scorecardresearch
 
Advertisement
ट्रेंडिंग

सऊदी अरब की अदालत का फैसला: पैर के बदले पैर या दें 10 लाख का जुर्माना, जानें पूरा मामला

पिछले 4 वर्षो से सऊदी अरब की जेल में बंद मोगा के युवक.
  • 1/6

इंसान लाख चाहे तो क्या होता है वही होता है जो मंजूरे खुदा होता है. जी हां, इसी कहावत को सच साबित करता हुआ एक किस्सा सामने आया है पंजाब के जिला मोगा के गांव धल्लेके से. जहां रहने वाले युवक संदीप सिंह की कहानी सुनकर सभी हैरान रह गए. 

टांग के बदले टांग या दें 10 लाख का जुर्माना, जानें पूरा मामला.
  • 2/6

संदीप सिंह अपने घर की आर्थिक दशा सुधारने के लिए वर्ष 2017 में सऊदी अरब गया था लेकिन वहां जाने के एक महीने बाद ही उसका जम्मू-कश्मीर के एक युवक के साथ एक्सीडेंट हो गया. इस एक्सीडेंट में जम्मू-कश्मीर के युवक की दोनों टांगे चली गईं जिसके बाद पिछले 4 साल से मोगा का नौजवान जेल में है.

नौजवान टांग के बदले टांग दे या फिर 50 हजार सऊदी रयाल (लगभग 10 लाख रुपये) दे
  • 3/6

अदालत ने कुछ दिन पहले यह फैसला सुनाया था कि या तो यह नौजवान टांग के बदले टांग दे या फिर 50 हजार सऊदी रयाल (लगभग 10 लाख रुपये) दे. तभी वह जेल से रिहा हो सकता है. इसके चलते संदीप सिंह के परिवार वालों की ओर से और प्रवासी भारतीयों के सहयोग से 10 लाख रुपये का चेक जम्मू-कश्मीर के पीड़ित के परिजनों को सौंप दिया गया. जिसके बाद अब संदीप सिंह की माता को उसके बेटे की घर वापसी की उम्मीद जगी है.

Advertisement
रोजी रोटी के लिए सऊदी अरब गया था बेटा.
  • 4/6

मोगा के रहने वाले संदीप सिंह की माता बलजीत कौर, गांव वासी हरबंस सिंह और जरनैल सिंह ने मामले की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि रोजी-रोटी के लिए सऊदी अरब में गए. उसके बेटे से जाते समय जम्मू-कश्मीर के रहने वाले एक युवक का एक्सीडेंट हो गया था और इस एक्सीडेंट में उस युवक की दोनों टांगें टूट गई थीं.

4 साल से जेल में बेद है संदीप सिंह
  • 5/6

माता बलजीत कौर ने कहा कि पिछले 4 साल से उसका बेटा जेल में बंद है और अदालत ने यह फैसला सुनाया था कि या टांग के बदले टांग दें या 10 लाख रुपये का जुर्माना भरें. इसके बाद अब परिवार और प्रवासी भारतीयों के सहयोग से 10 लाख रुपये एकत्रित कर जम्मू-कश्मीर के पीड़ित परिवार को सौंपे गए हैं. इसके बाद अब उन्हें उनके बच्चे की रिहाई की आस जागी है. गांव वासियों ने आर्थिक सहायता के लिए अप्रवासी भारतीयों का धन्यवाद भी किया.

अदालत का फैसला मानते हुए परिवार वालों ने उन्हें 10 लाख का चेक सौंपा गया
  • 6/6

वहीं, जम्मू-कश्मीर से आए पीड़ित के पिता और भाई ने बताया कि उनके लड़के की दोनों टांगें खराब हो चुकी थीं और दूसरी तरफ अदालत ने टांग के बदले टांग या 10 लाख का जुर्माना लगाया था. उन्होंने कहा कि हम टांग के बदले टांग नहीं लेना चाहते थे और ना ही 10 लाख रुपये क्योंकि हम नहीं चाहते कि जैसे हमारे बेटे की टांग गई है किसी और के बेटे की टांग ऐसे जाए. उन्होंने कहा कि फिर भी अदालत का फैसला मानते हुए परिवार वालों ने उन्हें 10 लाख का चेक सौंपा है जिससे अब वे लोग सहमत हैं.

Advertisement
Advertisement