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अखाड़ा परिषद का बड़ा बयान- संत नहीं थे भय्यू जी महाराज क्योंकि...

अखाड़ा परिषद का बड़ा बयान- संत नहीं थे भय्यू जी महाराज क्योंकि...
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'गृहस्थ संतों' की अवधारणा पर नाराजगी जताते हुए साधु-संतों के 13 प्रमुख अखाड़ों की शीर्ष संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कहा है कि वह धर्म-अध्यात्म क्षेत्र की विवाहित हस्तियों को संत का दर्जा नहीं देती. परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने पीटीआई-भाषा को दिये साक्षात्कार में कहा- 'भय्यू महाराज की मौत का हमें दु:ख है. वह एक सम्मानित व्यक्ति थे. लेकिन हमारा स्पष्ट तौर पर मानना है कि धर्म-अध्यात्म क्षेत्र की विवाहित हस्तियों को संत नहीं कहा जाना चाहिये.' 50 साल के भय्यू महाराज ने अपने बंगले में 12 जून को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी.
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हिन्दुओं की प्रमुख धार्मिक संस्था के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा, "हम गृहस्थ संत जैसी किसी अवधारणा को कतई मान्यता नहीं देते. हम लोगों ने इस शब्दावली का कई बार विरोध भी किया है." गिरि ने कहा- "धर्म-अध्यात्म क्षेत्र की हस्तियों को तय कर लेना चाहिए कि वे संतत्व चाहते हैं या घर-गृहस्थी. उन्हें एक साथ दो नावों की सवारी नहीं करनी चाहिये. वरना वे पारिवारिक तनाव-दबाव से ग्रस्त रहेंगे."
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अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने कहा, "अब मीडिया और आम जन मानस में कथावाचकों, उपदेशकों और प्रवचनकारों को भी संत कहा जा रहा है. हर किसी के लिये संत शब्द का इस्तेमाल हमारे मुताबिक उचित नहीं है." उन्होंने कहा, "चूंकि आम हिन्दुओं की आस्था भगवा कपड़ों से जुड़ी है. इसलिये आजकल कई गृहस्थ कथावाचक भी भगवा कपड़े पहनकर खुद को संत घोषित कर देते हैं."
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उन्होंने यह सलाह भी दी कि भय्यू महाराज की आत्महत्या के बाद उनके परिवार को आपस में विवाद नहीं करना चाहिये. वरना आध्यात्मिक गुरु के हजारों अनुयायियों की आस्था को चोट पहुंचेगी.
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अधिकारियों के मुता​बिक पुलिस की शुरूआती जांच में सामने आया है कि भय्यू महाराज कथित पारिवारिक कलह से परेशान थे. इसी वजह से आत्महत्या की. हालांकि, पुलिस अन्य पहलुओं पर भी जांच कर रही है.
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भय्यू महाराज का वास्तविक नाम उदय सिंह देशमुख था. वह मध्यप्रदेश के शुजालपुर कस्बे के जमींदार परिवार से ताल्लुक रखते थे. उनकी पहली पत्नी माधवी की नवंबर 2015 में दिल के दौरे से मौत हो गयी थी. इसके बाद उन्होंने वर्ष 2017 में 49 साल की उम्र में मध्यप्रदेश के शिवपुरी की डॉ. आयुषी शर्मा के साथ दूसरी शादी की थी. आयुषी से उन्हें करीब दो महीने की बेटी है.
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भय्यू महाराज के शोक संतप्त परिवार में उनकी मां कुमुदिनी देशमुख (70) और पहली पत्नी से जन्मी बेटी कुहू (17) भी हैं.
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