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लॉकडाउन में नहीं मिली एंबुलेंस, प्रसव में तड़प रही बहन को ठेले पर ले गया भाई

लॉकडाउन में नहीं मिली एंबुलेंस, प्रसव में तड़प रही बहन को ठेले पर ले गया भाई
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कोरोना वायरस के चलते देश में लॉकडाउन लगाया गया है ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोका जा सके. लॉकडाउन की वजह से आने-जाने के सभी साधन बंद हैं. इसकी वजह से सबसे ज्यादा परेशानी मरीजों को हो रही है. हालांकि सरकार ने मेडिकल इमरजेंसी पड़ने पर अस्‍पतालों में चिकित्सा सेवाएं लागू रहने की बात कही थी. लेकिन फिर भी कई जगहों पर सही समय पर लोगों को चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं.
लॉकडाउन में नहीं मिली एंबुलेंस, प्रसव में तड़प रही बहन को ठेले पर ले गया भाई
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ऐसा ही एक मामला असम के धुबरी जिले से सामने आया, जहां एक भाई को अपनी गर्भवती बहन को सिविल अस्पताल जाने के लिए कोई साधन नहीं मिला, जिसके बाद वह खुद ही प्रसव पीड़ा से तड़पती बहन को ठेले पर लेटाकर 3 से 4 किलोमीटर का सफर कर अस्पताल पहुंचा.


लॉकडाउन में नहीं मिली एंबुलेंस, प्रसव में तड़प रही बहन को ठेले पर ले गया भाई
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बताया जा रहा है कि गर्भवती महिला के भाई का नाम अलोप हुसैन है. उसका आरोप है उसने कई बार 108 एम्बुलेंस ऑपरेटर को फोन मिलाया लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला. जिसके बाद उसने खुद ही अपनी बहन को अस्पताल पहुंचाने का फैसला किया. इसके लिए वह प्रसव पीड़ा से तड़पती हुई अपनी बहन को ठेले पर लेटाकर 3 से 4 किलोमीटर का सफर बिरसिंह जेरुआ चार से धुबरी के सिविल अस्पताल पहुंचा.
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लॉकडाउन में नहीं मिली एंबुलेंस, प्रसव में तड़प रही बहन को ठेले पर ले गया भाई
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धुबरी के कुछ लोगों का कहना है कि जब उन्होंने देखा कि एक युवक प्रसव पीड़ा से तड़पती हुई महिला को ठेले पर अस्पताल लेकर आया है. यह दृश्य काफी दिल-दहला देने वाला और दर्द भरा था.
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उन्होंने बताया कि जब हमने उस युवक से मामले के बारे में पूछा तो उसने बताया, 'मेरा नाम अलोप हुसैन है. मैं फकीरगंज थाना धुबरी जिले के अंतर्गत आने वाला झरुआ चार पर रहता हूं. जब मेरी बहन को प्रसव पीड़ा हो रही थी तो मैंने कई बार 108 पर कॉल किया लेकिन कई बार फोन करने के बाद भी एंबुलेंस नहीं आई. आखिर में उसे ढिबरी सिविल अस्पताल में जल्द से जल्द पहुंचने के लिए ठेले का सहारा लेने के लिए मजबूर होना पड़ा.'
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