ऐसा अंधविश्वास है कि बिल्ली को रास्ता काटते देखने पर अपशकुन होता है. लेकिन केरल की उभरती एक युवा एथलीट ऐसी है जो ‘टिंकू’ को अपना गुडलक मानती है. एथलीट की पालतू बिल्ली का नाम टिंकू है. यहां हम जिस एथलीट की बात कर रहे हैं, उनका नाम अल्बा मनोज है.
(फोटो- गोपी उन्नीथन)
अल्बा हाई जम्प एथलीट हैं और कोझिकोड के पुल्लुरमपारा में सेंट जोसेफ हायर सैंकेंड्री स्कूल में नौवीं कक्षा की छात्रा हैं. अभी उन्होंने केरल स्टेट एथलेटिक्स मीट में हिस्सा लिया. कालीकट यूनिवर्सिटी कैम्पस स्टेडियम में सोमवार को शुरू हुई इस मीट के दौरान अल्बा का हौसला बढ़ाने के लिए दर्शक दीर्घा में परिवार वालों और दोस्तों के साथ टिंकू भी शामिल थी.
अल्बा का मानना है कि टिंकू के मौजूद रहने से उन्हें और अच्छा प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिलती है. टिंकू को तभी केज (पिंजरे) में रखा जाता है जब यात्रा करनी होती है.
काले-सफेद रंग की टिंकू की उम्र अभी चार महीने ही है. दरअसल, कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन में अल्बा का स्कूल बंद रहा. इस दौरान अल्बा का टिंकू से बहुत लगाव हो गया. अल्बा उसे अपने एक रिश्तेदार के घर से लाई थीं.
अल्बा अपने माता-पिता अनुपमा और मनोज की इकलौती संतान हैं. अल्बा के माता-पिता और दोस्त भी टिंकू को बहुत लाड-दुलार देते हैं. अल्बा ने मुंबई में हुई 2019-2020 एथलेटिक्स नेशनल चैंपियनशिप में सब जूनियर लेवल पर हाईजम्प में चौथा स्थान प्राप्त किया था. ये अल्बा की पहली नेशनल मीट थी.