अमेरिका के दो दर्जन से अधिक शहरों में अश्वेत नागरिक की मौत के विरोध में कई दिनों से प्रदर्शन हो रहे हैं. न्यूज एजेंसी एपी के मुताबिक, वॉशिंगटन में व्हाइट हाउस के बाहर सैकड़ों लोग प्रदर्शन करने लगे तो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक बंकर में जाना पड़ा. हालांकि, अधिकारियों ने बाद में बताया कि उनकी सुरक्षा को खतरा नहीं था. Guardian की रिपोर्ट में लिखा गया है कि ट्रंप को 'भागकर' बंकर में शरण लेनी पड़ी, वहीं सोशल मीडिया पर कई एक्विविस्ट ने भी ट्रंप के बंकर में 'भागने' और 'छिपने' की बात कही है.
रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार की रात सीक्रेट सर्विस एजेंट्स की सलाह पर ट्रंप बंकर में गए. करीब एक घंटा उन्होंने बंकर में बिताया. अश्वेत नागरिक की मौत का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी कई शहरों में हिंसक हो गए हैं. बीते दिनों में उन्होंने कई जगहों पर इमारतों में आग लगा दी और दुकानों को लूट लिया. व्हाइट हाउस के बाहर भी कई प्रदर्शनकारी पत्थर फेंकने लगे थे.
व्हाइट हाउस में इमरजेंसी के वक्त के लिए खास सुरक्षा के लिए बंकर का निर्माण किया गया है, जैसे कि कोई आतंकी घटना. हालांकि, अब प्रदर्शन की वजह से ट्रंप के बंकर में जाने को विरोधी हथियार के तौर पर भी इस्तेमाल करने लगे हैं.
व्हाइट हाउस के बाहर सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी जमा हो गए थे जिन पर काबू पाने के लिए सुरक्षा बलों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही थी. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति भवन के अंदर तनाव का माहौल हो गया था. प्रदर्शनकारी गेट तक आ गए थे और ईंटें और बोतलें फेंकने लगे थे.
NYT की रिपोर्ट के मुताबिक, सुरक्षा को लेकर चिंतित होने के बाद सीक्रेट सर्विस एजेंट्स अचानक ट्रंप को बंकर में लेकर गए. उनके कई एडवाइजर सलाह दे रहे थे कि बड़े पैमाने पर चल रहे प्रदर्शनों को लेकर उन्हें देश को संबोधित करना चाहिए, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.
शनिवार रात की घटना के बाद रविवार रात को भी प्रदर्शनकारी व्हाइट हाउस के पास पहुंच गए. एहतियात के तौर पर मेयर ने 11 बजे रात के बाद कर्फ्यू लगा दिया.
सोमवार को पुलिस कस्टडी में एक अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत हो गई थी. उन्हें न्याय दिलाने के लिए प्रदर्शन शुरू हुआ था. हालांकि, अमेरिका में लंबे वक्त से अश्वेत लोगों को भेदभाव का शिकार होना पड़ता है. जॉर्ज फ्लॉयड केस के बहाने अब पूरे सिस्टम में बदलाव की मांग हो रही है.