scorecardresearch
 
Advertisement
ट्रेंडिंग

इस ज्वालामुखी द्वीप पर रहते 170 लोग, यहां से दिखती है आकाशगंगा

Aogashima Volcanic Island
  • 1/7

इस तस्वीर में जो द्वीप आपको दिख रहा है वह दुनिया का इकलौता प्राकृतिक तारामंडल है. यानी नेचुरल प्लैनेटेरियम. यह एक ज्वालामुखीय द्वीप है पर इसपर इंसान भी रहते हैं. इस द्वीप से रात में आकाशगंगा का सबसे साफ नजारा देखने को मिलता है. आइए जानते हैं कि आखिरकार ये द्वीप है कहां? इसपर कितने लोग रहते हैं. क्या खास है इस द्वीप के बारे में... (फोटोःगेटी)

Aogashima Volcanic Island
  • 2/7

इस द्वीप का नाम है आओगाशिमा (Aogashima). यह फिलिपीन सागर में स्थित जापान का एक ज्वालामुखीय द्वीप (Volcanic Island) है. जापान की राजधानी टोक्यो से 358 किलोमीटर दूर दक्षिण में स्थित है. इस द्वीप का क्षेत्रफल 8.75 वर्ग किलोमीटर है. (फोटोःगेटी)

Aogashima Volcanic Island
  • 3/7

आओगाशिमा (Aogashima) द्वीप पर कुल 170 लोग रहते हैं. इस द्वीप की खास बात ये है कि अगर आसमान साफ रहता है तो यहां से आकाशगंगा (Milky Way) का बेहतरीन नजारा दिखता है. यह द्वीप जापान के फूजी-हाकोने-इजू नेशनल पार्क की परिधि में आता है. (फोटोःगेटी)

Advertisement
Aogashima Volcanic Island
  • 4/7

आओगाशिमा (Aogashima) द्वीप पर स्थित ज्वालामुखी की ऊंचाई 3.5 किलोमीटर और चौड़ाई 2.5 किलोमीटर है. इस द्वीप का सबसे ऊंचा हिस्सा 1388 फीट का है. आओगाशिमा (Aogashima) आखिरी बार 1781 से 1785 तक लगातार फटा था. उसके बाद से फटा नहीं है लेकिन जापान का मौसम विभाग इसे अब भी क्लास-सी कैटेगरी का एक्टिव वॉल्कैनो कहता है. (फोटोःगेटी)

Aogashima Volcanic Island
  • 5/7

बर्ड लाइफ इंटरनेशनल संस्था द्वारा आओगाशिमा (Aogashima) को महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र का दर्जा मिला हुआ है. इस द्वीप पर जापानीज वुडपीजन, प्लेस्केस ग्रासहोपर वारब्लर्स, इजीमा लीफ वारब्लर्स और इजू थ्रसेस नाम के जीव रहते हैं. (फोटोःगेटी)

Aogashima Volcanic Island
  • 6/7

आओगाशिमा (Aogashima) द्वीप पर इंसान कब से रह रहे हैं, इस बारे में कोई आधिकारिक दस्तावेज या इतिहास नहीं है. लेकिन इस द्वीप के बारे में पहली बार 1652 में लोगों ने तब जाना था, जब यहां पर ज्वालामुखी फटा था. (फोटोःगेटी)

Aogashima Volcanic Island
  • 7/7

जुलाई 1780 में यहां पर लगातार भूकंप आए थे. जिसकी वजह से इसके ज्वालामुखी क्रेटर्स में से लावा निकला था. 1783 में हुए ज्वालामुखीय विस्फोट की वजह से 63 परिवारों को अपना घर छोड़ना पड़ा था. लेकिन 1785 में हुए विस्फोट में इस द्वीप पर रहने वाले 327 लोगों में से 140 लोगों की मौत हो गई थी. (फोटोःगेटी)

Advertisement
Advertisement