दुनिया के सबसे बड़े जंगल अमेजन और धरती का फेफड़ा कहे जाने वाले इस इलाके को लेकर हैरान कर देने वाली जानकारी सामने आई है. दरअसल, रिसर्च में पता चला है कि अगले 43 सालों यानी साल 2064 तक यह जंगल पूरी तरह से खत्म हो जाएगा. इसकी सबसे बड़ी वजह होगी क्लाइमेट चेंज, आग और ताबड़तोड़ पेड़ों की कटाई. आइए जानते हैं कि रिपोर्ट में और क्या कहा गया है. (फोटोःगेटी)
अमेजन दुनिया का सबसे बड़ा वर्षावन (Rainforest) है. दुनिया की 20% ऑक्सीजन यहीं से आती है. इसलिए इसे 'पृथ्वी का फेफड़ा' भी कहा जाता है. यह जंगल 2.1 मिलियन वर्गमील में फैला हुआ है. दक्षिणी अमेरिका से ब्राजील तक फैले इस जंगल के बारे में कहा जाता है कि अगर यह कोई देश होता तो दुनिया का 9वां सबसे बड़ा देश होता. इस जंगल को लेकर वैज्ञानिकों ने कहा है कि यह एक समय बाद पूरी तरह सूखा मैदान बन जाएगा. यहां की हरियाली खाली मैदान में बदल जाएगी. (फोटोःगेटी)
यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा के भूगोल विज्ञानी रोबर्ट वॉकर दशकों से अमेजन का अध्ययन कर रहे हैं. 2064 में अमेजन के जंगल समाप्त होने की भविष्यवाणी करने लिए उन्होंने हाल ही के अध्ययन किए हुए आंकड़ों को संकलित किया. इसमें बताया गया है कि कैसे जंगलों में सूखे की आवृति, आग लगने की घटना, पेड़ कटना और बारिश जैसे विभिन्न कारण जंगल की बर्बादी को तय करेंगे. (फोटोःगेटी)
डिस्कवर मैगजीन में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार अमेजन की स्थिति काफी खराब हो चुकी है. 2004 से 2012 के बीच पेड़ों के कटने के मामले थोड़े कम थे लेकिन 2020 में ब्राज़ील के अमेजन जंगलों से पूरे दशक में सबसे ज्यादा पेड़ काटे गए थे. 2020 के पहले चार महीनों के दौरान ब्राजील में 1,202 वर्ग किमी जंगल को नष्ट कर दिया था. (फोटोःगेटी)
2018 में वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया था कि वर्षावन अपने वन क्षेत्र का 20 से 25 प्रतिशत खोने से पहले संभल सकता है, इससे पहले कि इकोसिस्टम सूखे की वजह से खराब हो जाए. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पेड़ों के कटने से मौसम बदलता है. जिस तरह पेड़ हवा से नमी लेते और देते है, अगर यह पेड़ कट जाएं तो नमी का यह चक्र बिगड़ जाता है. (फोटोःगेटी)
2020 में रिसर्च में बताया गया कि अब तक कितना जंगल कट चुका है. इसमें पाया गया कि अमेजन में 11 प्रतिशत भाग में कटाई हो चुकी है. 17 प्रतिशत भाग भी इसी प्रक्रिया से गुजर रहा है. एक रिसर्च में सामने आया कि जिस तरीके से अमेजन के जंगलों को काटा जा रहा है, वह दुनिया के सबसे बड़े जंगल से सबसे बड़े सवाना इलाके में बदल सकता है. बता दें कि सवाना क्षेत्र में बड़े पेड़ नहीं होते. छोटे-छोटे पौधों के साथ घास का जंगल होता है. इससे क्षेत्र की इकोलॉजी भी बदल सकती है. (फोटोःगेटी)
जलवायु परिवर्तन इसमे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. एक रिसर्च में सामने आया कि पश्चिमी अमेजन बेसिन के कुछ भागों में सामान्य से अधिक वर्षा हो रही है. 1982 के बाद से प्रति वर्ष 7 इंच अतिरिक्त वर्षा हो रही है. (फोटोःगेटी)
लेकिन पूर्व से दक्षिण तक जहां भी पेड़ों की कटाई हो रही है, वहां सूखा पड़ रहा है. जहां शुष्क मौसम साल में 7 महीने के लिए होता है, वहां थोड़ी सी बारिश होती है. ये प्रतिवर्ष एक दिन बढ़ रही है. इस तरह की घटना से सूखे इलाके सूखे ही रहते हैं. बारिश वाले या नमी वाले इलाके गीले रह जाते हैं. ये इस बात की ओर इशारा करता है कि जलवायु परिवर्तन कैसा होगा. (फोटोःगेटी)
जब किसी जगह भयंकर सूखा पड़ता है तो पेड़ अपनी पत्तियां छोड़ देते हैं. कुछ मर भी जाते हैं. रिसर्चर्स ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा, एक जंगल को सूखे से उबरने के लिए 4 साल से ज्यादा समय की जरूरत होती है. (फोटोःगेटी)