अफ्रीका के इथोपिया में कई जनजातियां ऐसी हैं जो अपने पहनावे, रहन-सहन और कल्चर के चलते दुनिया के कई फोटोग्राफर्स या डॉक्यूमेंट्री फिल्ममेकर्स का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर चुकी हैं. इनमें से एक सूरी जनजाति भी है. इथोपिया के किबिश ओमो वैली और ग्रेट रिफ्ट वैली में रहने वाली ये जनजाति बेहद तकलीफ भरे रस्मो-रिवाजों के लिए जानी जाती है.
इस जनजाति की लड़कियां जब यंग हो रही होती हैं तो उनके लोअर लिप के पास मौजूद दो दांतों को तोड़ दिया जाता है और उनके निचले होंठ में एक छोटा सा गड्ढा बना दिया जाता है. इसके बाद इस होल में एक क्ले डिस्क डाल दी जाती है जो उम्र के साथ साथ बढ़ती रहती है. इसके चलते इन महिलाओं के होंठ भी स्ट्रेच होते रहते हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, सूरी जनजाति के लोग जख्म और घाव के निशानों पर काफी गर्व करने के लिए जाने जाते हैं.
इस जनजाति में जिस लड़की की शादी होने वाली होती है उन्हें बड़ी-बड़ी लिप प्लेट्स पहनाई जाती हैं. ये प्लेट कई बार 10-15 इंच लंबी भी होती है. ये प्लेट जितनी ज्यादा बड़ी होगी, लड़की का पिता दहेज के लिए उतनी ज्यादा गायों की डिमांड कर सकता है. गौरतलब है कि सूरी जनजाति में गायों की विशेष महत्वता है. सूरी जनजाति में इन प्लेट्स को खूबसूरती का प्रतीक माना गया है.
इस जनजाति में कई महिलाएं अपनी स्किन को ही आर्ट समझते हुए अपनी बॉडी पर पेंट करती हैं और अपने आपको आदिवासी समाज में आर्टिस्टिक तौर पर अभिव्यक्त करती हैं. वही इस जनजाति के लोग डोंगा नाम की लड़ाई में शामिल होते हैं. ये लड़ाई डंडों द्वारा लड़ी जाती है. ये लड़ाई इतनी खतरनाक होती है कि कई बार लड़ने वालों की मौत भी हो जाती है. पारंपरिक तौर पर इस लड़ाई के द्वारा यहां के लोग महिलाओं को इंप्रेस करने की कोशिश करते हैं.
इसके अलावा 'डोंगा' के द्वारा इस जनजाति के लोग हिंसा को लेकर भी सहज हो रहे होते हैं ताकि दूसरी जनजातियों से लड़ाई होने पर अपने आपको तैयार किया जा सके. ये लड़ाइयां अक्सर सूरी गांवों में होती हैं जहां अक्सर हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं. हालांकि पिछले कुछ सालों से सूरी जनजाति का कल्चर खतरे में है. इसके अलावा यहां पिस्तौल जैसे हथियारों के आगमन के बाद से भी चीजें काफी हिंसक हुई हैं और इस क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ी है.
इसके अलावा ओमो नदी के पास ही कई शुगर फैक्ट्रियां लगनी शुरू हो गई हैं. इसके चलते सूरी जनजाति को फायदा तो पहुंचता है लेकिन कई लोगों का ये भी मानना है कि फैक्ट्रियों के आने से इन लोगों को मजदूरी के काम में लगाया जा सकता है और सूरी जनजाति की प्राचीन परंपराएं और कल्चर इसके चलते खत्म हो सकता है. (सभी फोटो सोर्स: Getty Images)