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भेड़ बेचकर इकट्ठे किए पैसे और बना डाले 16 तालाब, पीएम मोदी ने भी की तारीफ

कलमने
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दुनिया के ज्यादातर रियल लाइफ हीरो बिना किसी पद या प्रतिष्ठा की आस लगाए लगातार समाज और पर्यावरण की बेहतरी के प्रयासों में लगे रहते हैं. ऐसे ही एक रियल लाइफ हीरो हैं कलमने कामेगैड़ा. कर्नाटक के एक छोटे से गांव में रहने वाले 72 साल के चरवाहे कलमाने पिछले कई सालों से अपने क्षेत्र में तालाबों के निर्माण में लगे हुए हैं और चार दशक में वे अपने दम पर 16 तालाबों का निर्माण भी कर चुके हैं. (फोटो साभार: एपी)
 

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कलमने का गांव बेंगलुरू से 120 किलोमीटर दूर है. वे कभी स्कूल नहीं गए हैं और उन्होंने बताया कि वे पिछले कई सालों में अपने और अपने बेटे के लगभग 10 लाख रूपए खर्च कर अपने गांव के पास लगभग 16 तालाबों का निर्माण कर चुके हैं. उन्होंने ये पैसा अपनी कई भेड़ों को बेचकर भी इकट्ठा किया है. (फोटो साभार: एपी)

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कलमने ने दरअसल अपने गांव के लोगों को बताया था कि वे अपने पिता से धरती की नमी को पहचानने की कला सीख चुके हैं और इससे ही इन तालाबों के निर्माण करने की कोशिश करते हैं, गांववालों ने जब उनकी बात सुनी थी तो उन्हें पागल करार दिया था और उनका काफी मजाक उड़ाया था. हालांकि वे बिना किसी की परवाह किए बिना अपने काम में लगे रहे और आज वे लोकल सेलेब्रिटी हो चुके हैं. (फोटो साभार: एपी)

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कलमने
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कलमने को अपने पर्यावरण से बहुत लगाव हैं और यही कारण है कि वे लगातार तालाब बनाने को लेकर मेहनत करते रहे. इन तालाबों के निर्माण का मुख्य मकसद पानी की कमी की समस्या से निपटना है. कलमाने को पॉन्ड मैन भी कहा जाता है. उनका कहना है कि ये सभी तालाब साइंटिफिक तरीके से निर्माण किए गए हैं जिसके चलते भीषण गर्मियों के दौर में भी ये तालाब नहीं सूखेंगे. इंसानों के अलावा पक्षी और जानवर भी आकर यहां अपनी प्यास बुझा सकते हैं. (फोटो साभार: एपी)
 

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उन्होंने ज्यादातर फावड़े और मिट्टी खुरपने वाली कुदाल के इस्तेमाल के सहारे इन तालाबों का निर्माण किया है. इसके अलावा जब भी आर्थिक तौर पर संभव होता था तो वे खुदाई मशीनों को भी किराए पर ले आते थे और इन तालाबों को बेहतर स्ट्रक्चर दे देते थे. उन्हें अपने इस काम पर काफी गर्व भी है और वे अक्सर अखबारों में इन तालाबों से जुड़े सकारात्मक आर्टिकल्स की कटिंग अपने पास रख लेते हैं.(फोटो साभार: एपी)
 

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उनके प्रयासों को देखते हुए राज्य सरकार ने उन्हें दो साल पहले प्रतिष्ठित पुरस्कार से नवाजा था. इन तालाब की देखभाल के लिए कर्नाटक सरकार ने 50 लाख रूपयों का फंड भी जारी किया है. वही पीएम मोदी ने मन की बात में कलमने की तारीफों के पुल बांधते हुए कहा था कि वे भले ही एक साधारण किसान हों लेकिन वे एक असाधारण व्यक्तित्व के धनी हैं. (फोटो साभार: एपी)

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