सेक्स एजुकेशन को लेकर दुनियाभर में कई तरह की भ्रांतियां हैं लेकिन आजकल युवाओं और किशोरों के लिए इसका सबसे बड़ा स्रोत यानी सोर्स पॉर्नोग्राफी है. युवा एडल्ट वेबसाइट्स पर जाकर अपने काम की चीजें सीख रहे हैं. ये खुलासा हुआ है बोस्टन यूनिवर्सिटी के रिसर्च के जरिए. यूनिवर्सिटी ने पूरे अमेरिका में एक सर्वे के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है. (फोटोःगेटी)
अमेरिका में हुए सर्वे में 18 से 24 साल के युवाओं को शामिल किया गया था. सर्वे में शामिल सभी युवाओं में से एक चौथाई ने कहा कि हम सेक्स कैसे करें ये बताने का सबसे सोर्स पॉर्नोग्राफी और एडल्ट साइट्स हैं. पॉर्नोग्राफी और एडल्ट साइट्स को सबसे ज्यादा युवाओं ने चिन्हित किया. (फोटोःगेटी)
बोस्टन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में कम्यूनिटी हेल्थ साइंसेज की प्रोफेसर एमिली रोथमैन ने कहा कि यह रिसर्च इस बात की ओर इशारा करता है कि हमें सेक्स एजुकेशन के लिए ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. हमें युवाओं को ये बताना होगा कि पॉर्नोग्राफी क्या चीज है. बोस्टन यूनिवर्सिटी की इस रिसर्च की खबर लाइवसाइंस वेबसाइट में प्रकाशित हुई है. (फोटोःगेटी)
एमिली रोथमैन ने कहा कि युवाओं को ये बताने की जरूरत है कि पॉर्नोग्राफी या एडल्ट साइट्स मनोरंजन के लिए बनाई गई हैं. इसे बनाने वाले लोग प्रॉफिट देखते हैं, वो कुछ भी हेल्दी सिखाने के लिए नहीं बनाते. पॉर्नोग्राफी सच्चाई से अलग होती है. उसमें जैसा दिखाया जाता है, वैसी हकीकत नहीं होती. (फोटोःगेटी)
एमिली रोथमैन ने चिंता जाहिर की कि पॉर्नोग्राफी का बुरा असर युवाओं और किशोरों के दिमाग पर पड़ता है. इंटरनेट पर आसानी से और मुफ्त में मिलने वाले एडल्ट कंटेंट से युवाओं को सेक्स एजुकेशन की सही शिक्षा नहीं मिलती. किसी किशोर या युवा को सेक्स करना है तो इसके लिए सही व्यवस्था होनी चाहिए. उन्हें ये पता होना चाहिए कि उन्हें इस बारे में किससे बात करनी है. (फोटोःगेटी)
एमिली कहती हैं कि पॉर्नोग्राफी देखना गलत नहीं है लेकिन पॉर्न लिट्रेसी की भी बात होनी चाहिए. उन्हें इस विषय की शिक्षा देने की जरूरत है, ताकि वो सेक्स के मामले में सही और गलत का फैसला ले सकें. ये वैसा ही जैसे आप बिना डॉक्टरी सलाह के किसी तरह की दवा का सेवन करने लगें. इससे आपको नुकसान हो सकता है. (फोटोःगेटी)
पिछले साल जुलाई में जर्नल आर्काइव्स ऑफ सेक्सुअल बिहेवियर में प्रकाशित के कंटेंट एनालिसिस के मुताबिक एडल्ट साइट्स पर मौजूद पॉर्नोग्राफिक वीडियो में से करीब 40 फीसदी में हिंसा थी. ज्यादातर महिलाओं के खिलाफ. एमिली कहती हैं कि इस तरह के वीडियो देखने के बाद सेक्स को लेकर युवाओं में मन में बनने वाली धारणा गलत दिशा में जाएगी. (फोटोःगेटी)
एमिली और इनकी टीम ने जो सर्वे किया उसमें से एक चौथाई युवाओं ने पॉर्नोग्राफी और एडल्ट साइट्स को सेक्स कैसे करें सवाल का पहला जवाब बताया. इसके बाद लोगों ने अपने पार्टनर, दोस्त, मीडिया और हेल्थ केयर वर्कर्स का नाम लिया. 14 से 17 साल के युवाओं में से 31 फीसदी ने कहा कि वो अपने माता-पिता से पूछते हैं. जबकि, 21.6 फीसदी ने कहा कि वो अपने दोस्तों से पूछते हैं. (फोटोःगेटी)
एमिली कहती हैं कि इस सर्वे में अच्छी बात ये है कि किशोर सेक्स एजुकेशन के मामले में अपने माता-पिता को शामिल कर रहे हैं. माता-पिता को अपने किशोर बच्चों से लगातार उनके सेक्स ओरिएंटेशन और सेक्स ड्राइव को लेकर बातचीत करनी चाहिए. उन्हें सही रास्ता दिखाना चाहिए. क्योंकि बच्चे माता-पिता की बात ज्यादा मानते हैं. (फोटोःगेटी)
एमिली रोथमैन अंत में कहती हैं कि इंटरनेट है. किशोरों और युवाओं के पास स्मार्टफोन्स हैं. दुनिया के अलग-अलग देशों की सरकारों को चाहिए कि वो सेक्स एजुकेशन से जुड़े एप्स बना दें. ताकि इसकी मदद से युवा अपनी सवालों के जवाब खोज सके. वो हकीकत और कल्पना में अंतर पता कर सके. उसे ये पता चले कि पॉर्नोग्राफी और एडल्ट साइट्स सही जानकारी नहीं देते. (फोटोःगेटी)