अमेरिका में एक महिला को दो सालों की सजा सुनाई गई है क्योंकि इस महिला ने कुछ समय पहले एक सुपरमार्केट में छींक दिया था और वहां रखे हुए खाने के सामान पर थूक दिया था. इस महिला ने ये भी चिल्लाना शुरू किया था कि वो कोरोना पॉजिटिव है. इसके बाद उसने इसे एक प्रैंक बताया था. (प्रतीकात्मक तस्वीर/getty images)
37 साल की मार्गेरेट एन सिरको मार्च के महीने में गेरिटी सुपरमार्केट में घुसी थीं और उन्होंने वहां जाकर छींकना शुरू किया. वे नशे के हालातों में कह रही थीं कि सबको कोरोना हो जाएगा और सब मर जाएंगे. पुलिस ने इस मामले में महिला को गिरफ्तार किया था और उन्हें अब दो साल कैद और इसके बाद 8 साल के प्रोबेशन की सजा सुनाई गई है. (प्रतीकात्मक तस्वीर/getty images)
मार्गेरेट की इस हरकत के बाद इस सुपरमार्केट को 35 हजार डॉलर्स का खाने का सामान फेंकना पड़ा था. इसके अलावा वहां पहुंचे लोगों में और सुपरमार्केट के स्टाफ में भी काफी दहशत का माहौल था. मार्गेरेट की इस हरकत को लेकर सुपरमार्केट के मालिक जोए फासुला ने फेसबुक पर एक पोस्ट भी शेयर किया था.(प्रतीकात्मक तस्वीर/getty images)
जोए ने सोशल मीडिया पर लिखा कि खाना जब भी बर्बाद होता है तो हमें काफी दुख होता है हालांकि कोरोना के चलते ये और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है कि लोग कम से कम खाने को बर्बाद करें क्योंकि बहुत लोग बेहद मुसीबत में हैं लेकिन इस महिला की गलती के चलते हमें बहुत सारा खाना फेंकना पड़ा है.
(प्रतीकात्मक तस्वीर/getty images)
वही इस मामले में मार्गेरेट की एटॉर्नी ने कहा कि जब उन्होंने ये हरकत की थी तो वे कोरोना पॉजिटिव नहीं थीं. हालांकि उन्होंने शराब जरूर पी रखी थी. उन्होंने ये भी कहा कि मार्गेरेट के मानसिक हालात ठीक नहीं है. (प्रतीकात्मक तस्वीर/getty images)
उन्होंने ये भी कहा कि मार्गेरेट शराब की समस्या से जूझ रही हैं. उन्होंने इस मामले में कोर्ट में कहा कि मैं ये बताकर मार्गेरेट की गलती पर पर्दा नहीं डाल रहा हूं पर बता रहा हूं कि उन्होंने ये हरकत आखिर क्यों की थी. हालांकि कोर्ट ने महिला पर कोई दया नहीं दिखाई और सजा के साथ ही उन्हें 30 हजार डॉलर्स का भुगतान करने को कहा गया है. (प्रतीकात्मक तस्वीर/getty images)
मार्गेरेट इससे पहले भी एक विवाद के चलते सुर्खियों में थीं. उन्होंने अप्रैल महीने में कहा था कि वे चाइल्ड ऑफ गॉड हैं और उन्होंने चर्च से निकलने से साफ मना कर दिया था. इसके बाद मजबूरी में चर्च के प्रशासन ने पुलिस बुलाई थी और इसके बाद उनपर केस भी हुआ था. इसी घटना के बाद मार्गेरेट पुलिस की नजरों में आई थी. (प्रतीकात्मक तस्वीर/getty images)