अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) के नियंत्रण के बाद से ही अफरा-तफरी का माहौल है. सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो वायरल हो रहे हैं जिसमें अफगानी लोगों को काबुल एयरपोर्ट (Kabul airport) पर बदहवास भागते हुए देखा जा सकता है. तालिबान के डर से ये लोग किसी भी तरह अपने देश से निकलने की कोशिश कर रहे थे. ऐसा ही एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें अमेरिकी के मिलिट्री प्लेन (American military airplane) से एक शख्स को नीचे गिरते हुए देखा जा सकता था. (फोटो क्रेडिट: AP)
इस हवाई जहाज से गिरने वाला लड़का महज 17 साल का था. इस लड़के का नाम रेजा (काल्पनिक नाम) है. रेजा अपने 16 साल के भाई कबीर (काल्पनिक नाम) के साथ काबुल एयरपोर्ट भाग गया था. अमेरिकी मिलिट्री प्लेन से गिरने वाले रेजा का शव परिवार वालों को मिल चुका है लेकिन उन्हें अभी तक कबीर को लेकर कोई जानकारी हासिल नहीं हुई है. (फोटो क्रेडिट: AP)
दरअसल इन दोनों युवाओं को ये अफवाह सुनने में आई थी कि अफगानिस्तान से 20 हजार लोगों को कनाडा या अमेरिका ले जाया जा सकता है. तालिबानी राज से घबराकर ये दोनों भाई अपना लक आजमाने के लिए एयरपोर्ट पहुंचे थे. वाइस न्यूज के साथ बातचीत में रेजा के परिवार के एक सदस्य ने कहा कि वो किसी को बिना बताए भाग गया था.(फोटो क्रेडिट: AP)
उन्होंने आगे कहा कि उसने अपनी पर्सनल आईडी घर से उठाई थी और वो एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गया था. वो तालिबान राज में नहीं रहना चाहता था. गौरतलब है कि अमेरिकी मिलिट्री प्लेन C-17 एयरक्राफ्ट जब काबुल एयरपोर्ट से निकल रहा था तो इस प्लेन में जबरदस्त भीड़-भाड़ देखने को मिली थी. रिपोर्ट्स के अनुसार, इस प्लेन से गिरकर तीन लोग मारे गए हैं. (फोटो क्रेडिट: AP)
गौरतलब है कि रेजा और कबीर के छह भाई-बहन और हैं और वे दोनों सबसे बड़े थे. अफगानिस्तान के युवाओं ने भले ही 1996 से 2001 के बीच तालिबान का राज ना देखा हो लेकिन उन्हें इस कट्टरपंथ संगठन के कारनामों की जानकारी अपने परिवार से मिलती रही है और अफगान की युवा पीढ़ी इस आजादी को छिनते हुए देखना नहीं चाहती है. (फोटो क्रेडिट: AP)
रेजा के परिवार के एक सदस्य ने कहा कि उसे कपड़े पहनने का, बॉक्सिंग करने का और सोशल मीडिया यूज करने का शौक था. बाकी लोगों की तरह ही वो भी डरा हुआ था. हर कोई भागने की कोशिश कर रहा है. सभी लोग एयरपोर्ट की तरफ भागे थे क्योंकि सब सुरक्षा, रोजगार और आजादी जैसे मुद्दों को लेकर चिंतित हैं. ये तालिबान का डर है. (फोटो क्रेडिट: AP)
गौरतलब है कि युवाओं के साथ ही महिलाएं भी तालिबान राज से सहमी हुई हैं. साल 1996 में जब तालिबान का राज अफगानिस्तान पर था उस दौर में महिलाओं को लेकर कई प्रतिबंध लगा दिए गए थे. महिलाएं घर से बाहर अकेली नहीं निकल सकती थीं. इसके अलावा वे पढ़ने या नौकरी करने नहीं जा सकती थीं. तालिबानी क्रूरता की कई घटनाएं भी सामने आई थीं. (फोटो क्रेडिट: ट्विटर)
गौरतलब है कि अफगानिस्तान में तालिबान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के सहारे कहा है कि वे महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करेंगे और किसी को डरने की जरुरत नहीं है और वे सभी लोगों को सुरक्षा मुहैया कराना चाहते हैं. वही अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर जा चुके हैं और उपराष्ट्रपति तालिबान से लोहा लेने को तैयार हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर/getty images)