कोरोना के इस संकट काल में तेलंगाना की एक बिटिया जो कर रही है, उसकी राज्य में हर जगह चर्चा है. 16 साल की देवीश्री, डॉ अन्नन सेवा फाउंडेशन नाम के एनजीओ से जुड़ी वॉलन्टियर हैं और लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार कराने में हाथ बंटाती हैं. इनमें कोविड-19 से जान गंवाने वाले लोगों की लाशें भी शामिल हैं.
पहले ये एनजीओ ऐसी लावारिस लाशों के अंतिम संस्कार में मदद करता था, जो रेलवे ट्रैक पर क्षतविक्षत हालत में मिलती थी. कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ने के बाद यह एनजीओ इस संक्रमण से मरने वाले लोगों के अंतिम संस्कार में व्यस्त है.
आम तौर पर इस एनजीओ को पुलिस से ऐसी लाशों के बारे में सूचना मिलती है जिनका कोई दावेदार नहीं होता. एनजीओ के लोग फिर मौके पर जाकर ऐसी लाशों का अंतिम संस्कार कराते हैं.
देवीश्री इस एनजीओ से लॉकडाउन के दौरान जुड़ीं. देवीश्री वॉलन्टियर्स की ऐसी टीम का हिस्सा हैं, जिसमें सभी महिलाएं हैं. देवीश्री इंटरमीडिएट की पढ़ाई करने के साथ समाज सेवा कर रही हैं. देवीश्री के माता-पिता का पहले येल्लांडु में खाने का स्टाल था, जिसे लॉकडाउन में बंद करना पड़ा. इसके बाद वे अन्नम सेवा फाउंडेशन में बतौर कुक जुड़ गए. देवीश्री के मुताबिक, ‘महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी क्षमता दिखा रही हैं और मुझसे जो हो सकता है वो मैं कर रही हूं.’ देवीश्री की टीम से जुड़ी अन्य महिलाएं भी उनके (देवीश्री) इस काम को लेकर समर्पण की तारीफ करते नहीं थकती.