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यासीन मलिक

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यासीन मलिक (Yasin Malik) एक कश्मीरी अलगाववादी नेता और पूर्व उग्रवादी है  (Kashmiri separatist leader and Former Militant) , जो भारत और पाकिस्तान दोनों से कश्मीर को अलग करने की वकालत करता है. वह जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का अध्यक्ष है, जिसने मूल रूप से कश्मीर घाटी में सशस्त्र उग्रवाद का नेतृत्व किया था (Chairman, JKLF). मलिक ने 1994 में हिंसा का रास्ता छोड़ दिया और कश्मीर संघर्ष पर समझौता करने के लिए शांतिपूर्ण तरीके अपनाए (Yasin Malik Renounced Violence in 1994). मई 2022 में, मलिक को आपराधिक साजिश और राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए दोषी ठहराया गया (Malik Pleaded Guilty and Convicted for Waging War Against State). 25 मई 2022 को यासीन मलिक को एनआईए कोर्ट ने टेरर फंडिंग के केस में उम्रकैद की सजा सनाई.

यासीन मलिक का जन्म 3 अप्रैल 1966 को श्रीनगर के घनी आबादी वाले मैसुमा इलाके में हुआ था (Yasin Malik Age). उसने श्रीनगर के एस.पी. कॉलेज ले ग्रेजुएशन की डिग्री ली (Yasin Malik Education). 2009 में यासीन मलिक ने पाकिस्तानी कलाकार मुशाल हुसैन मलिक से शादी की (Yasin Malik Wife). वह मार्च 2012 में रजिया सुल्ताना नाम की एक लड़की के पिता बने (Yasin Malik Daughter).

यासीन मलिक ने ताला पार्टी नामक एक पार्टी का गठन किया (Yasin Malik Formed Tala Party), जिसने कई तरह की गड़बड़ियां पैदा की. वह शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में वेस्टइंडीज के साथ 1983 के क्रिकेट मैच को बाधित करने के प्रयास में शामिल था. इन तमाम हरकतों के लिए मलिक को चार महीने तक हिरासत में रखा गया (Yasin Malik Detained for Four Months).

1986 में रिहा होने के बाद, ताला पार्टी का नाम बदलकर इस्लामिक स्टूडेंट्स लीग (आईएसएल) कर दिया गया, जिसमें मलिक महासचिव था. 1987 में विधान सभा चुनावों के लिए मलिक की पार्टी मुस्लिम यूनाइटेड फ्रंट (MUF) में शामिल हो गई. हालांकि उसने संविधान पर अविश्वास जताते हुए किसी भी सीट पर चुनाव नहीं लड़ा लेकिन इसने एमयूएफ के लिए प्रचार करने की जिम्मेदारी ली (Yasin Malik Political Career).

चुनाव के बाद यासीन मलिक पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर के आतंकवादी शिविरों में प्रशिक्षण प्राप्त किया. वह 1989 में जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के एक मुख्य सदस्य के रूप में कश्मीर घाटी में लौटा. उसने  जम्मू और कश्मीर की आजादी को अपना लक्ष्य बताया. यासीन मलिक, हामिद शेख, अशफाक वानी और जावेद अहमद मीर ने जेकेएलएफ उग्रवादियों के कोर समूह का गठन किया - जिसे "हाजी" समूह कहा गया. मार्च 2020 में, यासीन मलिक और उसके छह सहयोगियों पर 25 जनवरी 1990 को श्रीनगर के रावलपोरा में भारतीय वायु सेना के 40 कर्मियों पर हमले के लिए टाडा के तहत आरोप लगाए गए थे. इस हमले के दौरान वायुसेना के चार जवानों की मौत हो गई थी. इसके अलावा यासीन मलिक रुबैया सईद के अपहरण और उसके बाद पांच आतंकवादियों को छोड़ने की घटना में भी आरोपी है (Yasin Malik Militancy).

2017 में, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मलिक के खिलाफ आतंकी फंडिंग का मामला दर्ज किया. एजेंसी ने उन पर पाकिस्तान से धन प्राप्त करने का आरोप लगाया. मार्च 2022 में, दिल्ली की एक अदालत ने यासीन मलिक और अन्य के खिलाफ कड़े यूएपीए और भारतीय दंड संहिता के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया (Charges Against Yasin Malik).

10 मई 2022 को मलिक ने खुद को अपने ऊपर लगे आरोपों के लिए दोषी ठहराया. मलिक ने अपना प्रतिनिधित्व करने के लिए एक वकील नहीं होने का फैसला किया. उसके न्यायमित्र ने बताया कि वह आरोपों का मुकाबला नहीं करना चाहता था. 19 मई 2022 को, मलिक को एनआईए कोर्ट ने साजिश और राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप में दोषी ठहराया (Yasin Malik Conviction).
 

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