्दे पर सुनावाई के दौरान एक एजेंसी के दूसरी एजेंसी पर आरोप लगाने को लेकर भी नाराजगी जताई.
दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के तहत आने वाले वसुदेव घाट का जीर्णोद्धार करने के बाद यहां यमुना आरती की परंपरा शुरू की गई थी. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 12 मार्च 2024 को इस ऐतिहासिक यमुना आरती का उद्घाटन किया था.
यमुना नदी में प्रदूषण के इतिहास के साथ ही उसकी सफाई के लिए बनने वाले एक्शन प्लान का भी लंबा इतिहास रहा है. यमुना की गंदगी साफ करने के पहले भी प्रयास तो कई हुए हैं, सरकारी धन की भी बड़ी राशि खर्च हुई है, लेकिन किसी भी प्रयास का कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है.
यमुनोत्री से निकलकर दिल्ली तक आते-आते यमुना नदी एक नाले में बदल जाती है. पहले निर्मल जल वाली यमुना अब प्रदूषण का शिकार हो गई है. यमुना के पानी का TDS 700 के पार पहुंच चुका है. देखें दिल्ली में यमुना नदी की दुर्दशा पर ग्राउंड रिपोर्ट.
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता आज दोपहर 12:30 बजे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगी. वह दोपहर एक बजे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से और शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगी.
यमुनोत्री से निकलकर दिल्ली तक आते-आते यमुना नदी एक नाले में बदल जाती है. पहले निर्मल जल वाली यमुना अब प्रदूषण का शिकार हो गई है. दिल्ली में यमुना नदी की दुर्दशा पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है, जिसमें वजीराबाद बैराज से ओखला तक 22 किलोमीटर के क्षेत्र में यमुना के 80% प्रदूषित होने की जानकारी दी गई है. देखें Video.
यमुना नदी की स्थिति चिंताजनक हो गई है. पानी का रंग और गंध इसकी गंभीर प्रदूषण की ओर इशारा करते हैं. टीडीएस मीटर से जांच में पानी का टीडीएस स्तर 700 के करीब पाया गया, जो पीने योग्य पानी के मानक 150 से कहीं अधिक है. यमुना में ऑक्सीजन की कमी हो गई है, जिससे जलीय जीवन खतरे में है. देखें.
यमुनोत्री से निर्मल होकर निकलने वाली यमुना दिल्ली पहुंचते ही नाले में बदल जाती है. पिछले 5 सालों में यमुना का प्रदूषण 3000 गुना बढ़ गया है. दिल्ली की 70% जल आपूर्ति यमुना से होती है, लेकिन 90% घरेलू अपशिष्ट जल इसी में गिराया जाता है. विशेषज्ञों से बातचीत में यमुना के प्रदूषण के समाधान पर चर्चा की गई. देखें.
दिल्ली में यमुना नदी की दुर्दशा पर आज तक की रिपोर्ट. यमुनोत्री से निकलकर दिल्ली तक आते-आते यमुना एक नाले में बदल गई है. पानी का टीडीएस 700 तक पहुंच गया है, जो पीने के लिए अनुपयुक्त है. फैक्टरियों से निकलने वाले केमिकल और घरेलू कचरे से नदी प्रदूषित हो रही है. मछलियां गायब हो गई हैं और लोग पानी छूने से भी डरते हैं. यमुना की सफाई के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है.
दिल्ली में यमुना का इतिहास हमेशा से ऐसा गंदला नहीं रहा है. यहां का पानी अंग्रेजों के दौर में भी पीने और नहाने लायक था, बल्कि मुगल सल्तनत के दौर में तो यमुना ने चारदीवारी दिल्ली की न सिर्फ रक्षा प्रणाली को मजबूत बनाया था, बल्कि शाहजहां के बसाए शाहजहांनाबाद शहर और लालकिले की किलेबंदी के साथ इस प्रमुख शहर की प्यास भी बुझाई थी.
मेले में आने वाले श्रद्धालु पवित्र संगम में स्नान कर अपने साथ स्वच्छता का भाव भी ले जाएं, इसके लिए प्रयागराज नगर निगम आधुनिक तरीके से गंगा-यमुना के संगम को स्वच्छ बनाने के काम में जुटी हुई है.इसके लिए बकायदा ट्रैश स्कीमर मशीनें लगाई गईं हैं. इन मशीनों से हर दिन गंगा-यमुना से 10 से 15 टन कचरा निकाला जा रहा है.
दिल्ली सरकार अगले दो वर्षों में शहर के सभी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STPs), जिनमें छह नए प्लांट भी शामिल हैं, को पूरी तरह कार्यशील बनाएगी ताकि यमुना में बहने वाले सीवेज और औद्योगिक कचरे को पूरी तरह रोका जा सके. दिसंबर 2027 तक यमुना को पूरी तरह स्वच्छ बनाने का लक्ष्य रखा गया है. यह जानकारी सोमवार को अतिरिक्त मुख्य सचिव नवीन चौधरी ने दी.
हाल ही में दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत पर आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि अत्यधिक प्रदूषित यमुना को साफ किया जाएगा, चाहे इसके लिए कितनी भी मेहनत और समय क्यों न लगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 फरवरी को बीजेपी की जीत के जश्न के दौरान अपने भाषण में यमुना को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को फिर से जाहिर कर दिया था. उन्होंने 'यमुना मैया की जय' से अपने संबोधन की शुरुआत की थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 फरवरी को पार्टी मुख्यालय में बीजेपी की जीत के जश्न के दौरान यमुना को प्रदूषण मुक्त करने के लिए हरसंभव कोशिश करने का वादा किया था. दिल्ली के LG मुख्य सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव (सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण) से मुलाकात की और यमुना सफाई का काम शुरू करने का निर्देश दिया.