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गलवान में घायल जवान बोला, ‘हम 200 थे-वो हजार, 5 घंटे चला संघर्ष’

चीनी हमले में घायल जवान की आंखों देखी, ‘हम 200 थे-वो एक हजार, 5 घंटे चला संघर्ष’
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लद्दाख की गलवान घाटी में चीन और भारत के सैनिकों के बीच हुए खूनी संघर्ष में जवान सुरेंद्र सिंह घायल हो गए थे. उनका इलाज लद्दाख के सैनिक हॉस्पिटल में चल रहा है, जहां उन्हें 12 घंटे बाद होश आया. इसके बाद उन्होंने गलवान घाटी में हुए पूरे घटनाक्रम के बारे में परिजन को बताया. साथ ही पहली बार किसी घायल ने चीन के पूरे षडयंत्र की दास्तान भी बयां की है.


चीनी हमले में घायल जवान की आंखों देखी, ‘हम 200 थे-वो एक हजार, 5 घंटे चला संघर्ष’
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फौजी सुरेंद्र सिंह ने उन्हें बताया कि चीनी सैनिकों ने धोखे से गलवान घाटी से निकलने वाली नदी पर अचानक भारतीय सैनिकों पर हमला कर दिया. करीब 4 से 5 घंटे तक नदी में ही सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष चलता रहा. उस वक्त भारत के करीब 2 से ढाई सौ जवान मौजूद थे. जबकि चीन के 1000 से अधिक जवान थे.
चीनी हमले में घायल जवान की आंखों देखी, ‘हम 200 थे-वो एक हजार, 5 घंटे चला संघर्ष’
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उन्होंने बताया कि गलवान घाटी की नदी में हाड़-मांस को गला देने वाले ठंडे पानी में यह संघर्ष चलता रहा. उनका कहना था कि जहां यह संघर्ष हुआ उस नदी के किनारे मात्र एक आदमी के लिए निकलने की जगह थी. इसलिए भारतीय सैनिकों को संभलने में भारी परेशानी हुई नहीं तो भारतीय सैनिक किसी से कम नहीं थे. भारतीय सैनिक भी चीन के सैनिकों को अच्छा सबक सिखा सकते थे लेकिन हम पर उन्होंने साजिश के तहत और धोखे से हमला किया.
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उन्होंने फोन पर बताया कि अब वह स्वस्थ हैं और लद्दाख के सैनिक हॉस्पिटल में उनका इलाज चल रहा है. उनके एक हाथ में फैक्चर है और सिर में करीब एक दर्जन टांके लगे हैं. उन्होंने उस घटना का जिक्र करते हुए कहा कि 5 फुट गहरे पानी में करीब 5 घंटे चले संघर्ष में सिर में चोट लगने से वह घायल हो गए थे और अन्य सैनिकों ने उन्हें बाहर निकाला. उन्हें तब तक होश था इसके बाद उन्हें लद्दाख के हॉस्पिटल में ही आकर करीब 12 घंटे बाद होश आया. साथ ही उनका कहना है कि इस झगड़े में उनका मोबाइल और अन्य कागजात भी नदी के पानी में कहीं गिर गए.
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जाबांज सुरेंद्र सिंह राजस्थान के अलवर जिले के नौगांवा ग्राम के रहने वाले हैं. घटना की सूचना के बाद से परिजन चिंतित हैं. लेकिन लद्दाख के अस्पताल में भर्ती सुरेंद्र सिंह से फोन पर परिजनों की बात होने के बाद उन्हें ढांढस बंधा है. परिजन ईश्वर से सभी घायल जवानों के लिए शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहे हैं. घायल जवान सुरेंद्र सिंह की पत्नी, बच्चों के साथ अलवर के सूर्य नगर नई बस्ती में रहती हैं. जबकि घायल जवान के माता पिता और भाई का परिवार गांव में रहता है.
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फौजी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि भारतीय सैनिक किसी भी दुश्मन देश के सैनिकों से निपटने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं. सैनिक सुरेंद्र सिंह के पिता बलवंत सिंह ने बताया कि बुधवार को दोपहर में फोन आया था तो उन्होंने बस इतना ही बताया गया कि झगड़े में उनके बेटे के सिर में चोट लगी है और अब वह पूरी तरह से ठीक है. लेकिन उनकी तबीयत को लेकर परिवार जन चिंतित भी हैं और भगवान से दुआ कर रहे हैं कि बेटे सहित अन्य जो सैनिक वहां घायल हुए हैं भगवान उनको शीघ्र स्वस्थ करें.
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