समुद्र में 30 से 40 फीट ऊंची उठती लहरें, 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हवा, तबाही की आशंका और सेना व NDRF की तैनाती... साइक्लोन बिपरजॉय (Cyclone Biparjoy) के कारण लोगों में दहशत का माहौल है. इस साइक्लोन का सबसे ज्यादा असर गुजरात में देखने को मिलेगा.
बिपरजॉय 15 जून की शाम को गुजरात के कच्छ और पाकिस्तान के कराची के तट से टकराएगा. लेकिन ये कोई पहला साइक्लोन नहीं है, जिसने लोगों को चेहरे पर चिंता की लकीरें खींची हो. इससे पहले कई ऐसे समुद्री तूफान आ चुके हैं, जिन्होंने जमकर तबाही मचाई. आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही साइक्लोन के बारे में...
सबसे पहले बात करते हैं 1999 में ओडिशा में आए सुपर साइक्लोन (Odisha Super Cyclone) की. इस साइक्लोन में करीब 10 हजार लोग मारे गए थे. इसे 20वीं शताब्दी का सबसे खतरनाक साइक्लोन माना जाता है.
रिपोर्ट के अनुसार, तूफान (BOB 1) ने लगभग 13 मिलियन लोगों को प्रभावित किया. 250 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवाओं ने सबकुछ तहस-नहस कर दिया था. समुद्र में 6 से 7 मीटर ऊंची लहरें उठी थीं.
अब बात करते हैं साइक्लोन अम्फान (Cyclone Amphan) की. भारत और बांग्लादेश का पूर्वी हिस्सा 2020 के मई में आए साइक्लोन अम्फान से टकराया था. इस सुपर साइक्लोन ने 190 किमी प्रति घंटे की हवाओं के साथ पेड़ों और घरों को उखाड़ फेंका था. इस तूफान ने भारत में 98 लोगों की जान ली थी. बंगाल और ओडिशा से 5,00,000 से अधिक लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया.
अम्फान तूफान COVID-19 महामारी के दौरान आया था. जिसके चलते फंसे लोगों को पर्याप्त मानवीय सहायता प्रदान करना और भी कठिन हो गया था. फिर भी हमारी सेना और दूसरी रेस्क्यू टीमों ने सामूहिक प्रयास से गजब का काम किया और हजारों लोगों की जान बचाई.
2021 में गुजरात का सामना साइक्लोन तौकते (Cyclone Tauktae) से हुआ. ये एक दशक में अरब सागर से टकराने वाला सबसे घातक तूफान था. इस दौरान करीब 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही थी, जिसने घरों, पेड़ों और बिजली के खंभों को जड़ से उखाड़ फेंका.
रिपोर्ट्स में कहा गया है कि तौकते के कारण चली प्रचंड हवाओं और मूसलाधार बारिश से लगभग 70 लोगों की जान गई थी. 8000 से अधिक मवेशी भी मारे गए थे. करीब 88000 घरों को नुकसान पहुंचा. तटीय क्षेत्रों से लगभग 3 लाख लोगों को सुरक्षित निकाला गया.
साइक्लोन फानी (Cyclone Fani) 2019 में ओडिशा के तट से टकराया था. इसने पुरी समेत कई इलाकों में भयंकर तबाही मचाई थी. उस वक्त 200 किमी/घंटे से भी ज्यादा तेज चल रही हवाओं की जद में जो भी चीज आई, बर्बाद हो गई.
इस तूफान ने लगभग 100 लोगों की जान ली थी. सैकड़ों लोग घायल हुए थे. 1 करोड़ से ज्यादा लोगों को प्रभावित क्षेत्रों से रेस्क्यू भी किया गया था.
साइक्लोन ओखी (Cyclone Ockhi) ने 2017 में दक्षिण भारतीय तट पर दस्तक दी थी. इसने केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों में कहर बरपाया था. इस तूफान में 300 लोगों की जान गई थी. गनीमत थी कि समय रहते लाखों लोगों को खतरे वाले इलाके से निकाल लिया गया था, नहीं तो मृतकों की संख्या हजारों में होती. साइक्लोन ओखी जब अपने पीक पर रहा तब 250 किमी/घंटे से तेज हवाएं चल रही थीं. ओखी 1890 के बाद से केरल से टकराने वाला केवल चौथा साइक्लोन था.
अब साइक्लोन बिपरजॉय से तबाही की आशंका जताई जा रही है. भारतीय मौसम विभाग ने बुधवार को कहा कि 9 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अलर्ट पर रखा गया है. ये राज्य गुजरात, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गोवा, दमन और दीव, दादरा और नगर हवेली हैं. इतना ही नहीं बिपरजॉय के चलते राजस्थान के कुछ इलाकों में भी बारिश का अलर्ट है. साइक्लोन के चलते 15 जून को कच्छ, द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, मोरबी, राजकोट और जूनागढ़ में नुकसान की आशंका है.