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WhatsApp से तैयार हो गया 50 बेड्स का कोविड सेंटर, 24 घंटे ऑक्सीजन-एंबुलेंस की सुविधा

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कोरोना की दूसरी लहर से पूरे देश की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है. हर दिन इतनी संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं कि अब उनके इलाज के लिए अस्पताल कम पड़ रहे हैं. किसी को बेड नहीं मिल रहा तो कोई ऑक्सीजन की कमी की वजह से दम तोड़ रहा है. ऐसे में महाराष्ट्र के नांदेड़ में कोरोना वॉरियर्स यानी डॉक्टरों ने जो काम किया है उसे आप मानवता की मिसाल कह सकते हैं. एक Whats Group के जरिए इन डॉक्टरों ने 50 बेड का अस्पताल तैयार कर लिया है.

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नांदेड़ जिले का एक छोटा सा शहर है नायगांव, इस शहर का एक Whats Group है जिसका नाम है आवाज नायगावचा मतलब voice of naygav. इस ग्रुप में शिक्षक, डॉक्टर, वकील ,व्यापारी, पत्रकार , राजनेता , पुलिस यानी की सभी तबके के लोग जुड़े हुए हैं. नांदेड़ जिला कोरोना का हॉटस्पॉट बन चुका है. हजारों लोग नित्य दिन संक्रमित हो रहे है . मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है.

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ऐसे में इस  Whats Group के लोगों ने शानदार पहल की. इस ग्रुप के एडमिन नागेश कल्याण को एक आइडिया आया और उन्होंने ग्रुप में सामाजिक दायित्व  के तहत नायगांव के लोगों के लिये निजी कोविड सेंटर का निर्माण करने का प्रस्ताव दिया. उन्हें पूरा यकीन था कि ग्रुप सदस्यों को यह प्रस्ताव पसंद आएगा और वो मदद के लिए आगे आएंगे.

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इस प्रस्ताव के बाद डॉक्टरों की एक टीम निशुल्क सेवा देने के लिये सामने आयी. किसी ने नगद धनराशि दी तो किसी ने दवाइयां दी. देखते-देखते सारे शहर में यह खबर फैल गई जिसके बाद मदद के लिए और भी लोग सामने आ गए. इस कोविड अस्पताल के निर्माण के लिए  पूर्व विधायक वसंतराव चव्हाण ने अपनी शानदार अंग्रेजी स्कूल को उपलब्ध करवा दिया.

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इसके बाद इन लोगों ने जिले के कलेक्टर से तत्काल अनुमति लेकर कोविड सेंटर का विधिवत उद्घाटन भी करवाया. इस कोविड सेंटर में 50 बेड लगाए गए हैं. जरूरी दवाओं के साथ यहां ऑक्सीजन सिलेंडर और अति गंभीर मरीजों को रेफर करने के लिये एक एंबुलेंस की भी तैनाती की गई है. यह एंबुलेंस 24 घंटे सेवा में रहती है.

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नगर पंचायत के उपाध्यक्ष ने अस्पताल में भोजन की जिम्मेदारी संभाली है. सुबह शाम भोजन के अलावा नाश्ता और गर्म चाय मरीजों को दी जाती है. फिलहाल 20 मरीज यहां डॉक्टरों की निगरानी में अपना इलाज करवा रहे हैं. 
 

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