इसके पीछे की मान्यता है कि इस खजाने के पैसे को अगर अपने घर और प्रतिष्ठान में रखा जाये तो कभी धन, सुख और समृद्धि में कमी नहीं होती. मां अन्नपूर्णा के स्वर्णिम स्वरूप का दर्शन भी वर्ष भर में मात्र चार दिनों के लिए धनतेरस से खोला जाता है. चंद रेजगारी और धान के लावे को पाने के लिए पूरा-पूरा दिन लोग इंतजार में बिता देने के बाद मां अन्नपूर्णा के जब स्वर्णिम दर्शन भक्तों को मिलते हैं तो उनकी सारी थकान मानो गायब हो जाती है.